पीछे से उनके पंडित चिल्लाए " जजमान गौमाता को ही खिला दीजिएगा, फल्गू में मत डालिएगा." मगर हजारों मील का सफर कर गयाजी पहुंचे ये श्रद्धालु भला ऐसे कैसे मान लेते ! पंडित का मन रखने को उन्होंने थोड़ा-सा गौमाता को खिलाया, बाकी उस फल्गू नदी को समर्पित कर दिया जो बिल्कुल गंदली नजर आ रही थी. जजमान ने फल्गू में जहां पांव डाला था, वहां मटमैले पानी के आसपास कचरा फैला था. थोड़ी ही दूर काई पसरी थी. पर गंदगी, बदबू और काई ने उन जजमानों की श्रद्धा में कोई कमी नहीं आने दी, जो अपने पितरों के मोक्ष की कामना लिए यहां आए थे.
पंडित जयप्रकाश पांडे परेशान थे. वे कहने लगे, "फल्गू में पड़ने वाला हर पिंड नदी की गंदगी और को बढ़ाएगा. बदबू को इसलिए हमलोग चाहते हैं कि पिंड गौमाता को ही अर्पित कर दिया जाए. पर ये जजमान लोग सुनते ही नहीं. " पहले फल्गू में पानी भले न हो पर नदी का पाट साफ-सुथरा रहता था. नदी ऐसी कैसे हो गई? इस सवाल पर वे विरक्त भाव से 2022 में बने रबड़ डैम की तरफ इशारा करते हैं. बिहार सरकार ने डैम इस मकसद से बनवाया था कि बिना पानी की नदी कही जाने वाली फल्गू नदी में हमेशा गंगाजल रहे. करीब 150 किमी दूर से गंगा नदी से पानी यहां लाने का इंतजाम किया गया. "गंगाजल तो आया नहीं मगर फल्गू जरूर गंदे नाले में बदल गई है. रबड़ डैम की वजह से बरसात का गंदला पानी अटक गया है और इसमें डाला जाने वाला पिंड सड़ कर बदबू देता रहता है. पहले पानी नहीं था मगर बारिश का पानी आने पर पिंड बह जाता था. नदी साफ-सुथरी थी. जरा-सा बालू हटाते ही पानी निकल आता. हम जजमानों को नदी में बिठाकर पिंडदान कराते थे. अब तो नदी में पांव देने में भी हिचक होती है. " पांडे बयान करते जाते हैं.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही