फिल्म 'बरसात' के इस गाने को 'हम को सिर्फ तुम से प्यार है...' अकसर हम खुद से रिलेट कर पाते हैं क्योंकि हम में से ज्यादातर की जिंदगी में कोई ऐसा खास शख्स होता है जिसे हम ये शब्द कहना चाहते हैं. अब अगर आप किसी से इतना प्यार करते हैं तो आप भी चाहेंगे कि सामने वाला भी केवल आप से ही प्यार करे. मगर अकसर ऐसा होता नहीं है. खासतौर पर लड़के मन से चंचल होते हैं. उन्हें अगर कोई खूबसूरत लड़की दिख जाए तो उन का मन डोलने लगता है. वे अपनी गर्लफ्रैंड के अलावा भी दूसरी खूबसूरत नाजनीना को अपने दिल में स्थान दे देते हैं.
ऐसे में उन की गर्लफ्रैंड का क्या होगा यह सोचने वाली बात है. अगर गर्लफ्रैंड पजैसिव है तब तो उस के लिए हालात और भी बुरे हो जाएंगे. वह अपने बॉयफ्रैंड को किसी और से आंखें चार करते हुए भला कैसे देख सकती है? उसे हमेशा यह डर लगने लगेगा कि कहीं उस का बौयफ्रैंड किसी और का न हो जाए.
दरअसल, किसी भी रिश्ते के डैवलप होने में समय लगता है. अगर आप किसी लड़के से फ्रैंडशिप भी करती हैं तो उसे मजबूत होने में 5-6 महीने लग ही जाते हैं. इस के लिए एकदूसरे को समझना, पसंद करना और साथ समय बिताना जरूरी होता है. काफी मेहनत और ऐफर्ट लगाने के बाद ही आप कह पाती हैं कि वह आप का दोस्त है.
ऐसे बढ़ती है दोस्ती
दोस्ती से बढ़ कर रिलेशनशिप की स्टेज तक पहुंचना और भी कठिन होता है. काफी केयर करनी होती है. एकदूसरे के लिए त्याग करने होते हैं. धीरेधीरे आकर्षण पैदा होता है और तब कमिटमेंट की बात आती है. लड़कियां बॉयफ्रैंड को रिझाने के लिए सजतीसंवरती हैं. मेकअप और ब्यूटीपार्लर के साथसाथ कपड़ों और फैशन पर भी काफी खर्च करती हैं.
अपने बिजी शैड्यूल से समय निकाल कर उस के साथ घूमतीफिरती हैं. उसे विश्वास दिलाती हैं कि वह उन के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है. बौयफ्रैंड को जब जरूरत हो मदद करती हैं. वह जब बुलाए तो मिलने जाती हैं. उस के लिए शौपिंग करती हैं. नईनई चीजें बना कर उसे खिलाती हैं. घंटों फोन पर बातें करती हैं. उस के लिए कई दफा अपने मांबाप से भी झूठ बोल जाती हैं.
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