केंद्र की ठोस पहल
■ सरकार व्यापक दृष्टिकोण पत्र और रूपरेखा के साथ आने की योजना बना रही है और यह जल्द ही होनी चाहिए
■ कपड़े के प्रमुख उत्पादक व उपभोक्ता भारत को टिकाऊ टेक्सटाइल वैल्यू चेन में अग्रणी भूमिका निभाने की जरूरत
■ वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति इस पर निर्भर करेगी कि हम कितना आगे बढ़ते हैं
केंद्र सरकार कपड़ा उद्योग को पर्यावरण के लिहाज से टिकाऊ बनाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर काम कर रही है। इसका मकसद वैश्विक बाजारों, खासकर विकसित देशों को ध्यान में रखकर कपड़ा उत्पादन और व्यापार की ठोस पहल करना है।
Esta historia es de la edición October 30, 2024 de Business Standard - Hindi.
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यूएलआई से 27,000 करोड़ रुपये के ऋण वितरित हुए
भारतीय रिजर्व बैंक के यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ऋण ढांचे यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) के जरिए 27,000 करोड़ रुपये मूल्य के 6 लाख से अधिक ऋण वितरित किए गए हैं।
जरूरी होने पर ही हस्तक्षेप: सीसीआई
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) किसी क्षेत्र की विशिष्टताओं और व्यापक आर्थिक व नीतिगत पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए बेहद जरूरी होने पर ही सावधानीपूर्वक हस्तक्षेप करता है। यह जानकारी आयोग की 2023-24 की सालाना रिपोर्ट में दी गई।
रेटिंग अपग्रेड: 3 दिन में 9 फीसदी चढ़ा इंडिगो
इंडिगो का शेयर गुरुवार को फिर से चढ़ गया। दिन के कारोबार में यह 2.77 फीसदी चढ़कर 4,736.30 रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया। शेयर में लगातार तीसरे दिन तेजी दर्ज की गई। पिछले तीन कारोबारी सत्रों के दौरान यह शेयर 8.86 फीसदी चढ़ा है।
इस साल भारत तीसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार
साल 2024 में भारतीय बाजार का पूंजीकरण 18.4 फीसदी बढ़कर 5.18 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है।
ऊर्जा बदलाव से दौड़ेगा वृद्धि का इंजन
भारत की दोहरी महत्त्वाकांक्षा है: 2047 तक विकसित देश बनना और 2070 तक विशुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना। इस लक्ष्य को हासिल करने में ऊर्जा क्षेत्र में निर्णायक बदलाव की अहम भूमिका होगी...
आरबीआई के रुख से मांग में दिखी नरमी
जुलाई-सितंबर महीने में देश की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कम रही
महिलाएं वोट में आगे प्रतिनिधित्व में पीछे
आम चुनाव में 543 में से 152 सीटों पर नहीं थी एक भी महिला उम्मीदवार
कांग्रेस का 'जय बापू-जय भीम' अभियान
कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक, पार्टी संगठन में व्यापक बदलाव का लिया गया फैसला
एआई के दौर में मानवीय संवेदनाओं का महत्त्व
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मानव से निर्देश लेने के बजाय स्वयं अपनी दिशा तय करने लगी है। जानकारी खोजने की आजादी से अब यह निर्णय लेने की आजादी तक पहुँच रही है। महज दो साल पहले आया चैटजीपीटी प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने में आसान है, बात कर सकता है और प्रश्नों के उत्तर दे सकता है।
जुलाई 2024 के वादों से निखरेगा बजट!
वर्ष 2025 के बजट में अगर वे वादे पूरे कर लिए जाएं, जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में किए थे तो कहा जा सकता है कि बजट में बहुत कुछ हासिल किया गया। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य