बीते अक्टू्बर में जॉर्जिया स्थित क्लार्कस्टन के एक मंच से कमला देवी हैरिस जब बुलंद आवाज में बोल रही थीं, उनके समर्थकों ने नारा लगाया, ‘‘जीत हमारी है।’’ अपनी परिचित मुस्कान के साथ हैरिस ने जवाब दिया, ‘‘या, जैसा कि एक पूर्व राष्ट्रपति कहते हैं, यस, वी कैन।’’ और उनके समर्थकों ने समवेत स्वर में नारा लगाया, ‘‘यस, वी कैन।’’ हैरिस कई मायनों में पहली हैं- कैलिफोर्निया की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी जाने वाली पहली काली महिला, राज्य की पहली महिला अटॉर्नी जनरल और एशियाई मूल की पहली अमेरिकी सीनेटर। फिलहाल, मौजूदा उपराष्ट्रपति और भावी राष्ट्रपति की दौड़ में आधिकारिक प्रत्याशी के बतौर उनके ऊपर दो विरासतों का बोझ है। एक, पहली काली महिला और दूसरा, पहली दक्षिण एशियाई महिला होने का बोझ। उनकी यह पहचान बहुआयामी है जिससे कई लोग खुद को करीब पाते हैं, तो कई लोगों की उनके ऊपर सख्त नजर भी है। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और वैचारिक सफर के चलते उनकी निजी शख्सियत बहुत जटिल है। वे खुद को वाम और दक्षिण दोनों खेमों के समर्थकों और आलोचकों की मांगों के बीच फंसा हुआ पाती हैं। इन जटिलताओं को समझे बगैर हैरिस को नहीं समझा जा सकता।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शहरनामा - हुगली
यूं तो पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे बसा जिला हुगली 1350 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन यहां हुगली नाम का एक छोटा-सा शहर भी है।
इन्फ्लुएंसरों के भरोसे बॉलीवुड
स्क्रीन पर सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसरों का बॉलीवुड कर रहा अच्छा, बुरा और बदसूरत चित्रण
घर के शेर, घर में ढेर
लंबे दौर बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से एकतरफा हार से सितारों और कोच पर उठे सवाल
'तलापति' का सियासी दांव
दक्षिण की सियासत में एक नए सितारे और उसकी पार्टी के प्रवेश ने पुराने सवालों को जिंदा कर दिया है
उलझन सुलझे ना
विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस के लिए अब नेता प्रतिपक्ष चुनना भी बना भारी चुनौती
आधा देश जद में
पचास सीटों पर विधानसभा और संसदीय उपचुनाव केंद्र की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दलों की बेचैनी के कारण आम चुनाव जितने अहम
दोतरफा जंग के कई रूप
सीधी लड़ाई भले भाजपा और झामुमो के बीच, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों की भूमिका नतीजों को तय करने में अहम
मराठी महाभारत
यह चुनाव उद्धव ठाकरे और शरद पवार की अगुआई वाली क्षेत्रीय पार्टियों के लिए अपनी पहचान और राजनैतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई, तो सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भी उसकी राजनीति की अग्निपरीक्षा
पहचान बचाओ
मराठा अस्मिता से लेकर आदिवासी अस्मिता तक चले अतीत के संघर्ष अब वजूद बचाने के कगार पर आ चुके
आखिर खुल गया मोर्चा
जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच बढ़ने लगा तनाव, यूटी दिवस पर शीत युद्ध गरमाया