रेप यानी बलात्कार यानी किसी भी लड़की या महिला के साथ उस की बिना सहमति से किया गया सैक्स भी एक दुर्घटना जैसा ही होता है. इसे नैतिकता के साथ जोड़ना पीड़ित के साथ अन्याय होता है. इस की वजह से उसे मानसिक और शारीरिक पीड़ा के साथसाथ सामाजिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ता है.
दूसरी दुर्घटनाओं में पीड़िता को केवल अस्पताल और पुलिस थाने के ही चक्कर लगाने पड़ते हैं, पर रेप पीड़िता को अस्पताल और थाने के साथसाथ समाज का सामना भी करना पड़ता है. इस की वजह है कि रेप पीड़िता के साथ समाज वैसा संदेनशील व्यवहार नहीं करता जैसा दूसरी दुर्घटनाओं के पीड़िता के साथ करता है. इस की एकमात्र वजह यह है कि रेप पीड़िता की नैतिकता को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया जाता है. उस के ही चरित्र को खराब मान लिया जाता है.
रेप पीड़िता के चरित्र को खराब मान लेने से रेप का शिकार होने के बाद से एक तरह से उस का सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है. समाज और नैतिकता की वजह से रेप पीड़िता को छिपछिप कर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ऐसे में कई बार वह अकेलेपन का शिकार हो कर मानसिक रोगी हो जाती है.
एक तरह से देखें तो रेप करने वाले को केवल पुलिस और कानून सजा देता है लेकिन रेप पीड़िता को पूरा समाज अलगथलग कर के सजा देता है. इस डर के कारण ही कई बार रेप की शिकार लड़की या महिला पूरे मामले में खामोश रह जाती है और अपराधी को सजा नहीं मिल पाती जिस की वजह से वह दूसरी लड़कियों को भी अपना शिकार बनाता रहता है.
पौराणिककाल से चला आ रहा भेदभाव
पौराणिक ग्रंथों की तमाम कथाओं में यह बताया गया है कि रेप पीड़िता ही असल में दोषी होती है. इसलिए सजा उसे ही मिलनी चाहिए. इस का सब से बड़ा उदाहरण गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के साथ घटी घटना है. अहिल्या बहुत सुंदर थी. देवराज इंद्र का उन पर दिल आ गया. एक दिन जब गौतम ऋषि पूजापाठ के लिए अपनी कुटिया से बाहर गए तो देवराज इंद्र उन का रूप धर कर अहिल्या के पास आए और उन के साथ सैक्स संबंध बनाया. इंद्र को गौतम ऋषि के रूप में देख कर अहिल्या उन को पहचान नहीं पाई और सैक्स संबंध की इजाजत दे दी.
Esta historia es de la edición November Second 2022 de Grihshobha - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición November Second 2022 de Grihshobha - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....