(चतुर्मास: २९ जून से २३ नवम्बर)
चतुर्मास में भगवान नारायण शेषशय्या पर योगनिद्रा में विश्रांति योग करते हैं। इन दिनों में मकान-दुकान बनाना, शादी-विवाह और सकाम मांगलिक कार्य करना वर्जित है। चतुर्मास में पति-पत्नी का सांसारिक व्यवहार न करने का व्रत लें तो आपका बल, बुद्धि, ओज बढ़ेगा और तबीयत अच्छी रहेगी, ब्रह्मचर्य व संयम से आपकी कांति बढ़ेगी। चरित्र की साधना-सत्य बोलना, हिंसा से बचना, मन, वचन और कर्म से नीच कर्मों का त्याग करना... इससे चतुर्मास में आपके साधन-भजन में खूब बढ़ोतरी होगी। संकल्प लें कि 'मौन रखेंगे, जप करेंगे, ध्यान करेंगे, नीच कर्मों का त्याग करेंगे। छल-कपट, झूठ आदि जिससे भी अंतरात्मा की अधोगति हो उससे बचेंगे और जिससे भी आत्मोन्नति हो वह करेंगे।'
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
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अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।