बेंगलूरू में रहने वाले सी. ए. दिनाकर ने दो साल पहले शहर के बसावेश्वर नगर मोहल्ले में अपने घर की छत पर 4 किलोवॉट (केडब्ल्यू) का सौर बिजली संयंत्र लगवाया. तब से उन्हें बिजली के बिल की फिक्र नहीं करनी पड़ती. उल्टे इन दिनों वे और ज्यादा बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं. रूफटॉप सोलरसिस्टम लगवाने पर उन्हें 3 लाख रुपए की लागत आई और इससे दिन में औसतन 16 यूनिट बिजली पैदा होती है, जो उनकी दैनिक घरेलू खपत से ज्यादा है. अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेच दी जाती है. हालांकि पिछले साल कर्नाटक घरपरिवारों के लिए मुफ्त बिजली योजना लेकर आया, लेकिन खुद अपनी बिजली उत्पन्न करने के लिए सोलर फोटोवोल्टिक (या सोलर सेल) पैनलों में भारी शुरुआती निवेश करके वे खुश हैं. इलेक्ट्रिक इंजीनियर दिनाकर को लगता है कि यह फिक्स्ड डिपोजिट में पैसा रखने से बेहतर है.
अभी हाल तक दिनाकर सरीखे लोगों की जाम बहुत छोटी थी. भारत में रूफटॉप सोलर (आरटीएस) ने जोर जो नहीं पकड़ा था. सरकार 2014 में रूपटॉफ सोलर कार्यक्रम लाई, जिसका लक्ष्य 2022 तक रूफटॉप से 40 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) बिजली पैदा करना था. यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ - नवंबर 2023 तक कुल स्थापित क्षमता 10.4 गीगावॉट आंकी गई, जिसमें 2.65 गीगावॉट आवासीय रूफटॉप से थी. 2014 का यह कार्यक्रम जागरूकता की कमी, शुरुआती भारी लागत, ग्रिड की स्थिरता से जुड़े मसलों और कार्यबल के सीमित हुनर की वजह से लड़खड़ा गया. उद्योग के अनुमान के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में भारत भर में करीब पांच लाख आवासीय रूफटॉप सोलर स्थापित थे. ऐसे में सुधार जरूरी हो गया.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.