समय का फेर जब मारे पलटी, कर दे सब ढेर!
Jyotish Sagar|October-2023
जब जीवनचक्र में शुभ समय चल रहा होता है, तो वह शुभ समय जातक को स्वतः ही शुभ कर्म भी कराता रहता है। वहीं जब समय अशुभ चलता है, तो वह पापकर्म कराता है।
डॉ. अमित कुमार 'राम'
समय का फेर जब मारे पलटी, कर दे सब ढेर!

उदाहरण के रूप में देखें, तो कंस अपनी लाड़ली बहिन देवकी का वसुदेव से विवाह कर स्वयं रथ हाँक रहा था कि तभी उसका समय विपरीत हो जाता है और भविष्यवाणी होती है कि इस देवकी का आठवाँ पुत्र ही तुम्हारा वध करेगा और राजा कंस देवकी और वसुदेव को बन्दी बना लेता है और फिर विपरीत समय उससे अधिक से अधिक पापकर्म करवाता है और इसी पापकर्म के कारण वह अपने अन्त को प्राप्त होता है।

उदाहरण कुण्डली-1 में जातक उच्च पद पर था। सन् 2019 में एक युवती जातक के पास एक शिकायत के समाधान के लिए आई। जातक का समय विपरीत हो चुका था। उसने युवती को अनायास ही हाथ से छुआ। जातक के अनुसार पता नहीं मुझ पर कैसी मदहोशी छाई कि अचानक से मेरा हाथ युवती को छूने की कोशिश करने लगा। युवती ने कहा कि 'आप ये क्या कर रहे हैं, लेकिन फिर भी मैंने उसे छुआ।'

और इसी छूने के चक्कर में जातक पर केस दर्ज हुआ। उसे अपनी उच्च पद की नौकरी छोड़नी पड़ी और न्यायालय द्वारा उसे दो वर्ष की सजा सुनाई गई। इसके बाद जातक को कोई भी नौकरी नहीं मिली और न ही उसकी इच्छा पूर्ण हुई, लेकिन वह आज भी असमंजस में ही है कि आखिर उसने ऐसे कैसे कर दिया?

उदाहरण-1: एक जातक

जन्म दिनांक: 24 सितम्बर, 1978

जन्म समय: 18:45 बजे

जन्म स्थान: सोनीपत (हरियाणा)

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