मूत्र के नमूनों में कीटनाशक अवशेष पाए जाने से स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ीं
Modern Kheti - Hindi|1st October 2024
अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2023 के बीच एक व्यापक अध्ययन में तेलंगाना के किसानों पर कीटनाशक संपर्क के प्रभाव के बारे में चिंताजनक जानकारी सामने आई है। यह शोध भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार के सहयोग से प्रायोजित किया गया था। इस गहन जांच में तीन जिलों-यादाद्री-भुवनगिरी, विकराबाद और संगारेड्डी के 15 गांवों को शामिल किया गया और लंबे समय से उपयोग किए जा रहे कीटनाशकों का स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों पर नया अध्ययन किया गया। यह किसानों को इन रसायनों के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देता है। इस अध्ययन का उद्देश्य किसानों और कृषि श्रमिकों में कीटनाशक संपर्क के स्तर का आकलन करना था, जो फसल संरक्षण उत्पादों के करीब रहने के कारण खतरनाक रसायनों के संपर्क में रहते हैं। विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं ने 493 प्रतिभागियों के साथ व्यापक क्षेत्र में कार्य किया। किसानों को दो समूहों में विभाजित किया गया: कीटनाशकों के संपर्क में आने वाले और नियंत्रण समूह जिनका कोई ज्ञात संपर्क नहीं था।
मूत्र के नमूनों में कीटनाशक अवशेष पाए जाने से स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ीं

जिलों से पांच गांवों को यत्र तत्र रूप से चुना गया, ताकि तेलंगाना के कृषि क्षेत्रों का व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। सर्वेक्षण विधि में गहन साक्षात्कार, चिकित्सीय परीक्षण और प्रतिभागियों से रक्त और मूत्र के नमूने इकठ्ठा करना शामिल था।

अध्ययन का एक प्रमुख पहलू मूत्र के नमूनों में कीटनाशक अवशेषों का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग था। विश्लेषण में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले 28 कीटनाशकों का पता लगाने के लिए लिक्विड क्रोमैटोग्राफी-मैस स्पेक्ट्रोमेट्री/मैस स्पेक्ट्रोमेट्री (LC-MS/MS) तकनीक का उपयोग किया गया, जिनमें ऑर्गनोफॉस्फेट्स, कार्बामेट्स, पायरेथ्रोइड्स और नियोनिकोटिनॉइड्स शामिल थे।

परिणाम गंभीर थे। जिन प्रतिभागियों का कीटनाशक संपर्क था, उनके रक्त और मूत्र के नमूनों में कीटनाशकों की सांद्रता नियंत्रण समूह की तुलना में काफी अधिक पाई गई। इनमें से कई स्तर अंतराष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों द्वारा निर्धारित अनुमेय सीमाओं से ऊपर थे, जो लंबे समय से असुरक्षित संपर्क का संकेत देते हैं।

अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि कीटनाशक संपर्क के गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। जिन किसानों और कृषि श्रमिकों का संपर्क हुआ था, उन्होंने सांस की तकलीफ, चक्कर आना, सिरदर्द, मतली और मांसपेशियों की कमजोरी जैसे लक्षणों की सूचना दी। इनमें से कई लक्षण ऑर्गनोफॉस्फेट्स के लंबे समय तक संपर्क से जुड़े हैं, जो भारत में उपयोग किए जाने वाले सबसे खतरनाक कीटनाशकों में से एक हैं।

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