कहानी पुरानी है, बस रह-रहकर कुछ नए अध्याय अक्सर जुड़ जाते हैं. इस साल मई में, जर्मन चार्टर उड़ान से 253 भारतीयों को मानव तस्करी के संदेह जमैका की राजधानी किंग्सटन से दुबई भेज दिया गया. जमैका में हफ्ते भर के पड़ाव के बाद कुछ यात्री निकारागुआ जाने वाले थे और कुछ कनाडा. अलबत्ता महज एक दिन ही पड़ाव रहा. गुजरात के अपराध पड़ताल विभाग (सीआइडी) के अधिकारियों को शक है कि राज्य से करीब 75 और कुछ यात्री पंजाब से अवैध आप्रवास के लिए अमेरिका जाने की कोशिश में थे..
वापस लौटा देने पर कैसा लगता है ? करीब सात महीने पहले 32 वर्षीय रमन ठाकोर को पिछले दिसंबर में फ्रांस के वैट्री से निर्वासित किया गया था. उत्तर गुजरात के कृषि प्रधान शहर मेहसाणा में लौटकर उनका एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा, जब उन्होंने दोबारा कोशिश न करने की नहीं सोची हो. उनकी पत्नी तीस वर्षीया अल्पिता ठाकोर जारो-कतार रोए जा रही हैं और उनकी तीन वर्षीया बेटी गुब्बारे से खेलते हुए उनके आंसू पोंछने की कोशिश कर रही है. वे बताती हैं, "यह (अवैध आव्रजन का) उनकी तीसरी नाकाम कोशिश थी. इससे पहले एजेंटों ने उन्हें ठग लिया था, जिसके चलते उन्हें वियतनाम और इंडोनेशिया से वापस लौटना पड़ा था." रमन की फिर जाने की कोशिश की बात सोचकर ही अल्पिता का बुरा हाल है, हालांकि, उनकी ससुराल वाले बेफिक्र है. वे कहती हैं, "उन्हें भरोसा है कि वे किसी तरह अमेरिका पहुंच जाएंगे और वहां पहुंचते ही रुपए-पैसे की हमारी सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी, लेकिन मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा ?"
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शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
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पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"