Jyotish Sagar - March 2023Add to Favorites

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In this issue

Jyotish Sagar’s March, 2023 issue has been published now. List of some published articles is given here :
» 'New Venture' of Jyotish Sagar gotoastro.com
» Holi is in two days! Know when are you here?
» Basantiya Navratri is from 22nd: know when is Ghat Sthapana Muhurta in your city?
» Vikram Samvat: 2080 Mercury is the king of Samvatsar: Don't know how will be the new year?
» Nandkunwar plays Jamuna with Radha, Pulin Saras Rang Hori...
» Holi, the festival of colors!
» Holika Dahan classical law
» Barsana where the juice is created even by walking sticks
» Krishna worship in Fagotsav
» Do ten Mahavidya Shabar Sadhana for complete success
» Mother's place is above gods
» Energizing Durga Puja!
» Garh Kundar where Maa Giddhawahini resides
» Physical and mental diseases and astrology
» Happiness of power through Raja Yogas
» Mangli Dosh is not bad: can make you a good writer!
» Attainment of Raja Yogas after facing adverse circumstances
» How to make accurate predictions (Part-188)
» Results of Mercury and Jupiter in the eighth house of Aquarius Ascendant
» Emerald is the gem of Mercury
» Palmistry, Festival, Yoga and others
» Thumb will tell your nature
» Try Vastu Tips for Happiness, Prosperity and Good Health
» Yogasanas give new consciousness to the veins of the spinal cord
» Uttarakhand's folk festival Phool Sankranti
» Sheetla Mata, Goddess of Health
» Vrat-Parv-Festival Month Planner

दो दिन है होली! जानें कब है आपके यहाँ ?

होली का पर्व प्रदोषकालीन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा सोमवार 6 मार्च, 2023 को 16:18 से आरम्भ होकर 07 मार्च, 2023 मंगलवार को 18:10 तक रहेगी।

दो दिन है होली! जानें कब है आपके यहाँ ?

3 mins

जानें कब है आपके शहर में घट स्थापना मुहूर्त ?

22 से हैं बासन्तीय नवरात्र

जानें कब है आपके शहर में घट स्थापना मुहूर्त ?

1 min

दस महाविद्या शाबर साधना

करें सम्पूर्ण सफलता सिद्धि हेतु

दस महाविद्या शाबर साधना

7 mins

मेरुदण्ड की शिराओं को नवचेतना देते हैं योगासन

योगासन का उद्देश्य है 'स्वस्थ तन और प्रसन्न मन ।' इनका नित्य अभ्यास करने पर शरीर का प्रत्येक अंग स्वस्थ होता है और साधक प्रसन्नचित्त होता है। प्रस्तुत आलेख में दो प्रमुख आसनों यथा; पादहस्तासन और शीर्षासन का वर्णन किया जा रहा है। पादहस्तासन जहाँ मेरुदण्ड की जड़ता को कम करते हुए उसे नवचेतना प्रदान करता है, तो वहीं वह हृदय की धड़कन को सामान्य करता है और मनोरोगों में भी लाभप्रद होता है। जहाँ तक शीर्षासन का प्रश्न है, तो वह मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र से सम्बन्धित रोगों में अत्यन्त लाभकारी है।

मेरुदण्ड की शिराओं को नवचेतना देते हैं योगासन

4 mins

उत्तराखण्ड का लोकपर्व फूल संक्रान्ति

नवसंवत्सर पर विशेष

उत्तराखण्ड का लोकपर्व फूल संक्रान्ति

2 mins

उच्च ग्रह, नीच ग्रह एवं अस्तंगत ग्रह !

भारतीय ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं। इसमें दो छाया ग्रह हैं। सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र एवं शनि ग्रह हैं, जो आकाशीय मण्डल में दृष्टमान हैं।

उच्च ग्रह, नीच ग्रह एवं अस्तंगत ग्रह !

9 mins

देवों से ऊपर है माता का स्थान

प्राचीन काल में सुदूर दक्षिण में एक बड़े भू-भाग पर भारशिवों का एक सुगठित राज्य था। भारशिव शैव थे। वे हमेशा शिव-विग्रह रखते थे। इसी शिव-विग्रह को ढोने के कारण वे 'भारशिव' कहलाए। इनका राज्य बहुत ही शक्तिशाली एवं समृद्ध था।

देवों से ऊपर है माता का स्थान

5 mins

ऊजाप्रदायक दुर्गापूजा!

इसके विधिविधान से अनुष्ठान करने से लौकिक एवं पारलौकिक सिद्धियाँ मिलती हैं। इसके स्वाध्याय से मनमस्तिष्क ऊर्जावान् होते हैं। इसके बीजमन्त्रों में 'ऐं, क्लीं, हीं, श्रीँ अक्षर आवश्यक हैं। प्रकृति की त्रिगुणात्मक शक्ति (सत, रज और तम) 'दुर्गा' में समाहित हैं। दुर्गा की आराधना से मूलाधार चक्र को शक्ति प्राप्त होती है।

ऊजाप्रदायक दुर्गापूजा!

3 mins

आरोग्य की देवी शीतला माता

सुरभि महीने में अष्टमी व्रत और पराशक्ति शीतला माता की पूजा-आराधना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। सुरभि महीने में चैत्र तथा वैशाख दोनों महीने आते हैं। ये दोनों महीने बसन्त ऋतु में समाविष्ट हैं।

आरोग्य की देवी शीतला माता

2 mins

होलिका दहन शास्त्रीय विधान

ज्योतिष की दृष्टि से होलिका दहन शासक और शासित दोनों को प्रभावित करता है। प्रतिपदा, चतुर्दशी में दिन के समय और भद्रा के समय होलिका दहन करना अनिष्टकारक है। यह सम्पूर्ण राष्ट्र को हानिकारक है।

होलिका दहन शास्त्रीय विधान

2 mins

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Jyotish Sagar Magazine Description:

PublisherJyotish Sagar Private Limited

CategoryReligious & Spiritual

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.

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