38 साल की नताशा अपना बुटीक चलाती था. कोरोना से पहले बुटीक से अच्छीखासी कमाई हो जाती थी. लेकिन कोरोना के कारण धंधा ऐसा चौपट हुआ कि दुकान बेचनी पड़ी.
दुकान बिक जाने के कारण नताशा अब स्ट्रैस में रहने लगी है. उस की सहनशक्ति घटने लगी है जिस के कारण पति से हर छोटीछोटी बात पर उस का झगड़ा हो जाता है. घर बैठे रहने के कारण नताशा का ईटिंग पैटर्न भी बदल गया. जो नताशा पहले 55 किलोग्राम की हुआ करती थी, आज उस का वजन 86 किलोग्राम हो गया है.
स्ट्रैस होने पर वह बाहर से कुछ न कुछ चटपटा और्डर कर के मंगवा लेती है और खाने लगती है. उसे लगता है इस से उस का स्ट्रैस थोड़ा कम होगा, लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है. आईने में खुद को देख कर नफरत होने लगती है उसे. कोरोना के कारण बिजनैस ठप्प हो जाने के चलते ऐंग्जाइटी डिसौर्डर का शिकार हुई और उस के बाद ईटिंग डिसऑर्डर का. वह अपनी सैल्फ इमेज को ले कर परेशान रहती है.
इमोशनल ईटिंग क्या है
इमोशनल ईटिंग एक ऐसी आदत है जब आप कई बार नकारात्मक भावनाओं से उबरने के चक्कर में ज्यादा खाने लगते हैं. कभीकभी तो आधी रात को भी भूख लगने पर आप फ्रिज में खाना ढूंढ़ने लगते हैं. न मिलने पर पिज्जा, बर्गर, पासता और न जाने क्याक्या और्डर कर देते हैं.
कई बार आप गुस्से, उदासी, पार्टनर से ब्रेकअप या मन में चल रही ऊटपटांग बातों से डर कर खाने लगते हैं. जो भी मिला बिना फायदानुकसान जाने उसे खाने लगते हैं और फिर पछतावे की आग में जलने लगते हैं कि हाय, इतना सब क्यों खा लिया.
26 साल का देवांग ग्रैजुएशन कर 4 साल से नौकरी की तलाश में है. लेकिन अभी तक वह सफल नहीं हो पाया है जिस के कारण वह स्ट्रैस में रहने लगा है. उस के अंदर नैगेटिविटी भर गई है कि अब उस की नौकरी नहीं लगने वाली और इसी स्ट्रैस में वह बाहर से पिज्जा, पास्ता, मोमोस वगैरह ऊटपटांग चीजें मंगवा कर खाने लगता है. पेट भरा होने के बावजूद उस का कुछ न कुछ खाने का मन होता रहता है और फिर बाद में गिल्टी महसूस करता है कि क्यों खाया.
Esta historia es de la edición April Second 2023 de Grihshobha - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición April Second 2023 de Grihshobha - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....