Aha Zindagi Magazine - February 2025
Go Unlimited with Magzter GOLD
Read Aha Zindagi along with 9,000+ other magazines & newspapers with just one subscription View catalog
1 Month $9.99
1 Year$99.99 $49.99
$4/month
Subscribe only to Aha Zindagi
1 Year$11.88 $7.99
Buy this issue $0.99
In this issue
उत्साह, उमंग, प्रेरणा और बासंती रंग से ओतप्रोत है अहा! ज़िंदगी का फरवरी 2025 अंक। इस बार आमुख कथा के तीन लेख बता रहे हैं कि आप अपने नए साल के संकल्पों को अब भी कैसे पूरा कर सकते हैं। इस अंक की अहा! अतिथि हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर डॉली अहलूवालिया। ज़िंदगी की किताब स्तंभ ख़ूब लड़ी मर्दानी जैसा कालजयी काव्य रचने वालीं सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर। इसके साथ ही पढ़िए कोलकाता पर शहरनामा, कुंभ और तीर्थ परंपरा पर लेख, उत्कृष्ट कहानियां, और बहुत कुछ...
शांत चित्त मंगल कामना...
हम जो चाहते हैं, वही मिलता है। यही विश्वास प्रार्थना का मर्म है। प्रार्थनाएं अनादि काल से आकांक्षाएं व्यक्त करने का मार्ग रही हैं। इनमें छुपी कामनाएं मंगलकारी हैं। प्रार्थना का अनिष्ट से कोई नाता नहीं, वरन सद्भावना संग सर्वमंगल की अभिव्यक्ति है।
2 mins
आप बस स्वागत करें
हम कुछ चाह रखते हैं और फिर जब उसका विपरीत मिल जाता है तो उसे अनिच्छा से स्वीकार कर लेते हैं। जब स्वीकार ही करना है तो क्यों न इस भाव से करें कि यही तो मैंने चाहा था, फिर चाहे जो भी मिला हो!
3 mins
किरदार सज्जाकार
वस्त्रों को अभिनेता की खाल समझने वाली डॉली अहलूवालिया अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वेशभूषा परिकल्पनाकार (कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर) हैं।
1 min
योग और संयोग से बनी राह
डॉली ने भगवान के सामने रखी पर्चियों में से चुनकर कॅरियर की राह तय की, लेकिन फिर अध्ययन की मुख्य विधा के बजाय वास्तविक कॅरियर तय किया अतिरिक्त प्रशिक्षण ने।
5 mins
वस्त्र सज्जा में अभिनेत्री का हिस्सा
डॉली अहलूवालिया को शुरुआती दौर में अभिनय के लिए काफ़ी तारीफ़ें मिलीं। बाद में वस्त्र सज्जा करते हुए भी उनका वह अभिनेत्री पक्ष मददगार साबित हुआ।
5 mins
अदाकार की खाल पर खर्च नहीं
डॉली को शिकायत है कि जो पोशाक अदाकार की खाल जैसी होती है, उसके किरदार को बिना एक शब्द कहे व्यक्त कर देती है, उसे समुचित महत्व नहीं दिया जाता।
5 mins
AMBITION ET संकल्प के बाद
नववर्ष पर छोटे-बड़े संकल्प लगभग सभी ने लिए होंगे।
7 mins
सही दिशा में बढ़े गाड़ी
लक्ष्य तय कर लेने और अच्छी योजना बना लेने के बावजूद संकल्प की गाडी थम सकती है या ग़लत दिशा में मुड़ सकती है।
7 mins
फिर से पटरी पर
सभी दिन एक समान नहीं होते। कभी अनसोची बाधाएं आ जाती हैं, कभी ज़रूरी काम। कभी सेहत साथ नहीं देती।
5 mins
एक अवसर है दुःख
प्रकृति में कुछ भी अनुपयोगी नहीं है, फिर दु:ख कैसे हो सकता है जिसे महसूस करने के लिए शरीर में एक सुघड़ तंत्र है! अत: दु:ख से भागने के बजाय अगर इसके प्रति जागरूक रहा जाए तो भीतर कुछ अद्भुत भी घट सकता है!
3 mins
जोड़ता है जो जल
सारे संसार के सनातनी कुंभ में एकत्रित होते हैं। जो जन्मना है वह भी, जो सनातन के सूत्रों में आस्था रखता है वह भी। दुनियादारी के जंजाल में फंसा गृहस्थ भी और कंदरा में रहने वाला संन्यासी भी।
6 mins
पीत के रंग अनेक
जब सूरज की किरणें धरती को छूती हैं, जब सरसों के फूल हवा में झूमते हैं तो प्रकृति में पीला रंग बिखर जाता है। अपने में प्रेरणा, उमंग और अनगिनत भावनाओं को समाए यह रंग भारत ही नहीं, हर देश, हर संस्कृति में अपनी एक अनोखी पहचान रखता है।
6 mins
छत्रपति की कूटनीति
पन्हालगढ़ के क़िले में आषाढ़ का महीना आधा बीत चुका था। सिद्दी जौहर और मराठा सैनिकों के बीच घमासान युद्ध छिड़ा हुआ था। ऐसे में साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग करके भी बाहर निकलने का मार्ग नहीं सूझ रहा था। शिवाजी ने अपने सभी सलाहकारों को बुलाया और एक रणनीति रची, दुश्मनों को भेदकर निकल जाने की रणनीति ।
9 mins
मंत्र ही तो रचा है निराला ने !
क्या होता है जब शब्द अपनी सीमाएं तोड़कर मनुष्य के भीतर के तूफ़ानों को उजागर करते हैं? क्या होता है जब कविताएं सिर्फ़ पढ़ी नहीं जातीं बल्कि जी जाती हैं?
5 mins
जब बीमारी पहेली बन जाए...
कई बार सुनने में आता है कि फलां को ऐसा रोग हो गया जिसका इलाज ढूंढे नहीं मिल रहा। जाने कैसी बीमारी है, कई क्लीनिक के चक्कर लगा लिए मगर रोग पकड़ में ही नहीं आया।' ऐसे में संभव है कि ये रोग दुर्लभ रोग' की श्रेणी में आता हो। इस दुर्लभ रोग दिवस 28 फरवरी) पर एक दृष्टि डालते हैं इन रोगों से जुड़े संघर्षों पर।
4 mins
अबूझ गह्वर जैसा कृष्ण विवर
चांदनी रात में तारों को देखना कितना अलौकिक प्रतीत होता है ना, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये तारे, ये आकाशगंगाएं और यह विशाल ब्रह्मांड किस गहरे रहस्य से बंधे हुए हैं? एक ऐसा रहस्य, जिसे हम देख नहीं सकते, लेकिन जो अपनी अदृश्य शक्ति से ब्रह्मांड की धड़कन को नियंत्रित करता है। यह रहस्य है- ब्लैक होल यानी कृष्ण विवर।
5 mins
गली का खेल, यादों का मेल...
याद है वो दिन जब पूरी दुनिया गली के उस छोटे-से कोने में सिमटी हुई थी? जब हाथ में न मोबाइल था, न सिर पर किसी काम का बोझ, बस एक इलास्टिक बैंड और दोस्तों की टोली। ना जाने क्यों ऐसा लगता था जैसे उस साधारण-से खेल में बचपन की सबसे बड़ी ख़ुशियां छुपी थीं। लौट जाते हैं उसी बचपन में और झोली में कुछ ख़ुशियां समेट लाते हैं।
3 mins
खरे सोने-सा निवेश
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों सोना सदियों से एक विश्वसनीय निवेश विकल्प बना हुआ है?
7 mins
श्वास में शांति का वास
आज जिससे भी पूछो वो कहेगा मुझे काम का, पढ़ाई का या पैसों का बहुत तनाव है। सही मायने में पूरी दुनिया ही तनाव से परेशान है। इस तनाव को रोका तो नहीं जा सकता मगर एक सहज उपाय है जिससे इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। -
3 mins
आलस्य आभूषण है
जैसे फोन की सेटिंग में एनर्जी सेविंग मोड होता है, ऐसे ही आस-पास कुछ लोग भी अपनी ऊर्जा बचाकर रखते हैं। ऐसे लोगों को अमूमन आलसी क़रार कर दिया जाता है, मगर सच तो ये है कि समाज में ऐसे लोग ही सुविधाओं का आविष्कार करते हैं। आलस्य बुद्धिमानों का आभूषण है।
6 mins
Aha Zindagi Magazine Description:
Publisher: Dainik Bhaskar Corp Ltd.
Category: Lifestyle
Language: Hindi
Frequency: Monthly
Aha! Zindagi, the New Age monthly magazine from Dainik Bhaskar Group revolves around the concept of Positive Living. A combination of body, mind and soul, its content inspires the reader to lead a Positive and good Life.
- Cancel Anytime [ No Commitments ]
- Digital Only