जन्मकुण्डली का दशम भाव आजीविका अथवा कॅरियर को नियन्त्रित करता है। व्यक्ति की आजीविका किस स्तर की होगी? यह जन्मकुण्डली के दशम भाव की स्थिति पर निर्भर करता है, परन्तु जब हम अपनी आजीविका को भी विशेषतः व्यापार के रूप में देखते हैं, तो यहाँ जन्मपत्रिका के सप्तम और एकादश भाव की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
जन्मपत्रिका का सप्तम भाव स्वतंत्र व्यवसाय और एकादश भाव लाभ का कारक होता है, अतः कॅरिअर में भी विशेष रूप से केवल व्यापार में सफलता मिलना अथवा नहीं मिलना जन्मपत्रिका के सप्तम और एकादश भाव की स्थिति पर निर्भर करता है। बिजनेस में सफलता के लिए सप्तम और एकादश भाव और इनके स्वामियों का अच्छी स्थिति में होना बहुत आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त व्यापार का नैसर्गिक नियन्त्रक ग्रह बुध को माना गया है, अतः व्यापार में सफलता और अच्छे व्यापारिक गुणों के लिए जन्मपत्रिका में बुध का बलवान् होना भी बहुत आवश्यक होता है। बिजनेस में सफलता के लिए सप्तम भाव, एकादश भाव और बुध तीनों घटकों का अच्छी स्थिति में होना आवश्यक है, परन्तु व्यापार में सफलता और अच्छी उन्नति के लिए जो घटक सर्वाधिक महत्त्व रखता है, वह है कुण्डली का लाभ स्थान अर्थात् एकादश भाव, क्योंकि बिजनेस में किए गए इन्वेस्टमेंट का रिटर्न अथवा लाभ हमें अच्छी स्थिति में मिल पाए। यह लाभ स्थान और लाभेश की शक्ति पर निर्भर करता है, अतः एक बिजनेसमैन की जन्मपत्रिका में लाभ स्थान और लाभेश का बली होना व्यापार की सफलता को तय करता है।
बिजनेस में सफलता के योग
1. यदि सप्तमेश सप्तम भाव में हो अथवा सप्तम भाव पर सप्तमेश की दृष्टि हो, तो बिजनेस में सफलता मिलती है।
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सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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