"जी हां, इस देश की जितनी भी समस्याएं हैं, जैसे बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी या फिर महिला उत्पीड़न के मामले अथवा स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी समस्याएं या फिर सामाजिक असमानता की समस्या इन सभी समस्याओं का एकमात्र हल धार्मिक तीर्थस्थल हैं.
इन सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है, बस आप को इस के लिए करना यह है कि आप जो भी बचत करते हैं उन पैसों को, अपनी कमाई के बड़े हिस्से को प्रतिदिन अलगअलग भेषभूषाधारी इन बाबाओं के चरणों में अर्पित करें. मंदिरों में दानदक्षिणा दें अथवा किसी धार्मिक तीर्थस्थल की यात्रा पर चले जाएं. इस से क्या होगा? आप के मन में अवश्य ही यह सवाल उठा होगा.
इस से यह होगा कि आप की सारी समस्याएं सुलझ जाएंगी. आप के दुखों का अंत हो जाएगा. महंगाई और बेरोजगारी तो बिलकुल खत्म हो जाएगी. वह कैसे? वह ऐसे कि आप के घर में, आप के पासपड़ोस में बेरोजगार बैठे युवाओं को रोजगार मिलेगा क्योंकि उन्हें धर्म के नाम पर नारा बुलंद करने का काम जो मिल जाएगा. अरे, आप किस सोच में पड़ गए? आखिर अपने धर्म की रक्षा इन युवाओं को ही तो करनी है क्योंकि इस देश को हिंदू राष्ट्र जो बनाना है और जैसे ही हिंदू राष्ट्र का निर्माण होगा, आप की सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा.
मंदिरों में करोड़ों स्वाहा
दरअसल, आजकल देश में जिस प्रकार से अंधाधुंध मंदिरों एवं धार्मिक पर्यटनस्थलों के निर्माण पर करोड़ों स्वाहा हो रहे हैं, उस से तो यही लगता है. तो चलिए क्यों न एक नजर ही डाल लें कि देश के अलगअलग हिस्सों पर इन निर्माणकार्यों पर कितने खर्चे हो रहे है. सब से पहले अयोध्या की बात करें तो यहां हो रहे राम मंदिर के निर्माण के बजट को 400 करोड़ से बढ़ा कर 1,800 करोड़ कर दिया गया है.
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