सरकारी अमले ने लाभार्थियों को चुनकर बैठा रखा था. मुख्यमंत्री उनसे दुख तकलीफ पूछते और अपनी योजनाएं बताते. बुजुर्ग पुरुष होते तो जोर 25 लाख की हेल्थ बीमा और बढ़ी हुई पेंशन पर होता. महिला होती तो 500 रुपए के सिलिंडर और पशुओं के बीमे की बात करते.
बीहड़ गर्मी में ज्यादातर लाभार्थी सरकारी अमले की शक्ति, भव्यता और सुबह से रटाए गए से लगते वाक्यों के बीच अटके थे. मगर मुख्यमंत्री और साथ चल रहे पत्रकारों के संग संवाद में वे कुछ देर के लिए खुल पा रहे थे. इन सबके बीच सांसत में नजर आ रहे थे बाड़मेर के कांग्रेसी विधायक और सीएम के वफादार मेवाराम जैन. दोपहर के तीन बजने को थे और उन्होंने सुबह 10-11 बजे से भीड़ जमा कर रखी थी. मौसम के ताप के बीच विधायक जी की प्रबंधकीय कौशल का भरपूर इम्तहान हो रहा था. यह एक किस्म का शक्ति प्रदर्शन भी था. गहलोत सरकार में ही मंत्री, बाड़मेर जिले के ही हेमाराम चौधरी ने कुछ रोज पहले यहां सचिन पायलट के वास्ते एक सभा करवाई थी. उसमें भी चौचक भीड़ जुटी थी. उसी के बरक्स यह आयोजन था, ऐसा कुछ स्थानीय पत्रकार बिना फुसफुसाहट के बोले.
मगर वर्सेस के इस आख्यान को गहलोत अब पीछे छोड़ना चाहते हैं. इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में भी उनका जोर 'अब सब ठीक है' पर ज्यादा था. लेकिन चुनावी बिसात पर सब ठीक कैसे होगा? इसके लिए मुख्यमंत्री अपनी कल्याणकारी योजनाओं के आक्रामक प्रचार के भरोसे हैं.
उस रोज जयपुर से सरकारी विमान उड़ा तो अनौपचारिक बातचीत में पहला जिक्र होर्डिंग का आया. राजधानी में गहलोत की मुस्कुराती तस्वीर गुलाबी पृष्ठभूमि वाले इश्तेहारों पर थी. साथ में कम शब्दों में सरकारी योजना का कम्युनिकेशन पिछली दो दफा सत्ता के पांच साल बाद हार की वजह और निवारण की फिक्र थी ये कि हम काम तो करते हैं, मगर जनता को पता नहीं चल पाता. दलिया, पोहा और चाय-पान के बीच यह चर्चा चल रही थी. बगलगीर थे खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया. उनकी तरफ नाश्ता बढ़ाया गया तो प्याज के चलते हाथ जोड़ लिए गए, जो बिस्कुट की प्लेट पर ठहरे.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.