सिजोफ्रेनिया दबे पांव देता है दस्तक
Grihshobha - Hindi|October First 2022
यह बीमारी ठीक फोबिया की तरह ही है जिस में रोगी को हर चीज से खतरा महसूस होता है, बातबात पर शक करता है. समय रहते इस का इलाज जरूरी है...
नसीम अंसारी कोचर
सिजोफ्रेनिया दबे पांव देता है दस्तक

काम के प्रति उत्साह होना बहुत अच्छी बात है, लेकिन जब यही उत्साह सभी सीमाओं को तोड़ते हुए उन्माद में बदल जाए और किसी शख्स पर हावी हो जाए तो परेशानी बन जाता है. राकेश आहूजा को अपना घर इतना ज्यादा साफसुथरा और कायदे से रखने की आदत है कि अपनी महरी से वे 2-2, 3-3 बार फर्श पर पोंछा लगवाते हैं. उन के वहां कोई महरी 1 महीने से ज्यादा नहीं टिकती. महल्ले के लोग उन्हें हर समय कामवाली की तलाश करते ही पाते हैं.

उन की पत्नी सीमा बेटे को ले कर अपने मायके में रहती हैं क्योंकि राकेश आहूजा को यह बरदाश्त नहीं था कि उन के नन्हे बेटे के खिलौने, कपड़े आदि घर में बिखरे रहें. सीमा आहूजा सफाई के प्रति पति के सनकीपन से घबरा उठी तो उन्होंने घर छोड़ दिया. वे कहती हैं कि घर वह होता है जहां आदमी सुकून से रह सके, वह तो होटल है, चमचमाता हुआ, जहां बच्चा अपनी मरजी से खिलौने फैला कर खेल भी नहीं सकता.

मेनिया यानी सनक की शिकार

लत, सनक को डाक्टर मेनिया का नाम देते हैं. राकेश आहूजा और अंजलि की सास दोनों मेनिया यानी सनक का शिकार हैं, जिन्हें इलाज की जरूरत है. कभीकभी लोग शक को हकीकत मान कर अपनी और दूसरे की जिंदगी बेहाल बना देते हैं. जैसे कोमल को लगता है कि उन के पति का दूसरी औरतों के साथ चक्कर है.

इस चक्कर में वे खुद तनावग्रस्त रहती हैं. पति का फोन, उन का मेल बौक्स, बैग, पतलून की जेबें टटोलती रहती हैं. कुछ न मिलने पर झुंझलाती हैं और पति से लड़ने का बहाना तलाशती हैं. अपने शक के कारण उन्होंने अपनी सेहत तो खराब कर ही ली है, पति भी कलह से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय औफिस में ही बिताते हैं. कोमल की जो मानसिक हालत है, साइंस की भाषा में उसे सिजोफ्रेनिया कहते हैं.

जब दिमाग में कैमिकल लोचा हो तो मुन्ना भाई एमबीबीएस वाली स्थिति बन जाती है. गांधीजी के बारे में ज्यादा पढ़ने पर चारों ओर वे ही दिखने लगते हैं. जब ऐसी स्थिति आम जिंदगी में भी बनने लगे, तब इलाज की जरूरत होती है.

इसी तरह कई बार इतने उन्मादी बन जाएं कि हकीकत से नाता ही टूट जाए. पौकेट या अकाउंट में 100 रुपए भी न हों, लेकिन किसी को करोड़ों रुपए दान देने की बात करे या बैंक चैक भी साइन कर के दे दें तो इलाज कराना अति आवश्यक हो जाता है.

Esta historia es de la edición October First 2022 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición October First 2022 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE GRIHSHOBHA - HINDIVer todo
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024