आम को फलों का राजा माना जाता है। भारत का राष्ट्रीय फल का दर्जा भी आम को ही मिला हुआ है। आम बहुत ही पुराने समय से भारत में उगाया जाता है। भरत में आम की बागवानी का बड़ा महत्व है। आम के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। इसकी काश्त उष्ण एवं समशीतोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में अच्छी प्रकार से की जाती है। आम पोष्कात की दृष्टि से विटामीन ए व विटामीन सी का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। रेशा और पोटाशियम भी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसकी लकड़ी फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल होती हैं। कच्चा आम आचार, चटनी आदि बनाने में प्रयोग होता है। भारत में लगभग 2350 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती की जाती है। देश के मुख्य आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, गुजरात व तमिलनाडू है। अकेले उत्तर प्रदेश में सवार्धिक 24 प्रतिशत उत्पादन होता है। हरियाणा राज्य में आम की काश्त पंचकूला, अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिले में की जा सकती है। आम के बाग लगाने के लिए किसान अच्छी नर्सरी से पौधे लें। जलवायु तथा मिट्टी की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उचित नई किस्मों की बागवानी से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। आम के फल पकने के बाद जल्दी ही खराब होने लगते हैं और स्थानीय बाजार में इसकी भरमार होने के कारण किसानों को कम दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। जिन प्रजातियों की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग हो उनके बाग लगाकर किसान अधिक उत्पादन व मुनाफा ले सकते हैं। आम की संकर किस्मों के पौधे जल्दी फल देना शुरू कर देते हैं और इनमें बढ़वार व फैलाव भी अपेक्षाकृत कम होता है। इस कारण से इन्हें सघन बागवानी में भी लगाया जा सकता है। संकर किस्मों में नियमित फल आता है जबकि देश में उगाई जाने वाली पंरपरागत आम की पुरानी किस्में हर साल फल नहीं आता। आम की महत्वपूर्ण किस्में व संकर किस्में जिनकी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर मांग है निम्नलिखित है:-
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।