जब से यशराज फिल्म्स ने अपनी 23 जनवरी, 2023 को प्रदर्शित होने वाली फिल्म 'पठान' का गीत 'बेशर्म रंग...' यूट्यूब पर डाला और इस गाने के एक दृश्य की तसवीर (जिस में शाहरुख खान के साथ दीपिका पादुकोण भगवा रंग की बिकिनी पहने हुए नजर आती हैं) को मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसारित की, तब से इस गाने और दीपिका के पहनावे पर हंगामा मचाते हुए सोशल मीडिया पर तथाकथित 'बौयकौट गैंग' ने फिल्म 'पठान' का बौयकौट करने की जोरदार तरीके से मांग उठाई, जिस के समर्थन में मध्य प्रदेश राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कूद पड़े.
वहीं महाराष्ट्र में भाजपा विधायक राम कदम भी पीछे नहीं रहे. इस के बाद पूरे देश में हर जगह, सोशल मीडिया के हर प्लेटफौर्म से ले कर समाचार चैनलों पर फिल्म 'पठान' और इस फिल्म के गाने 'बेशर्म रंग...' को ले कर बहस छिड़ गई.
मीडिया भी अपनी डफली बजाने लगा, जिस का नुकसान के बजाय सब से बड़ा फायदा यशराज फिल्म्स को हुआ. बौयकौट गैंग ने यशराज फिल्म्स की फिल्म 'पठान' को बिना एक भी पैसा खर्च किए अरबों रुपयों की पब्लिसिटी दिला दी. यह पब्लिसिटी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मिल गई. अब फिल्म 'पठान' बच्चेबच्चे की जबान पर है. इस तरह यशराज फिल्म्स, शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण का अपना मसकद पूरा हो गया.
जिम्मेदार कौन
अब फिल्म 'पठान' को बौक्स ऑफिस पर सुपरहिट कराने की भी एक मुहिम कम से कम सोशल मीडिया पर जम कर चल रही है. नया वर्ष शुरू होने पर 'बौयकौट गैंग' तो लापता हो गया है, मगर सोशल मीडिया पर फिल्म 'पठान' के पक्ष में जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है. यहां तक कि पठान के समर्थन में 'इंडियन आर्मी सेना' भी मैदान में उतर चुकी है.
अफसोस की बात यह है कि इस में आम लोग ही नहीं बल्कि तमाम न्यूज चैनलों के अपनेआप को महान संपादक घोषित कर चुके संपादक व पत्रकार भी शामिल हो गए. ये पढ़ेलिखे लोग भूल गए कि वर्तमान सरकार ने फिल्म मेकर को पंगु बना कर रख दिया है. अब वर्तमान सरकार जब चाहे जिस फिल्म को चाहे बिना कुछ कहे, सिनेमाघर तक पहुंचने से रोक दे. इस के लिए वर्तमान सरकार को 'बौयकौट गैंग' के सहारे की जरूरत नहीं है.
सरकार ने हर फिल्मकार के पर कतर दिए हैं
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....