एनबीएफसी दें कर्ज का ब्योरा
Business Standard - Hindi|September 16, 2024
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चुनिंदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से भाने चुनिंदा उनके कर्ज के बारे में जानकारी मांगी है। यह जानकारी बकाया कर्ज के प्रकार और उन पर लगने वाले सालाना ब्याज से जुड़ी है। जिन सालाना ब्याज दरों का जिक्र इसमें किया गया है उसमें ये दरें 10 प्रतिशत से कम, 10-20 प्रतिशत, 20-30 प्रतिशत, 30-40 प्रतिशत, 40-50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत से अधिक हो सकती हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस बाबत एनबीएफसी को लिखे गए आरबीआई के पत्र की प्रति देखी है।
रघु मोहन
एनबीएफसी दें कर्ज का ब्योरा

वरिष्ठ एनबीएफसी अधिकारियों का कहना है कि आरबीआई यह जानना चाहता है कि योजनागत श्रेणी में इन कंपनियों द्वारा दिया जा रहा कर्ज सही तरीके से दिया जा रहा है या नहीं और कहीं इसके चलते ऋण का बुलबुला नहीं तैयार हो रहा है। आरबीआई यह भी जानना चाहता है कि अगर वसूली जा रही ब्याज दरें काफी अधिक हैं तो इसका अर्थ यह है कि उचित प्रक्रिया का उल्लंघन हो रहा है। बैंकिंग क्षेत्र के नियामक आरबीआई द्वारा चुनिंदा एनबीएफसी के कर्जों का मांगा जा रहा ब्योरा, उसके कुछ हालिया उपायों के अनुरूप है।

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