![मजबूत हाथों में भविष्य मजबूत हाथों में भविष्य](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1731320811/articles/4YxRwgkjN1731331381963/1731331646655.jpg)
भारत में प्रबंधन शिक्षा बदलाव की राह पर है. यह खास पेशकश से विकसित होते हुए अब देश के उच्च शिक्षा परिदृश्य का अहम हिस्सा बन गई है. हर साल 3,200 से ज्यादा संस्थान लाखों छात्रों के नामांकन के साथ प्रबंधन के पाठ्यक्रम महत्वाकांक्षी बिजनेस लीडर बनने के आकांक्षियों के लिए खास मुकाम बन गए हैं. वैश्विक रुझानों के विपरीत, जहां एमबीए कार्यक्रमों के लिए आवेदनों की संख्या में हाल में 8% तक की गिरावट आई है, भारत में इसमें उछाल आई है. इस साल 3,30,000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के लिए पंजीकरण कराया जो पिछले वर्ष से 30% ज्यादा है. इस बढ़ते रुझान की झलक शीर्ष 100 बिजनेस स्कूलों के दाखिले में भी मिलती है जिनमें 2023-24 में 15% तक का इजाफा हुआ है.
अब जबकि भारत उभरती आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी भूमिका बढ़ा रहा है तो ऐसे कुशल और दक्ष प्रबंधकों की जरूरत पहले से ज्यादा बढ़ गई है जो वैश्विक व्यापार के माहौल की जटिलताओं से निबटने में सक्षम हों. इतनी जरूरत पहले कभी न थी. ऑनलाइन प्रोफेशनल नेटवर्क लिंक्डइन के अनुसार एमबीए के साथ नियुक्ति पाने वाले सीनियर लीडर्स का हिस्सा दुनिया में 2010 के बाद से 25% बढ़ गया है. ऐसी ही कुछ पुष्टि इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2024 से भी होती है: एमबीए ग्रेजुएट्स की नौकरी पाने की दर 71.16 प्रतिशत है जो अन्य विषयों की तुलना में काफी अधिक है. इससे प्रबंधन शिक्षा के टिकाऊ मूल्य की अहमियत जाहिर होती है.
हालांकि भारत में प्रबंधन संस्थानों के तेज गति से विस्तार के साथ बड़ी चुनौतियां भी आई हैं, खास तौर पर सतत गुणवत्ता को बरकरार रखने, पर्याप्त बुनियादी व्यवस्थाएं और उद्योग की हमेशा बढ़ती मांग से तालमेल के अनुसार. इस बदलते परिदृश्य में इंडिया टुडे एमडीआरए बेस्ट बिजनेस स्कूल्स सर्वे छात्रों, शिक्षकों और भर्तियां करने वालों के मार्गदर्शन के लिए महत्वपूर्ण दिशासूचक के रूप में उभरा है. अकादमिक प्रतिभा, फैकल्टी की दक्षता, उद्योग से संबंध और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन जैसे अहम पैमानों पर संस्थानों का मूल्यांकन करते हुए वार्षिक सर्वे इस प्रतिस्पर्धी शैक्षणिक बाजार में जानकारीपरक विकल्पों के लिए विश्वसनीय ढांचे का काम करता है.
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![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
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आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
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अब पंजाब की पहरेदारी
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चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
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भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर