भारत हलचल भरा कॉस्मोपोलिस है, जहां हर चीज हर जगह एक साथ हो रही है. भारतीय और भारतीय मूल के नायक यहां ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सांस्कृतिक, कारोबारी और राजनैतिक परिदृश्य में फल-फूल रहे हैं. भारत की सांस्कृतिक धरोहर और विरासत की गहरी जड़ें प्राचीन परंपरा में हैं. यह वैश्विक धारणाओं को गढ़ने और रचनात्मक सिनर्जी को बढ़ावा देने का अद्वितीय अवसर देता है. विकासशील देशों में भारत की प्रधानता दूसरे देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने में बहुत ज्यादा अहम है. ऐसे आपसी सहयोग दोतरफा रिश्तों को बढ़ाते हैं और कला की समावेशी व समतापूर्ण दुनिया बनाने के अवसर निर्मित करते हैं.
भारतीय कला बाजार इस वक्त अपने सबसे मजबूत दौर में है, जब अमृता शेरगिल, एस.एच. रजा, राजा रवि वर्मा और वी.एस. गायतोंडे सरीखे मशहूर कलाकारों की कृतियों की नीलामी के रिकॉर्ड टूट रहे हैं. समकालीन कला की बिक्री भी बढ़ रही है और उसके समानांतर दक्षिण एशियाई कला में वैश्विक संस्थाओं की दिलचस्पी में भी इजाफा हो रहा है. दुनिया भर के जाने-माने संग्रहालयों में भारतीय कलाकारों की कृतियां अब पहले से कहीं ज्यादा प्रमुखता से दिखाई देती हैं. मैं निश्चित रूप से मानती हूं कि भारतीय और दक्षिण एशियाई कला के प्रति संस्थाओं, निजी संग्रहकर्ताओं और फाउंडेशनों की सालों की प्रतिबद्धता के नतीजे आखिर अब दिख रहे हैं. यह 60वें वेनिस बिएनाले में प्रस्तुत कलाकारों की संख्या से जाहिर है. साथ ही, फिलहाल दक्षिण भारतीय कलाकारों को प्रदर्शित करने वाली सांस्थानिक प्रदर्शनियों में न्यूयार्क में हुमा भाभा की कृतियां प्रदर्शित करने वाली पब्लिक आर्ट फंड, रकीब शॉ को पेश करने वाली म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट, ह्यूस्टन, यॉर्कशायर स्कल्प्चर पार्क में भारती खेर की भव्य प्रदर्शनी और अन्य शामिल हैं.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.