वह गयी, उसको जहाँ कहीं दूध देना था, देकर थोड़ी देर के बाद आयी। मुनीम व्यस्त था, उसने फिर कहा : “थोड़ी देर के बाद आना।"
उसको जो कुछ खरीदना था, खरीद के फिर आयी। मुनीम ने कहा : “इतनी जल्दी क्या है, जरा बाद में आना।”
'बाद में, बाद में...' करते-करते शाम हो गयी। ग्वालिन को सूरज डूबता हुआ दिखा। उसने कहा : "मुनीमजी ! हमको पैसा दे दो।”
मुनीम ने कहा : “तू चक्कर मार के आ जा। मैं इतना थोड़ा-सा काम कर लूँ फिर दे दूँगा पैसे।”
जाकर आयी तब तक सूरज डूब गया। अब तो ग्वालिन ने मुनीम की तरफ ताका कि 'यह काम कब निपटायेगा, कब पूरा करेगा !' ग्वालिन का धैर्य टूटा और उसने झिड़कते हुए कहा : “पैसा दे दो, अब मेरे पास समय नहीं है, जल्दी करो... पैसा दे दो।”
उसकी झिड़कनवाली आवाज सेठ के कानों में पड़ी। ग्वालिन ने फिर कहा : "बाबा ! पैसा दे दो। आर बेला नाई..." यानी अब और समय नहीं है।
सेठ का कोई पुण्य उदय हुआ। सेठ ने मुनीम को कहा : ‘‘मुनीम ! आर बेला नाई... जिंदगी के दिन बीत गये, काम समेटो।”
मुनीम चौंका। सेठ कहता है : ‘‘इसमें आश्चर्य करने की बात नहीं है, उसने ठीक कहा है। मेरे भी ५० वर्ष हो गये, अब ज्यादा समय नहीं जिंदगी।"
बहुत पसारा मत करो, कर थोड़े की आस।
बहुत पसारा जिन किया, वे भी गये निराश ॥
क्या करिये क्या जोड़िये, थोड़े जीवन काज।
छोड़ी-छोड़ी सब जात है, देह गेह' धन राज ॥
Esta historia es de la edición February 2023 de Rishi Prasad Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February 2023 de Rishi Prasad Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।