ऐसी तकनीक का उपयोग फसलों को विभिन्न रोगों, कीटपतंगों एवं जलवायु में हो रहे परिवर्तन से बचाने व इन के पोषक गुणों में और अधिक सुधार के लिए बहुत ही लाभकारी है. वास्तव में इस तकनीक का प्रयोग कर वैज्ञानिक फसलों में वैसे गुणों को स्थानांतरित करते हैं, जिन्हें पारंपरिक पादप प्रजनन विधि से करना या तो बहुत कठिन है या असंभव है. ऐसे गुणों के स्थानांतरण से पौधों में विभिन्न प्रकार के जैविक एवं अजैविक तनावों से लड़ने के गुण विकसित हो जाते हैं.
डीएनए क्या है?
डीएनए एक जैव यौगिक है, जो किसी भी जीव में आनुवांशिक सूचना को समाहित रखता है. मातापिता से संतति में जाने वाले आनुवांशिक गुणों जैसे आकार, प्रकार, रंग इत्यादि से संबंधित सूचना का भी निर्धारण करता है.
जैव प्रौद्योगिकी क्या है?
जैव प्रौद्योगिकी एक तकनीक है, जिस में किसी भी जीव का उपयोग किसी विशेष उपयोग के लिए या उत्पाद को बनाने या विधि को रूपांतरित करने के लिए किया जाता है.
ट्रांसजेनिक तकनीक क्या है?
ट्रांसजेनिक तकनीक आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी का एक उदाहरण है, जिस के अंतर्गत किसी भी जीव के जीन को दूसरे किसी जीव में स्थानांतरित कर के किसी वांछित गुण को प्राप्त किया जाता है. जैसे किसी पौधे को किसी विनाशकारी कीट के प्रति प्रतिरोधी बनाने के लिए जीन का स्थानांतरण करना.
जीएम फसल किसे कहते हैं?
ट्रांसजेनिक फसल वह फसल है, जिन के जीनों के समूह में किसी दूसरी प्रजाति के जीन या जीनों को स्थानांतरित कर के सम्मलित किया जाता है. इस तकनीक के अंतर्गत जीन को किसी असंबंधित पौधे या पूर्ण रूप से भिन्न प्रजाति से भी लिया जा सकता है.
किन हालात में जीएम फसल बनाए जाते हैं?
किसी भी फसल को अपने जीवनकाल में बहुत सारे जैव और अजैव तनाव (स्ट्रैस) से गुजरना पड़ता है, जिन से पूर्ण रूप से लड़ने के लिए इन फसलों या इन से संबंधित प्रजातियों में कभीकभी वांछित गुण नहीं पाए जाते हैं, जो कृषि पैदावार के दृष्टिकोण से काफी नुकसानदायक होते हैं.
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फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?