२ अक्टूबर को महात्मा गांधीजी की जयंती है। दुबले-पतले दिखनेवाले गांधीजी ने साधनों व सत्ता से सम्पन्न अंग्रेजों को कैसे हिलाकर रख दिया, उनमें ऐसी कौन-सी शक्ति थी इसके बारे में पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है :
मन जितना आपके नियंत्रण में होगा उतना आप सफल होंगे। गोलमेज सम्मेलन में जॉर्ज पंचम ने गांधीजी को बुलाया था। गांधीजी गये तो उनकी प्रशंसा की, भोजन करवाया। बाद में बैठक शुरू हुई। जॉर्ज पंचम ने तेवर बदले, गांधीजी को डाँटना शुरू किया : "हमारे गोरे अंग्रेजों को, अधिकारियों को तुम्हारे हिन्दुस्तानी लोग मारते हैं, बम बनाते हैं, यह करते हैं... और तुम अहिंसा-अहिंसा कर रहे हो? तुमको पता नहीं मेरे में कितनी ताकत है ! तुम अपने को क्या समझते हो? तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है।...” ऐसा करके गांधीजी पर वह बरसने लगा।
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
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बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
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पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
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९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।