गतांक से आगे....
हनुमान लंका के उच्चतम पर्वत अरिष्ट गिरि पर चढ़ गए और हाथ जोड़कर श्रीराम का स्मरण करते हुए प्रणाम किया, फिर अपने शरीर को वृहदाकार बना लिया और 'जय श्रीराम' का उद्घोष करते हुए तीव्र वेग से आकाश में छलांग लगाई और उत्तर दिशा की ओर उड़ने लगे हैं। हनुमान के छलांग लगाने की गति इतनी तेज रही कि उनके पैरों का दबाव पड़ने के कारण तीस योजन ऊँचा और दस योजन चौड़ा वह अरिष्ट गिरि अपने ऊँचे शिखरों तथा विशालकाय वृक्षों सहित भूमि में धँस गया। हनुमान द्वारा किये गए जयघोष की गर्जना से समस्त दिशाएं थर्रा गयी हैं, अनेक पर्वत भरभराकर गिर गए हैं, समुद्र का जल उफान मारने लगा है और लंका की भूमि भूकम्प के समान कम्पित हो उठी है। जो राक्षस जहाँ है वहीं काँपकर गिर गया, सभासदों सहित स्वयं रावण का सिंहासन भी डोल गया और रावण का मुकुट भी भूमि पर गिर गया। कुछ पल के लिए तो सर्वत्र भय व्याप्त हो गया है।
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष