Rishi Prasad Hindi - June 2024Add to Favorites

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In this issue

* Why is the glory of Guru-Bhakti so great?
* Meditation on the image of Guru gives complete protection.
* Questions and answers with Anandamayi Ma
* Pujya Bapuji’s sacred message on Guru-Purnima
* Fast that provides health, a mass of religious merits and the highest position
* The tests I took at my Guru’s door were blessings in disguise.
* A prince’s journey to Self-realization
* Remember to take the benefit of these meritorious days and yogas
* When does a disciple become eligible for the Guru’s position?
* An interesting and inspiring past life account of Shabari
* Discrimination of the witness of the mental Sheath – Swami AkhandÍnanda
* Why should one wear jewellery ?
* As is perception, so is creation.
* Benedictory experiential words of Saints
* Such ideal marriage ceremonies connect society with culture.
* Kokam – A wholesome, heart-strengthening excellent digestive
* The only safe boat – Swami Sivananda Ji
* A grand Seva Yajna held by sadhakas in Ayodhya
* A false allegation of rape can be equally humiliating to the accused, as the rape is to the victim: Court
* Sure-fire measures will soon bring divine joy.

गुरुभक्ति की इतनी भारी महिमा क्यों है?

धन्या माता पिता धन्यो गोत्रं धन्यं कुलोद्भवः । धन्या च वसुधा देवि यत्र स्याद् गुरुभक्तता ॥

गुरुभक्ति की इतनी भारी महिमा क्यों है?

2 mins

गुरुमूर्ति के ध्यान से मिली सम्पूर्ण सुरक्षा

अनंत-अनंत ब्रह्मांडों में व्याप्त उस परमात्म-चेतना के साथ एकता साधे हुए ब्रह्मवेत्ता महापुरुष सशरीर ब्रह्म होते हैं। ध्यानमूलं गुरोर्मूर्तिः पूजामूलं गुरोः पदम्... ऐसे चिन्मयस्वरूप गुरु के पूजन से, उनकी मूर्ति के ध्यान से शिष्य के अंतः स्थल में उनकी शक्ति प्रविष्ट होती है, जिससे उसके पूर्व के मलिन संस्कार नष्ट होने लगते हैं और जीवन सहज में ही ऊँचा उठने लगता है।

गुरुमूर्ति के ध्यान से मिली सम्पूर्ण सुरक्षा

2 mins

सर्वपापनाशक तथा आरोग्य, पुण्यपुंज व परम गति प्रदायक व्रत

१७ जुलाई को देवशयनी एकादशी है। चतुर्मास साधना का सुवर्णकाल माना गया है और यह एकादशी इस सुवर्णकाल का प्रारम्भ दिवस है। ऐसी महिमावान एकादशी का माहात्म्य पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से:

सर्वपापनाशक तथा आरोग्य, पुण्यपुंज व परम गति प्रदायक व्रत

2 mins

गुरुद्वार की उन कसौटियों में छुपा था कैसा अमृत!

लौकिक जीवन में उन्नत होना हो चाहे आध्यात्मिक जीवन में, निष्काम भाव से किया गया सेवाकार्य मूलमंत्र है।

गुरुद्वार की उन कसौटियों में छुपा था कैसा अमृत!

3 mins

एक राजपुत्र की आत्मबोध की यात्रा

पराशरजी अपने शिष्य मैत्रेय को आत्मज्ञानबोधक उपदेश देते हुए एक राजपुत्र की कथा सुनाते हैं :

एक राजपुत्र की आत्मबोध की यात्रा

2 mins

शिष्य गुरु-पद का अधिकारी कब बनता है?

गुरुपूर्णिमा निकट आ रही है। इस अवसर पर ब्रह्मानुभवी महापुरुषों द्वारा अपने शिष्यों की गढ़ाई और सत्शिष्यों द्वारा ऐसी कसौटियों में भी निर्विरोधता, अडिग श्रद्धा-निष्ठा और समर्पण युक्त आचरण का वृत्तांत सभी गुरुभक्तों के लिए पूर्ण गुरुकृपा की प्राप्ति का राजमार्ग प्रशस्त करनेवाला एवं प्रसंगोचित सिद्ध होगा।

शिष्य गुरु-पद का अधिकारी कब बनता है?

2 mins

बड़ा रोचक, प्रेरक है शबरी के पूर्वजन्म का वृत्तांत

एक बार एक राजा रानी के साथ यात्रा करके लौट रहा था। एक गाँव में संत चबूतरे पर बैठ सत्संग सुना रहे थे और ५-२५ व्यक्ति धरती पर बैठकर सुन रहे थे।

बड़ा रोचक, प्रेरक है शबरी के पूर्वजन्म का वृत्तांत

2 mins

मनोमय कोष साक्षी विवेक

(पिछले अंक में आपने 'पंचकोष-साक्षी विवेक' के अंतर्गत 'प्राणमय कोष साक्षी विवेक' के बारे में जाना। उसी क्रम में अब आगे...)

मनोमय कोष साक्षी विवेक

1 min

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि

महात्मा बुद्ध कहा करते थे : ‘“आनंद ! सत्संग सुनने इतने लोग आते हैं न, ये लोग मेरे को नहीं सुनते, अपने को ही सुन के चले जाते हैं।”

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि

3 mins

एकमात्र सुरक्षित नौका

सद्गुरु के ये लक्षण हैं। यदि आप किसी व्यक्ति में इन लक्षणों को पाते हैं तो आप उसे तत्काल अपना गुरु स्वीकार कर लें। सच्चे गुरु वे हैं जो ब्रह्मनिष्ठ तथा श्रोत्रिय होते हैं।

एकमात्र सुरक्षित नौका

1 min

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Rishi Prasad Hindi Magazine Description:

PublisherSant Shri Asharamji Ashram

CategoryReligious & Spiritual

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Started in 1990, Rishi Prasad has now become the largest circulated spiritual monthly publication in the world with more than 10 million readers. The magazine is a digest of all thought provoking latest discourses of His Holiness Asharam Bapu on various subjects directing simple solutions for a peaceful life. The magazine also features news on happenings at various ashrams in past month, inspirational texts from scriptures/legends , practical tips for healthy day-to-day living balancing materialism by idealism, Bapuji's answers to questions raised by seekers, disciples's experiences etc.

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