अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली एक अस्पताल के रूप में हर साल 80,000 इन पेशेंट और 15 लाख आउट-पेशेंट का इलाज करता है. एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और बीमारियों की विविधता यहां के शैक्षणिक अनुभव को अद्वितीय बनाती है, जिससे स्टुडेंट्स को अपने सैद्धांतिक ज्ञान को अमल में लाने के बेशुमार मौके मिलते हैं. 115 एकड़ के परिसर, 43 विभागों और 1,700 से अधिक मेडिकल स्टुडेंट्स के साथ एम्स में औसत स्टुडेंट्स-टीचर्स अनुपात 6:1 होने का अनुमान है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29:1 है. स्टुडेंट्स और यहां पढ़ चुके स्टुडेंट्स का कहना है कि यही वह चीज है जिससे फैकल्टी को स्टुडेंट्स के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने में मदद मिलती है जो इस संस्थान में उनकी पढ़ाई के दौरान उनका मार्गदर्शन और संरक्षण करने में मदद करती है. इस संस्थान ने हमेशा नवाचारों को अपनाया है और आमतौर पर परीक्षण के लिए कोई भी नई तकनीक या दवा हासिल करने वाला यह पहला संस्थान होता है. इस साल एम्स दिल्ली ने स्ट्रोक से बचे लोगों में स्पीच रिहैबिलिटेशन के लिए संगीत चिकित्सा के इस्तेमाल पर शोध करना शुरू कर दिया है और साथ ही न्यूनतम इनवेसिव माइक्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक सर्जिकल कौशल के लिए उभरते न्यूरोसर्जन को प्रशिक्षित करने और उनका मूल्यांकन करने के लिए एआइ-आधारित सिमुलेटर भी बनाए हैं. यह संस्थान आध्यात्मिक चिकित्सा में एक नया पाठ्यक्रम खोलने पर भी विचार कर रहा है.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही