प्रस्तावना: भारत में अत्यंत तेज गति से हो रहे शहरीकरण के शहर के आसपास खेती करने योग्य भूमि निरंतर कम होती जा रही है। शहर के लोग घर के पास ही सब्जियों की खरीदारी को इच्छुक होते हैं। शहरों में लोग अपने घर को अच्छा स्वरूप देने के लिए विविध प्रकार के प्रयोग करते रहते हैं। घर को अच्छा परिदृश्य देने और ठंडा रखने के लिए ऐसे पौधे लगा रहे हैं, जो बगैर धूप के भी बढ़ें, ऐसे पौधो का रोपण कर रहे हैं। इस परिदृश्य में वर्टिकल गार्डनिंग की संकल्पना ने जोर पकड़ा है। संक्षिप्त में कहे तो अगर आपको बागवानी करना अच्छा लगता है और आपके पास जगह की कमी है तो आपके बागवानी के लिए दीवार भी पर्याप्त है। अपने घर की किसी भी दीवार पर आप 'वर्टिकल गार्डनिंग' कर सकते हैं। 'वर्टिकल गार्डनिंग' आप अपने घर में उपलब्ध जगह के हिसाब से अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं। जैसे कोई सीधा दीवार में गमलों का सेटअप कराता है तो कुछ लोग स्टैंड बनाकर, इस पर छोटे गमले रखते हैं। जो लोग अपने बजट को थोड़ा ज्यादा रख सकते हैं, वह हाइड्रोपोनिक सेटअप भी कर सकते हैं। वर्टिकल गार्डनिंग एक विशेष प्रकार की शहरी बागवानी है जो छोटे स्थानों के लिए उपयुक्त है, विशेष रूप से विभिन्न शैलियों में दीवारों और छतों को सजाने के लिए। वर्टिकल स्पेस में बढ़ते पौधों के दायरे को बढ़ाकर बागवानी के लिए यह एक वैकल्पिक तरीका है। हरी दीवारें न केवल शानदार रूप से सुंदर हैं, बल्कि माहौल को सजीव बनाने में भी सहायक हैं। हरी दीवारें हवा में गर्म गैस को अवशोषित कर सकती हैं, इनडोर और आउटडोर तापमान दोनों को कम कर सकती हैं, एक स्वस्थ इनडोर वायु गुणवत्ता के साथ-साथ अधिक सुंदर स्थान प्रदान करती है।
वर्टिकल गार्डन तैयार करने के टिप्स: एक वर्टिकल गार्डन तैयार करना इनडोर या आउटडोर लोकेशन को खूबसूरत बनाने का एक हिस्सा है। आप अपने घर में कम जगह में अधिक पेड़-पौधे लगाने के लिए वर्टिकल गार्डन तैयार कर सकते हैं। घर में इनडोर या आउटडोर वर्टिकल गार्डन तैयार करने के लिए निम्न टिप्स फॉलो करें:
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सब्जियों की जैविक खेती
सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।
किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।
उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन
दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।
ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय
खुम्बी एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन जैसे पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खुम्बी में वसा की मात्रा कम होने के कारण यह हृदय रोगियों तथा कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा आहार है। खुम्बी एक प्रकार की फफूंद होती है। इसमें क्लोरोफिल नहीं होता और इसको सीधी धूप की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इसे बारिश और धूप से बचाकर किसी मकान या झोंपड़ी की छत के नीचे उगाया जाता है जिसमें हवा का उचित आगमन हो।
वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से प्रयोग करना एवं भविष्य में वित्तीय सुरक्षा को यकीनन बनाने के लिए, प्रत्येक के लिए वित्तीय साक्षरता आवश्यक है। यह यकीनन बनाने के लिए कि आपका वित्त आपके विरुद्ध काम करने की बजाये आपके लिए काम करती है, ज्ञान एवं कुशलता की एक टूलकिट्ट की जरूरत होती है।
मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें
भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए उपजाऊ शक्ति को बनाये रखना बहुत जरूरी है। वर्ष 2025 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए लगभग 45 मिलियन टन उर्वरकों की जरूरत होगी, लेकिन एक अन्दाज के अनुसार वर्ष 2025 में 35 मिलियन टन उर्वरकों का प्रयोग किया जायेगा।
गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ
गेंदा बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला एवं भू-दृश्य के लिए उगाया जाता है।
विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम
अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं वो खरपतवार होते हैं। खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवत्ता पर विपरीत असर डालते हैं।
खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह
उत्तर प्रदेश का एग्रीकल्चर सैक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। इस सैक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है कि देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसी क्रम में हम आपको यूपी के सीतापुर के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लाखों युवा किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।