Uday India Hindi - May 30, 2021Add to Favorites

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May 30, 2021

हमास-इजराइल संघर्ष विराम कब तक?

इजराइल-हमास युद्ध में भारत का बौद्धिक और राजनीतिक समाज भी बंटा नजर आया। वामपंथी और समाजवादी विचारधारा के लोग जहां फिलीस्तीन पर हो रहे हमले को लेकर इजराइल को दोषी ठहराते रहे, वहीं राष्ट्रवादी विचारधारा का तर्क रहा कि इजराइल को अपनी रक्षा करने और अपने खिलाफ होने वाले हर हमले का जवाब देने का हक है। दिलचस्प यह है कि चूकि हमास के हमले में सौम्या संतोष मारी गई थीं, इसलिए केरल की वामपंथी सरकार ने ना तो उनके परिवार के लिए संवेदना के दो शब्द इस्तेमाल किये, ना ही उनके निधन के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया।

हमास-इजराइल संघर्ष विराम कब तक?

1 min

इजराइल और फिलिस्तीन विवाद की जड़ें

इजराइल और फिलीस्तीन में एक बार फिर से संघर्ष छिड़ गया है और दोनों दिन-रात एक दूसरे पर रॉकेट दाग रहे हैं। पिछले दिनों शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक 43 फिलिस्तीनियों और छह इजराइली नागरिकों की मौत हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों पक्षों से हमले रोकने की अपील कर रहा है।

इजराइल और फिलिस्तीन विवाद की जड़ें

1 min

देशी गाय के घी के उपयोग

• गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।

देशी गाय के घी के उपयोग

1 min

कोरोना-काल में विपक्ष का दायित्व

भारत इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। अपने सीमित संसाधनों और विशाल जनसंख्या के बाद भी भारत बेहद मजबूती से इस आपदा के सामने टिककर खड़ा है एवं इस प्रयास में है कि महामारी की इस सुनामी से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल लाए।

कोरोना-काल में विपक्ष का दायित्व

1 min

कोविड वैक्सीन और विरोध की राजनीति

एक प्रगतिशील लोकतंत्र में विपक्ष की मौलिक भूमिका रचनात्मक आलोचना के साथ-साथ राष्ट्रीय हितो का संवर्धन है ना कि तुच्छ स्वार्थों की पूर्ति के लिए सरकार के सकारात्मक प्रयासों की नकारात्मक आलोचना कर लोगों को गुमराह करना है। ज्यादातर विपक्षी दलों ने कोविड वैक्सीन का पहले विरोध किया, नकारात्मकता फैलाकर लोगों को गुमराह किया फिर खुद वैक्सीन लगवाई।

कोविड वैक्सीन और विरोध की राजनीति

1 min

वैक्सीन का राजनीतिकरण भारत के विपक्ष का घिनौना रूप

कांग्रेस ने सरकार तथा वैक्सीन पर अविश्वास करते हुए सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को वैक्सीन लगवाने की वकालत की। वहीं, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने तो वैक्सीन को बीजेपी वैक्सीन' कहकर उसे अविश्वसनीय करार दे दिया। स्मरण रहे, जब संपूर्ण विश्व भारत की ओर आशान्वित होकर वैक्सीन के लिए देख रहा था, अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें 'भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।

वैक्सीन का राजनीतिकरण भारत के विपक्ष का घिनौना रूप

1 min

कोरोना और हम

कोरोना-संक्रमण से उत्पन्न रोग वर्तमान दशक की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरा हैं जिसके सामने वर्तमान विकसित वैज्ञानिक युग ने घुटने टेक दिये हैं। कोरोना-संक्रमण मानवता को विश्राम भी नहीं लेने दे रहा है कि कोरोना का नये रूप में विषाणु प्रकट हो जाता है जो पूर्ववत् रूप से अधिक खतरनाक होता है।

कोरोना और हम

1 min

क्या स्वप्न सच के प्रतिबिम्ब होते हैं?

स्वप्न का हमारे जीवन के साथ गहरा तादात्म्य है। स्वप्न क्यों आते हैं, उनका वास्तविक जीवन से क्या संबंध है, क्या स्वप्न सच के प्रतिबिम्ब होते हैं, क्या स्वप्न जीवन को प्रभावित करते हैं ऐसे अनेक प्रश्न है जो बंद पलकों के पीछे की इस रोमांचक दुनिया से जुड़े है। इस ख्वाबों की दुनिया के रहस्य की पडताल सदियों से होती रही है। लेकिन अनेक अनुसंधानों और खोजों के बावजूद आज भी स्वप्न की यह मायाबी दुनिया रहस्य ही बनी हुई है।

क्या स्वप्न सच के प्रतिबिम्ब होते हैं?

1 min

डिप्रेशन व्यर्थ की निराशाओं से बचे, परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना सीखें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे के अनुसार वर्तमान में दुनिया में करीब 27 करोड़ लोग अवसाद से ग्रसित हैं जो एक खतरनाक हेल्थ प्रॉब्लम का इंडिकेटर है। मनोविश्लेषकों का मानना है कि डिप्रेशन चिंता से शुरू होता है जो तनाव को जन्म देता है। इसके सबसे बदतर परिणाम के रूप में आत्महत्या की घटनाएं भी बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 15-29 वर्ष के लोगों में डिप्रेशन मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।

डिप्रेशन व्यर्थ की निराशाओं से बचे, परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना सीखें

1 min

तरबूज गर्मियों का बेनजीर तोहफा

जैसा की आप महसूस कर ही रहे होंगें कि मौसम बदल रहा है और धीरे-धीरे गर्मियां दस्तक दे रही हैं तो बदलते मौसम में खान-पान का खास ध्यान रखना ही पड़ता है।

तरबूज गर्मियों का बेनजीर तोहफा

1 min

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Publisheruday india

CategoryNews

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Uday India is successfully running in the 12th year of its existence. It is not a run-of-the-mill publication. Uday India does not fall as a thud on your doorstep but enters as a whiff of fresh air into reading corridors of the country. The weekly is based on the staple of news and current affairs. It focuses on politics, security, youth affairs, health, women, net space, diplomacy, media, economy, education, sports, showcasing the slow and steady march of India towards the goal of becoming a global power in every sense of the term. A new feather in the cap is spiritualism that has lately permeated every aspect of human endeavour. The cover story every week is spun out of the most current happening. There are for sure pages for book review and technological advancements. Apart from these building blocks, there are incessant efforts to customize the magazine to the taste of the reader. Its quality commensurates with the prolific promise.

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