■ उद्यमियों को उम्मीद थी कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली दीवाली तक मांग रहेगी भरपूर
उत्तर प्रदेश का सहारनपुर लकड़ी के सामान और कलाकृतियों का बड़ा केंद्र है और यहां काष्ठ कला उद्योग खूब फलता-फूलता है। कुछ समय पहले सहारनपुर में लकड़ी के हरेक कारखाने और दुकान में राम मंदिर के मॉडल ही नजर आ रहे थे। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कारीगर भी मॉडल बनाने में इतने व्यस्त थे कि उन्हें दूसरे कामों के लिए फुरसत ही नहीं थी मगर अब तस्वीर एकदम जुदा है। राम मंदिर के मॉडलों की मांग बहुत कम हो गई है, इसलिए मंदिर बनाने वाले उद्यमी और कारीगर लगभग खाली बैठे हैं। उन्हें दीवाली के आसपास इन मॉडलों की मांग बढ़ने की उम्मीद थी मगर वह आस भी पूरी नहीं हुई।
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महाकुंभ: 1.65 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे
प्रयागराज महाकुंभ में पौष पूर्णिमा के पहले स्नान में सोमवार को 1.65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
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अमेरिका जाने के लिए वीजा की बहुत अधिक मांग महत्त्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
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वर्ष 2025 में निदेशक मंडलों का एजेंडा
नया साल यानी 2025 उथल-पुथल भरा रह सकता है। ऐसे में निदेशक मंडलों (बोर्ड) पर अपनी कंपनियों को इस नए साल में नई चुनौतियों से उबारने की जिम्मेदारी होगी।
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रूस की तेल व गैस इकाइयों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नवीनतम प्रतिबंधों का परोक्ष असर भारत पर भी हो सकता है। इससे भारत को रूस से छूट पर मिलने वाले कच्चे तेल में कटौती हो सकती है और क्रूड बाजार कीमतों पर खरीदना पड़ सकता है।
रुपये की विनिमय दर में स्थिरता अनिवार्य नहीं
रुपये में आई हालिया भारी गिरावट और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई तेज कमी के कारण अब इस पर बहस शुरू हो गई है कि क्या विनिमय दर को स्थिर बनाए रखना जरूरी है और वांछनीय है।
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वर्ष 2023 में 6 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद पिछले साल कंपनियों ने पुनर्खरीद पेशकश पर कम रकम खर्च की। सरकार ने कर बोझ कंपनियों से निवेशकों पर डाल दिया। इस कारण इस खर्च में कमी आई। वर्ष 2024 में 48 कंपनियों ने 13,423 करोड़ रुपये के शेयर पुनः खरीदे। यह रकम 2023 में इतनी ही संख्या वाली कंपनियों की शेयर पुनर्खरीद राशि से कम है। तब उनकी राशि 48,079 करोड़ रुपये रही थी।