ब्रह्मवेत्ता संत तीर्थों में क्यों जाते हैं?
Rishi Prasad Hindi|December 2024
एक बड़े नगर में स्वामी शरणानंदजी का सत्संग चल रहा था। जब वे प्रवचन पूरा कर चुके तो मंच पर उपस्थित संत पथिकजी ने पूछा कि ‘“महाराज ! आप जो कुछ कहते हैं वही सत्य है क्या?"
ब्रह्मवेत्ता संत तीर्थों में क्यों जाते हैं?

शरणानंदजी ने तत्काल कहा : "सत्य क्या है और कैसा है यह तो सत्य जाने किंतु मैंने उसे जैसा समझा और अनुभव किया वैसा ही उसका निरूपण कर रहा हूँ। यह सत्य है। इसमें रंचमात्र भी संदेह नहीं है।”

Esta historia es de la edición December 2024 de Rishi Prasad Hindi.

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