वेदिन लद गए जब सामान्य तरह का यात्रा अनुभव आम बात थी. नए जमाने के सैलानी ऐसी जगहों पर छुट्टी बिताना चाहते हैं जहां संस्कृति, भोजन और शिल्प मुख्य स्थान पर हों. अगर आपका ध्यान सिर्फ आगरा, जयपुर या गोवा पर ही नहीं है, तो आपके लिए चुनने को कई खास यात्राएं हैं. इन सभी यात्राओं का नेतृत्व अपने क्षेत्र काबिल लोग करते हैं.
पगडंडी सफारी मध्य प्रदेश में पैदल और मोबाइल सफारी के लिए
जीप से राष्ट्रीय उद्यानों में घूमना सामान्य बात है. लेकिन अगर आपको जंगल में पैदल घूमने का मौका मिले तो कैसा लगेगा? पगडंडी सफारी को इसमें महारत हासिल है. प्रशिक्षित प्रकृतिवादियों के नेतृत्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के माध्यम से ये पैदल और मोबाइल सफारी आपको घने जंगलों, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों और आदिवासी गांवों से होते हुए रोमांच से भरपूर अनुभव दिलाती है. यह अनुभव हर मुमकिन देहाती है-कैंपसाइटों में बिजली नहीं है और टेंट मामूली किस्म के हैं. स्थानीय रसोइये घर का भोजन परोसते हैं. नवंबर से मार्च तक चलने वाले इस सफारी में प्रति बैच 10 मेहमानों को ही शामिल किया जाता है. इसका हिस्सा बनने के लिए व्यक्ति का स्वस्थ होना जरूरी है.
www.pugdundeesafaris.com
विलेज वेज़ हिमालय में पैदल घूमने के लिए
अगर उत्तराखंड के कम मशहूर गांवों में घूमना आपको आकर्षक लगता है, तो विलेज वेज़ के साथ एक अनुभव के लिए साइन अप करें. इसकी सह-संस्थापक मनीषा पांडे कहती हैं कि ये 'छुट्टियों में आराम से टहलने वाले' ट्रेक जैसी नहीं हैं. इसके बजाए ये सैलानियों को ग्रामीण माहौल में खुद को सराबोर करने का मौका देती हैं. प्रत्येक यात्रा में एक स्थानीय गाइड-इलाके की वनस्पतियों, जीवों और भाषा में अच्छी तरह से प्रशिक्षित - की अगुआई करता है. इसके अलावा, मेहमानों को स्थानीय लोगों के जीवन की झलक दिखाने के लिए समुदाय के स्वामित्व वाले होमस्टे में ठहराया जाता है. विलेज वेज़ कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ के गांवों में फुरसत के लम्हे बिताने का भी मौका देता है. इन अनुभवों में पैदल चलना, दर्शनीय स्थलों की यात्रा, स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत और आराम करने और तनावमुक्त होने का समय शामिल है.
www.villageways.com
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