बुरे नहीं दूर रहने वाले बेटेबहू
Grihshobha - Hindi|August Second 2023
ज्यादातर लड़कालड़की कैरियर बनाने के बाद ही शादी करने का फैसला करते हैं और फिर परिस्थितिवश उन्हें अपने मातापिता से दूर रहना पड़ता है. ऐसे में उन्हें सूझबूझ से काम लेना चाहिए, कुछ इस तरह...
शैलेंद्र सिंह
बुरे नहीं दूर रहने वाले बेटेबहू

लखनऊ के फैमिली कोर्ट के अंदर वकीलों और मुकदमा करने वालों की भीड़ लगी थी. जज साहब के कोर्ट के बाहर एक कोने में लड़का अपने पैरेंट्स और लड़की अपने पेरैंटस के साथ अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. कुछ समय में ही चपरासी ने दोनों के नाम की आवाज दी. लड़कालड़की अंदर गए.

जज साहब ने पहले फाइल को उलटापलटा फिर लड़की से सवाल किया, "तुम इन के साथ क्यों नहीं रहना चाहती?"

लड़की बोली, "सर मैं भी नौकरी करती हूं. औफिस जाती हूं. वहां से वापस आ कर सारा काम करना होता है. मैं नौकरानी लगाना चाहती हूं तो सासससुर नौकरानी के हाथ का खाना खाने से मना करते हैं. मैं ने बहुत प्रयास किया कि बात बनी रहे. मैं यह भी नहीं चाहती कि ये अपने मातापिता को हमारी वजह से छोड़े. ऐसे में अलग हो जाना ही एक रास्ता बचता है."

जज साहब ने लड़के के पेरेंट्स को बुलवाया. उन को समझाया कि वे कुछ दिन बेटाबहू को अलग रहने दें. इस बीच अपनी सेवा के लिए नौकर रख लें. यह सोच लीजिए कि बेटाबहू किसी दूसरे शहर में ट्रांसफर हो गए हैं. धीरेधीरे सब ठीक हो जाएगा.

जज साहब की बात सुन कर पैरेंट्स राजी हो गए. धीरेधीरे सबकुछ सामान्य हो गया. इस तरह से एक घर टूटने से बच गया.

ऐसे बहुत सारे मामले हैं. फैमिली कोर्ट की वकील मोनिका सिंह कहती है, "तलाक के लिए आने वाले मुकदमों में सब से बड़ी संख्या ऐसे मामलों की होती है जिन में लड़की सासससुर के साथ नहीं रहना चाहती है."

जरूरी है प्राइवेसी

लड़कालड़की की शादी की उम्र कानूनी रूप से भले ही 21 और 18 साल हो पर औसतन शादी की उम्र 25-30 साल हो गई है. ज्यादातर लड़कालड़की नौकरी या बिजनैस करने के बाद ही शादी करते हैं. ऐसे में उन को परिवार के साथ रहने में दिक्कत होने लगती है. कई मसलों में विवाद का कारण पति का परिवार के साथ रहना हो जाता है, जिस का खमियाजा लड़के के मातापिता को भी भुगतना पड़ता है.

घरेलू हिंसा के कई मामलों में लड़के के मातापिता को जबरन घसीटा जाता है. ऐसे में बुढ़ापे में उन्हें भी कचहरी और थाने के चक्कर काटने पड़ते हैं. दूसरी बात यह भी है कि मातापिता के साथ रहते हुए बच्चे अपनी जिंदगी खुल कर नहीं जी पाते हैं.

एकदूसरे की जरूरत

Esta historia es de la edición August Second 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición August Second 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE GRIHSHOBHA - HINDIVer todo
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024