पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन
Madhuchaitanya Hindi|March - April 2020
पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन
पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन

|| समाधिस्थ गुरु ।।

सभी पुण्यात्माओं को मेरा नमस्कार...

この記事は Madhuchaitanya Hindi の March - April 2020 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Madhuchaitanya Hindi の March - April 2020 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

MADHUCHAITANYA HINDIのその他の記事すべて表示
पूज्य गुरुदेव के प्रवचन- चेतना का जन्म
Madhuchaitanya Hindi

पूज्य गुरुदेव के प्रवचन- चेतना का जन्म

इस प्रवचन में पढ़िए... • अच्छे सान्निध्य का प्रभाव सब पे पड़ता है। • नाशवान चीजों की तरफ चित्त डालने से चित्त नष्ट होता है। • 'समर्पण ध्यान' में अनुभूति बुद्धि, प्रयत्न और धन से प्राप्त नहीं की जा सकती। • बुद्धि जहाँ समाप्त होती है, वहाँ आध्यात्मिकता की शुरुआत होती है। • हमारे अंदर की चेतना कैसे जागृत होती है ? • एक बार आपको सकारात्मकता में जीना आ जाए, तो आपका जीवन की तरफ देखने का दृष्टिकोण बदल जाएगा। • 'समर्पण ध्यान' सामान्य आदमी के लिए, सामान्य तरीके से ईश्वर-प्राप्ति का मार्ग है।

time-read
1 min  |
July - August 2021
इस अंक के संत- अवतार मेहर बाबा
Madhuchaitanya Hindi

इस अंक के संत- अवतार मेहर बाबा

१९वीं सदी जब समाप्ति की ओर थी, मानव-हृदय में प्रेम, श्रद्धा, दया तथा परोपकार जैसी भावनाएँ कम होने लगी थीं, मनुष्य अत्यंत बुद्धिवादी एवं अहंकारयुक्त होकर हृदयविहीन होता जा रहा था। ऐसे समय 'दिव्य प्रेम' का संदेश लेकर अवतरित हुए एक सिद्धपुरुष – मेहर बाबा! बाबा ने केवल उस दिव्य प्रेम के बारे में मार्गदर्शन ही नहीं दिया, अपितु उसे जीया है। प्रेम, पवित्रता एवं सेवा से परिपूर्ण उनका जीवन, अनन्तकाल तक जीवन जीने का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनकर रहेगा। आइए, ऐसे सिद्धपुरुष की जीवनी पर एक नजर डालें।

time-read
1 min  |
July - August 2021
पूज्य गुरुदेव के प्रवचन- आत्मा से परमात्मा तक
Madhuchaitanya Hindi

पूज्य गुरुदेव के प्रवचन- आत्मा से परमात्मा तक

इस प्रवचन में पढ़िए... • आत्माभिमुख कैसे हों? • भूतकाल के विचारों से छुटकारा कैसे पाएँ ? • सद्गुरु रूपी 'शिव' को भूतकाल का जहर समर्पित करना चाहिए। • मोक्ष की स्थिति इसी जीवन काल में प्राप्त की जा सकती है। • जीवंत माध्यम कैसा हो? • आश्रम, हजारों, लाखों आत्माओं का स्थाईत्व बनेगा। • सारे मनुष्यों तक प्रेम पहुँचाएँ कैसे? • परमात्मा की प्राप्ति के लिए आवश्यक है आप आत्मा बनें।

time-read
1 min  |
July - August 2021
यात्रा संस्मरण
Madhuchaitanya Hindi

यात्रा संस्मरण

कच्छ दर्शन के संस्मरण- ४

time-read
1 min  |
July - August 2021
संत रविदास (रैदास)
Madhuchaitanya Hindi

संत रविदास (रैदास)

शरीर के स्तर पर जीने वाला शूद्र है, के बल पर जीने वाला वैश्य है, खुद के बल पर जीने वाला क्षत्रिय है और सिर्फ परम बल से जो जीता है वो ब्राह्मण है; ये चारों अवस्थाएँ मात्र हैं! इसका जन्म से दूर-दूर का कोई नाता नहीं है, ये नि:संदेह है। लेकिन ऊर्जा के स्तर से निर्मित ये अवस्था जब शारीरिक और जन्म आधारित होकर रुक जाती है तब कोई न कोई क्रांतिकारी पुनः ऊर्जा आधारित व्यवस्था की स्थापना करता है और ऐसे ही ये चक्र रुकता और चलता रहता है।

time-read
1 min  |
May - June 2021
पूज्य गुरुदेव के प्रवचन
Madhuchaitanya Hindi

पूज्य गुरुदेव के प्रवचन

पंद्रहवाँ ४५ दिवसीय गहन ध्यान अनुष्ठान समारोह समर्पण आश्रम, दांडी महाशिवरात्रि, दिनांक ११ मार्च, २०२१

time-read
1 min  |
May - June 2021
ऋषि मृत्युंजय मार्कण्डेय
Madhuchaitanya Hindi

ऋषि मृत्युंजय मार्कण्डेय

पूज्य गुरुदेव ने सन् २०२० और २०२१ को 'बाल वर्ष' के रूप में घोषित किया है। इसी उपलक्ष्य में हम एक विशेष लेख शृंखला अपने बाल पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा है, इस शृंखला के तहत प्रकाशित होने वाले बालयोगियों एवं बाल संतों के जीवन-चरित्र से बच्चों को निश्चित ही प्रेरणा मिलेगी।

time-read
1 min  |
March - April 2021
कच्छ दर्शन के संस्मरण- २
Madhuchaitanya Hindi

कच्छ दर्शन के संस्मरण- २

कच्छ दर्शन की श्रृंखला में (१०/१०/२०२०) शनिवार को हम सुबह साढ़े चार बजे पुनडी के बाबा धाम से निकले। सुबह चाय पीकर निकले थे। अँधेरे में चंद्रमा साथ था और सुबह का तारा, यानी স্থা अपनी संपूर्ण ऊर्जा के साथ चमक रहा था। सूर्योदय के बाद भी लम्बे समय तक वह नजर आ रहा था।

time-read
1 min  |
March - April 2021
नववर्ष के दिन पूज्य गुरुदेव का संदेश
Madhuchaitanya Hindi

नववर्ष के दिन पूज्य गुरुदेव का संदेश

सभी पुण्य आत्माओं को मेरा नमस्कार ..

time-read
1 min  |
March - April 2021
प्रेरक प्रसंग- माँ के संस्कार
Madhuchaitanya Hindi

प्रेरक प्रसंग- माँ के संस्कार

प्राचीन काल की बात है। एक राजा था, उसके पास बहुत ही सुंदर और वफादार घोड़ी थी सुंदरी। राजा अपनी घोड़ी से बहुत प्यार करता था। सुंदरी भी अपने मालिक, यानी राजा का बहुत ध्यान रखती थी। उसने दो-तीन बार अपनी जान पर खेलकर राजा के प्राणों की रक्षा की थी।

time-read
1 min  |
January - Fabruary 2021