मानसी क्राइम रिपोर्टर थी. वह संवेदनशील और जुझारू रिपोर्टर थी. कानपुर में ज्यादातर सलवारकुरते में ही रिपोर्टिंग करती थी. उसे इस परिधान में कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि इन कपड़ों में उस की परफौरमैंस पर कोई असर पड़ा. इस पहनावे में उसे अपनी ऊर्जा में कोई कमी महसूस नहीं हुई बल्कि इस में वह खुद को बहुत कंफर्टेबल महसूस करती थी. शहर के लोग उस की काबिलियत से वाकिफ थे. किसी भी पुलिस अधिकारी ने उसे इंटरव्यू देने में कभी आनाकानी नहीं की. वह भीतर की बातें भी बड़ी आसानी से निकाल लाती थी.
मगर मानसी जब 2008 में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से ट्रांसफर हो कर दिल्ली आई तो उन दिनों दिल्ली में कई आतंकी घटनाएं और बम धमाके हुए थे. मानसी ने अपनी पत्रिका के लिए इन घटनाओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ कवर किया. पीड़ितों का अस्पताल जाजा कर हाल पूछा और लिखा मगर संबंधित क्षेत्र के डीसीपी और क्राइम सैल के हैड की बाइट लेने के लिए कई चक्कर लगाने पर भी उसे सफलता नहीं मिली. उस ने कमिश्नर औफ पुलिस का इंटरव्यू लेने के लिए भी कोशिश की मगर 3 दिन तक वह उन के कार्यालय के बाहर बैठ कर वापस आ गई. मुलाकात नहीं हो सकी.
ऐसे खोलें तरक्की के रास्ते
दरअसल, इन अधिकारियों के औफिस में हर वक्त मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा रहता था. जींसटौप में टिपटौप दिखती, बौयकट बालों को झटकती, फुल मेकअप में रिपोर्टर कम और मौडल या ऐंकर ज्यादा लगने वाली रिपोर्टर्स को ही हर जगह अहमियत मिल रही थी.
अधिकारी का चपरासी ऐसी बालाओं को फटाफट साहब से मिलवा रहा था जबकि मानसी द्वारा विजिटिंग कार्ड भिजवाए जाने के बाद भी उसे अधिकारी से मिलने में सफलता नहीं मिली.
मानसी झुंझला कर अपने ऑफिस लौट आई मगर अधिकारी की बाइट या इंटरव्यू के बिना उस की रिपोर्ट को अधूरा कह कर एडिटर ने उसे उस की टेबल पर वापस पटक दिया. मानसी रोंआसी हो गई. तव साथी रिपोर्टर निखिल ने उसे समझाया और बोला कि दिल्ली में रिपोर्टिंग करनी है तो पहले अपना हलिया बदलो.
Esta historia es de la edición February Second 2023 de Grihshobha - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February Second 2023 de Grihshobha - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
फिल्म वालों की शादी परदे पर कुछ हकीकत में कुछ
फिल्म इंडस्ट्री प्यार के लिए जान देने वाली प्रेमिका या प्रेमी की प्रेमगाथा फिल्मों में तो दिखाते हैं, मगर असल जिंदगी में इनका प्यार कैसा होता है, क्या जानना नहीं चाहेंगे.....
बौलीवुड में ग्रुपबाजी बहुत है शबीना खान नृत्य निर्देशक
एक नृत्य निर्देशक के रूप में शबीना ने न सिर्फ नाम बल्कि पैसा भी कमाया. जानिए, कुछ दिलचस्प बातें खुद उन्हीं से....
ऐसे पाएं उभरी नीली नसों से छुटकारा
टांगों व जांघों पर मकड़ीनुमा नीली नसों से कैसे नजात पाएं, जरूर जानिए...
इस्तांबुल करीब से देखें इतिहास
कुदरती नजरों और ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना चाहते हैं, तो इस्तांबुल की सैर पर जाइए...
नकली बारिश राहत या नुकसान
नकली बारिश कैसे होती है और इस के फायदे और नुकसान क्या हैं, एक बार जानिए जरूर...
राजस्थानी जायकों की बात निराली
राजस्थान न सिर्फ पर्यटन के लिए, बल्कि अपने विशिष्ट पहनावे और खानपान के लिए भी खासा मशहूर है.....
एक नई भाषा है इमोजी
जब शब्द कम पड़ जाएं तो इमोजी उन्हें किस तरह पूरा कर देती है, क्या जानना नहीं चाहेंगे....
डिजिटल अरैस्ट ठगी का नया तरीका
आजकल ठगी का नया ट्रेंड चला है, जिसे औनलाइन अरेस्ट कहते हैं. क्या है यह और कैसे आप इस के शिकार बन सकते हैं, जानिए.....
क्या पेरैंटस लव मैरिज के लिए तैयार नहीं हैं
जब आप को हो गया हो प्यार मगर पेरैंट्स इस मैरिज के लिए न हों तैयार, तो फिर क्या करें....
टेस्ट में टिवस्ट
फ़ूड रेसिपीज