सोच पर असर डालता है पहनावा
Grihshobha - Hindi|February Second 2023
किसी की वेशभूषा का उस के व्यक्तित्व पर किस प्रकार प्रभाव पड़ता है, एक बार जानिए जरूर...
नसीम
सोच पर असर डालता है पहनावा

मानसी क्राइम रिपोर्टर थी. वह संवेदनशील और जुझारू रिपोर्टर थी. कानपुर में ज्यादातर सलवारकुरते में ही रिपोर्टिंग करती थी. उसे इस परिधान में कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि इन कपड़ों में उस की परफौरमैंस पर कोई असर पड़ा. इस पहनावे में उसे अपनी ऊर्जा में कोई कमी महसूस नहीं हुई बल्कि इस में वह खुद को बहुत कंफर्टेबल महसूस करती थी. शहर के लोग उस की काबिलियत से वाकिफ थे. किसी भी पुलिस अधिकारी ने उसे इंटरव्यू देने में कभी आनाकानी नहीं की. वह भीतर की बातें भी बड़ी आसानी से निकाल लाती थी.

मगर मानसी जब 2008 में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से ट्रांसफर हो कर दिल्ली आई तो उन दिनों दिल्ली में कई आतंकी घटनाएं और बम धमाके हुए थे. मानसी ने अपनी पत्रिका के लिए इन घटनाओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ कवर किया. पीड़ितों का अस्पताल जाजा कर हाल पूछा और लिखा मगर संबंधित क्षेत्र के डीसीपी और क्राइम सैल के हैड की बाइट लेने के लिए कई चक्कर लगाने पर भी उसे सफलता नहीं मिली. उस ने कमिश्नर औफ पुलिस का इंटरव्यू लेने के लिए भी कोशिश की मगर 3 दिन तक वह उन के कार्यालय के बाहर बैठ कर वापस आ गई. मुलाकात नहीं हो सकी.

ऐसे खोलें तरक्की के रास्ते

दरअसल, इन अधिकारियों के औफिस में हर वक्त मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा रहता था. जींसटौप में टिपटौप दिखती, बौयकट बालों को झटकती, फुल मेकअप में रिपोर्टर कम और मौडल या ऐंकर ज्यादा लगने वाली रिपोर्टर्स को ही हर जगह अहमियत मिल रही थी.

अधिकारी का चपरासी ऐसी बालाओं को फटाफट साहब से मिलवा रहा था जबकि मानसी द्वारा विजिटिंग कार्ड भिजवाए जाने के बाद भी उसे अधिकारी से मिलने में सफलता नहीं मिली.

मानसी झुंझला कर अपने ऑफिस लौट आई मगर अधिकारी की बाइट या इंटरव्यू के बिना उस की रिपोर्ट को अधूरा कह कर एडिटर ने उसे उस की टेबल पर वापस पटक दिया. मानसी रोंआसी हो गई. तव साथी रिपोर्टर निखिल ने उसे समझाया और बोला कि दिल्ली में रिपोर्टिंग करनी है तो पहले अपना हलिया बदलो.

Esta historia es de la edición February Second 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición February Second 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE GRIHSHOBHA - HINDIVer todo
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024