चाहे राष्ट्रीय एआइ इन्फ्रास्ट्रक्चर की नींव रख रहे भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी हों, इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में प्रवेश कर रहे स्टील कारोबारी सज्जन जिंदल हों, पेंट और जूलरी में विस्तार कर रहे कुमार मंगलम बिरला हों, चाहे सेमीकंडक्टर पर बड़ा दांव खेल रहे टाटा सन्स के एन. चंद्रशेखरन हों, भारतीय उद्यमशीलता और नवाचार का जज्बा पूरी शान से दमक रहा है. उनकी शक्ति और आत्मविश्वास का सबसे अव्वल स्रोत भारतीय उपभोक्ता हैं जो नए से नए और बेहतर से बेहतर उत्पादों के लिए ललक रहे हैं, लेकिन इनमें से कई कारोबारी अगुआ वैश्विक मंच पर भी दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं - सुनील भारती मित्तल की कंपनी 15 देशों में काम करती है और गौतम अदाणी समूचे अफ्रीका में अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं.
मगर मुनाफे के साथ जिम्मेदारियां भी आती हैं. स्वच्छ मैन्युफैक्चरिंग तथा बिजली उत्पादन और टिकाऊ विकास विशाल भारतीय उद्योग की पहचान बन गए हैं. इन क्षेत्रों पर सरकार के जोर देने से इन्हें और भी बल और प्रोत्साहन मिलता है. ये कंपनियां भी निवेशकों की चहेती हैं, जहां उछाल भरते शेयर बाजार उनके बाजार मूल्य में अरबों का इजाफा कर रहे हैं. जाहिर है, ये कारोबार और उनके कप्तान यहां लंबे वक्त के लिए हैं और भविष्य की चुनौतियों पर खरा उतरने तथा कारोबारी दुनिया के सबसे ऊंचे सोपानों पर अपना स्थान पक्का करने के लिए पूरे प्राणपण से डटे हैं.
1 मुकेश अंबानी, 67 वर्ष
चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, रिलायंस इंडस्ट्रीज
शक्तिपुंज
● क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) वित्त वर्ष 2024 में 10 लाख करोड़ के राजस्व के मील का पत्थर पार करने वाली पहली कंपनी बनी, जिसने 79,020 करोड़ रु. का मुनाफा दर्ज किया और 3 लाख करोड़ रु. का सामान निर्यात किया जो भारत के कुल मर्चेंडाइज निर्यात का 8.2 प्रतिशत है. सो, भारत के कारोबारी जगत में उनका कद भीमकाय हो चुका है
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.