वेलेंटाइन डे के निमित्त युवक-युवतियाँ कुआसक्ति, कुकर्म, कुचिंतन, कुवासना में तबाह हो रहे थे। मेरे हृदय में पीड़ा हुई कि 'अनजाने में लोग बेचारे पतन के रास्ते जा रहे हैं' तो मातृपितृ पूजन दिवस की परमात्म-प्रेरणा हुई और आज विश्वव्यापी सत्कर्म हो रहा है। परमात्मा आप पर कितने मेहरबान हैं, कितनी करुणाकृपा करते हैं कि संत के हृदय में प्रेरणा देते हैं! और सत्संग के द्वारा हमारी कितनी उन्नति कर रहे हैं! यह ईश्वर की अनुपम करुणा-कृपा है।
वेलेंटाइन डे के निमित्त 'आई लव यू... आई लव यू...' करके युवक-युवतियाँ एकदूसरे को फूल दें, एक-दूसरे को स्पर्श करें, काम-विकार की नजर से देखें... न जाने क्या-क्या दुराचार करें ! वेलेंटाइन डे की आफत से युवक-युवतियों को बचाकर मातृ-पितृ पूजन दिवस के दैवी कार्य में जो भागीदार होते हैं फिर चाहे विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षकबंधु हों, शिक्षिका बहनें हों, चाहे समितियों के भाईबहन हों... वे सब पृथ्वी पर के देव हैं देव! इस बात को मैं डंके की चोट पर कह रहा हूँ कि जो सत्संग देते हैं, दिलाते हैं वे धरती के देव हैं। उनकी माता धन्य है, उनके पिता धन्य हैं, उनका कुल- गोत्र धन्य है, वे जहाँ बैठते हैं वह भूमि भी धन्य है ! शिवजी के ये वचन मैं हृदयपूर्वक स्वीकार करता हूँ :
धन्या माता पिता धन्यो गोत्रं धन्यं कुलोद्भवः ।
धन्या च वसुधा देवि यत्र स्याद् गुरुभक्तता ॥
भाइयो-बहनो ! बेटे-बेटियाँ ! जिस सत्कार्य में तुम लगे हो, दूसरों को लगा रहे हो उससे कई युवक-युवतियों की जिंदगी सुहावनी हो गयी, कई बुजुर्ग माता-पिताओं के हृदय से हृदयेश्वर छलका और उनको छलकते हुए मैं देखता-जानता हूँ तो मेरा हृदय भी द्रवीभूत, भावविभोर हो जाता है।
Esta historia es de la edición January 2023 de Rishi Prasad Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición January 2023 de Rishi Prasad Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
ज्ञान के दीप, भक्ति के पुंज व सेवा की ज्योति से सजी दिवाली
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि | हमारी संस्कृति के पावन पर्व दीपावली पर दीप जलाने की परम्परा के पीछे अज्ञान-अंधकार को मिटाकर आत्मप्रकाश जगाने का सूक्ष्म संकेत है। १ से ७ नवम्बर तक अहमदाबाद आश्रम में हुए 'दीपावली अनुष्ठान एवं ध्यान योग शिविर' में उपस्थित हजारों शिविरार्थियों ने हमारे महापुरुषों के अनुसार इस पर्व का लाभ उठाया एवं अपने हृदय में ज्ञान व भक्ति के दीप प्रज्वलित कर आध्यात्मिक दिवाली मनायी।
पुत्रप्राप्ति आदि मनोरथ पूर्ण करनेवाला एवं समस्त पापनाशक व्रत
१० जनवरी को पुत्रदा एकादशी है। इसके माहात्म्य के बारे में पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत में आता है :
पंचकोष-साक्षी शंका-समाधान
(पिछले अंक में आपने पंचकोष-साक्षी विवेक के अंतर्गत जाना कि पंचकोषों का साक्षी आत्मा उनसे पृथक् है । उसी क्रम में अब आगे...)
कुत्ते, बिल्ली पालने का शौक देता है गम्भीर बीमारियों का शॉक!
कुत्ते, बिल्ली पालने के शौकीन सावधान हो जायें !...
हिम्मत करें और ठान लें तो क्या नहीं हो सकता!
मनुष्य में बहुत सारी शक्तियाँ छुपी हुई हैं। हिम्मत करे तो लाख-दो लाख रुपये की नौकरी मिलना तो क्या, दुकान का, कारखाने का स्वामी बनना तो क्या, त्रिलोकी के स्वामी को भी प्रकट कर सकता है, ध्रुव को देखो, प्रह्लाद को, मीरा को देखो।
पुण्यात्मा कर्मयोगियों के नाम पूज्य बापूजी का संदेश
'अखिल भारतीय वार्षिक ऋषि प्रसाद-ऋषि दर्शन सम्मेलन २०२५' पर विशेष
मकर संक्रांति : स्नान, दान, स्वास्थ्य, समरसता, सुविकास का पर्व
१४ जनवरी मकर संक्रांति पर विशेष
समाजसेवा व परदुःखकातरता की जीवंत मूर्ति
२५ दिसम्बर को मदनमोहन मालवीयजी की जयंती है। मालवीयजी कर्तव्यनिष्ठा के आदर्श थे। वे अपना प्रत्येक कार्य ईश्वर-उपासना समझकर बड़ी ही तत्परता, लगन व निष्ठा से करते थे। मानवीय संवेदना उनमें कूट-कूटकर भरी थी।
संतों की रक्षा कीजिये, आपका राज्य निष्कंटक हो जायेगा
आप कहते हैं... क्या पुरातत्त्व विभाग के खंडहर और जीर्ण-शीर्ण इमारतें ही राष्ट्र की धरोहर हैं? ... राष्ट्रसेवा करने का सनातनियों ने उन्हें यही फल दिया !
ब्रह्मवेत्ता संत तीर्थों में क्यों जाते हैं?
एक बड़े नगर में स्वामी शरणानंदजी का सत्संग चल रहा था। जब वे प्रवचन पूरा कर चुके तो मंच पर उपस्थित संत पथिकजी ने पूछा कि ‘“महाराज ! आप जो कुछ कहते हैं वही सत्य है क्या?\"