जनसांख्यिकीय लाभांश भुनाने का दौर
India Today Hindi|January 25, 2023
भारत 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. जनसंख्या के क्षितिज पर आने वाले ये बदलाव भारत की वैश्विक स्थिति को बदल सकते हैं और इसका भारत के भीतर क्षेत्रीय समीकरणों और आचार-व्यवहार पर असर पड़ेगा
चिन्मय तुम्बे
जनसांख्यिकीय लाभांश भुनाने का दौर

संयुक्त राष्ट्र के जनसांख्यिकीय अनुमान के मुताबिक, भारत 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. चीन ने एक अरब का मील का पत्थर 1980 के दशक की शुरुआत में पार किया, जब भारत की आबादी 80 करोड़ के आसपास थी. तभी से वन-चाइल्ड नीति और तेज आर्थिक वृद्धि ने चीन की जनसांख्यिकी राह को नाटकीय ढंग से बदल दिया, क्योंकि जन्म दर धड़धड़ाकर नीचे आ गई और आबादी 1.4 अरब के आसपास स्थिर होने लगी. भारत में परिवार नियोजन की नीति पर कमजोर अमल और चीन के मुकाबले धीमी आर्थिक वृद्धि के कारण ऊंची प्रजनन दरें कायम रहीं, जिससे आबादी का अंतर तेजी से मिटने लगा. कुछ अनुमानों के मुताबिक, चीन धमाकेदार जनसांख्यिकीय गिरावट के लिए तैयार है और तेजी से बढ़ता अफ्रीकी देश नाइजीरिया 21वीं सदी के आखिर तक दुनिया के दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के तौर पर चीन की जगह ले लेगा. भारत अलबत्ता सदी के लिए दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने को तैयार है. भारत इस मील के पत्थर तक कैसे पहुंचा, किस स्तर पर आबादी शिखर तक पहुंची और इसके क्या निहितार्थ हैं ?

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