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जमाना मॉडर्न योगा का है
बदलते समय के साथ योगा की क्रियाओं में भी कुछ परिवर्तन आए हैं। जानिये क्या हैं ये परिवर्तन तथा ये किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
रथ पर सवार जगन्नाथ भगवान
यह मौका होता है पुरी की प्रसिद्ध रथ यात्रा का। यात्रा के इन नौ दिनों में भक्त और भगवान के बीच कोई सीमा नहीं रह जाती, जात-पात का भेद तक मिट जाता है। सब रथ में सवार भगवान को ढोने का आनंद लेते हैं।
विटामिनों की आवश्यकता क्यों ?
हमारे शरीर के स्वस्थ व रोग मुक्त रहने हेतु यह आवश्यक है कि इसको सही मात्रा में विटामिन की पूर्ति होती रहे। विटामिन हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी तत्त्व है। यह विटामिन कई प्रकार के होते हैं और इन विटामिनों की उपलब्धता ही हमें रोगमुक्त व स्वस्थ रखती है। आइए विस्तारपूर्वक जानें क्या होते हैं विटामिन व उनके प्रकार ? आदि इस लेख से।
स्वभाव, स्वास्थ्य एवं भाग्य को दर्शाते हैं नाखून
नाखून मात्र हमारी उंगलियों का सौंदर्य ही नहीं बढ़ाते। बल्कि हमारे भविष्य की ओर भी इशारा करते हैं फिर वह हमारा भाग्य हो या स्वास्थ्य। यहां तक कि नाखून हमारे स्वभाव एवं छिपे व्यक्तित्व को भी उजागर करते हैं। बस हमें इनको पढ़ने की भाषा आनी चाहिए। आइए विस्तारपूर्वक लेख से जानें कैसे।
हिन्दू-दर्शन का रहस्य
यथार्थ की परख के लिए जो दृष्टिकोण अपनाया जाता है, उसे दर्शन कहते हैं। परम सत्ता के साथ साक्षात्कार करने का दूसरा नाम दर्शन है। भारतीय परंपरा में दर्शन का व्यापक महत्त्व है। क्या है दर्शन तथा हमारे जीवन को राह दिखाने में इनकी क्या भूमिका है, जानें इस लेख से।
खानपान में बदलाव लाने से दिमाग होगा दुरुस्त
क्या आप अपनी त्वचा के साथ अपने दिमाग को भी दुरुस्त रखना चाहते हैं? ऐसे में सबसे पहले अपना खानपान बदलने का प्रयास कीजिए, क्योंकि शरीर के साथ दिमाग को भी अच्छी खुराक की जरूरत होती है। दरअसल, हमारी डाइट ही यह निर्धारित करती है कि हम कितने स्वस्थ हैं और हमारा दिमाग कितना काम करता है!
गर्मी और बरसात करे कई रोगों की शुरुआत
जब भी कोई मौसम बदलता है तो मानव शरीर सबसे पहले चपेट में आता है, खास तौर पर गर्मी और बरसात के मौसम में। इस मौसम में सबसे ज्यादा रोग, लू (गर्म हवा) लगने एवं बरसात के प्रदूषित जल के कारण उत्पन्न होते हैं। कौन से हैं वो रोग तथा क्या है उनका उपचार आइए जानें।
ऐसे पाएं गहरी नींद
मनुष्य ने अपने जीवन को आरामदायक, सुखपूर्वक बनाने के लिए कई अविष्कार किए है। किन्तु आज का मनुष्य अपने किए आविष्कारों में खुद ही जकड़ा जा चुका है। जिस कारण उसे पर्याप्त नींद भी नहीं मिल पा रही। ऐसे में कैसे पाएं गहरी नींद ? आइए जानते हैं लेख से।
पवित्रता का पर्याय है गंगा
गंगा नदी की महिमा सदियों पुरानी है। गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदी कहा जाता है। आखिर क्यों है गंगा नदी का इतना महत्त्व, क्यों है गंगा इतनी पवित्र ? आइए जानते हैं इस लेख से।
जब करनी हो अमरनाथ की यात्रा
अमरनाथ की कठिन यात्रा कर बाबा बर्फानी के दर्शन करना बड़े ही सौभाग्य की बात है लेकिन यह भी सत्य है कि कुछ बातों का ध्यान रखकर हम इस यात्रा को काफी हद तक आसान अवश्य बना सकते हैं।
आपके लिए ये हैं प्रोटीन के बढ़िया विकल्प
प्रोटीन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। हर मनुष्य को इसकी जरूरत होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति को हर रोज अपने शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम पर 0.8 ग्राम प्रोटीन के सेवन की जरूरत होती है। अंडा प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसके अलावा ये खाद्य पदार्थ भी आपके शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाते हैं ...
हाई बीपी की समस्या को दूर कर सकते हैं ये योगासन
योग हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ-साथ तनाव को भी दूर करता है। ये योगासन आपके दिल को स्वस्थ रखने में बेहद कारगर साबित होंगे।
सीने में दर्द हमेशा हार्ट अटैक नहीं होता
बढ़ते तनाव और बदलती दिनचर्या के चलते हार्ट अटैक होना जैसे एक आम समस्या हो गई है। परंतु इसका मतलब यह भी नहीं कि जरा सा सीने में दर्द हार्ट अटैक की ही खबर देता हो। इसलिए ऐसे में जानना जरूरी है उन लक्षणों व टेस्ट रिपोर्ट्स को जो बताते हैं कि सीने में उठने वाला दर्द हार्ट अटैक है या कुछ और?
समर सीजन में टीनएज बच्चों को दें हेल्दी फूड
हर मां के मन में एक ही सवाल उठता है की बच्चों को क्या रिवलाएं, कैसे विलाएं, कब रिवलाएं? जिससे बच्चा स्वस्थ रहे और अच्छे से रवाना रवा सके। टीनएज एक ऐसा दौर होता है जहां बच्चों की ग्रोथ के लिए संतुलित भोजन की जरूरत होती है।
विक्रम संवत् का महत्त्व व इतिहास
दुनिया के सभी धर्मों एवं संस्कृतियों में नव वर्ष की शुरूआत को मनाने की भिन्न-भिन्न तिथियां मिलती हैं, जैसे ईसाई एक जनवरी से, तो मुसलमान मुहर्रम से, उसी प्रकार वैदिक संस्कृति के अनुयायी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात् विक्रम संवत् से नववर्ष का प्रारम्भ मानते हैं। आइए लेव के माध्यम से जानें विस्तार से।
योगा से रहें निरोग
जब तक भारत में योग के द्धारा वास्तविक शक्ति की उपासना होती रही तब तक इस देश के बच्चे शक्तिशाली होते रहे। आज इस योग शक्ति के बिना देश मृतप्राय हो रहा है। देश के कलानिधि, मायानिधि इससे रूठे हुए हैं। योग सर्व विद्याओं, सब देवों के देवत्व परमतत्त्व का कारण होने से हमारी सारी उपासनायें योग द्धारा सर्वशक्तिसंपन्न कराया करती थी।
मां बनने में आ रही है दिक्कत तो खाएं ये हेल्दी फूड
मां बनना किसी भी महिला के लिए सबसे ज्यादा खुशी लेकर आता है, लेकिन आज के मॉडर्न लाइफ में कई कपल्स ऐसे हैं जो इस खुशी से अछूते हैं। लेकिन ये चिंता की बात नहीं, आप अपने लाइफस्टाइल में मामूली बदलाव करके माता-पिता बनने का सुख पा सकते हैं। क्या आपको पता है अंडा भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
बुखार में अपनाएं यह उपचार
बुखार घर-घर होने वाला एक आम रोग है जो कभी भी, किसी भी मौसम में कई कारणों से, कई तरह का हो सकता है पर इसके प्रति लापरवाही महंगी भी पड़ सकती है। इससे पहले की बात बिगड़े करें कुछ घरेलू उपचार।
बचपन में ही दें बच्चों को नैतिक शिक्षा
शिशु आगे चलकर कैसा होगा, ये तो किसी माता-पिता को पता नहीं होता, लेकिन बच्चे को शुरुआती दिनों से ही अच्छी सीरव देने के साथ ही नैतिकता का पाठ पढ़ाएं। बच्चों को बताएं कि नैतिक शिक्षा के जरिए वह जिंदगी में बड़े कामयाब इंसान बन सकते हैं।
तनाव में तलाशिए तरक्की की राह
'तनाव' ये शब्द सुनते ही सबके मन में सिर्फ और सिर्फ इससे जुड़े नकारात्मक विचार ही आने लगते हैं। लगता है जैसे तनाव हमारी जिंदगी को निगल न जाए। लेकिन तनाव हमेशा बुरा नहीं होता। इसके भी कुछ अच्छे और सकारात्मक पहलू होते हैं, जो हमें चिंताग्रस्त नहीं करते बल्कि तरक्की की राह पर आगे ले चलते हैं।
अनदेखा न करें इन 7 लक्षणों को
अक्सर महिलाएं सेहत से जुड़ी रोजमर्रा की तकलीफों को नजरअंदाज कर देती हैं लेकिन बेहतर है लक्षण को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर के पास तुरंत जाएं। सेहत के प्रति बरती गई ये लापरवाही आगे चलकर उनके लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
गर्मियों में होने वाली इन स्किन समस्याओं से इस तरह करें बचाव
गर्मी के मौसम में अत्यधिक पसीना, तेज धूप के कारण त्वचा संबंधित कई समस्याएं होने लगती हैं, जिससे चेहरे की चमक गायब सी हो जाती है। आइए जानते हैं कैसे इस मौसम में बनाए रखें त्वचा की खूबसूरती...
धैर्य व त्याग के प्रतिरूप भगवान महावीर
भगवान महावीर ने अपने धैर्य व त्याग से भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के समक्ष एक उदाहरण पेश किया है, आइए उनके बारे में विस्तार से जानें इस लेव के माध्यम से।
तुलसी तीर्थ रामवन
जहां सुरक्षित हैं करोड़ों हस्तलिरिवत राम नाम भगवान राम से लोगों की आस्था इस कदर जुड़ी हुई है कि पूरे देश में प्रभु श्रीराम के एक से बढ़ कर एक अनोरवे मंदिर व तीर्थ स्थल देखने को मिलते हैं जहां जाते ही मन राममय हो जाता है। ऐसा नहीं एक तीर्थ स्थल है 'रामवन'।
सुन्दर कांड की सुंदरता
मनुष्य जाति का इतिहास दर्शाता है कि पृथ्वी पर जहां-जहां, जब-जब रामत्व प्रकट होता है, तब तब, वहां-वहां किसी न किसी न रूप में हनुमानत्व भी जन्म लेता है। आज भी जहां राम कथा चल रही होती है, वहां सूक्ष्म रूप में हनुमान भी उपस्थित होते हैं।
विश्व के कोने-कोने में बसे हैं - श्री राम के मंदिर
अयोध्या के राम मनुवंश के भूषण थे। मनु ने ही अयोध्या बसाई थी। वैवस्वत मनु की संतानें विश्व के कोने-कोने में फैली। विवस्वान का अर्थ होता है सूर्य । विश्व में सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी ययाति के वंशज देश-देशान्तर में बस गए थे। अयोध्या के राम मनुवंश के देदीप्यमान थे जो आज भी विश्व में अपने उदात्त चरित्र, शील, नैतिकता और आदर्श के लिए जाने जाते हैं। मनु के दस पुत्रों में इक्ष्वाकु सबसे अधिक चर्चित थे। इसी वंश में राम का जन्म हुआ था 'इक्ष्वाकुवरा प्रभवो रामोः'।
कैसे करें रामनवमी का व्रत
चैत्र माह के नवरात्र का अंतिम दिन रामनवमी या राम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत-पूजन द्वारा अपने ईष्ट देव प्रभु रामचन्द्र को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इसीलिए हम आपको यहां बता रहे रामनवमी व्रत व पूजन करने की सही विधि व इस व्रत का महत्त्व।
प्रदोष व्रत की महिमा
हिन्दू धर्म के अनुसार हर व्रत का अपना अलग महत्त्व हैं। ऐसा ही एक व्रत है प्रदोष व्रत।
छात्रों में कमजोर एकाग्रता के उपाय
वर्तमान समय में पढ़ाई तथा अच्छे अंको को लेकर प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है और इस प्रतिस्पर्धा की दौड़ में आगे निकलने के लिए आवश्यक है अच्छी एकाग्रता और गहरी याददाश्त । अपनी एकाग्र क्षमता को बढ़ाने के लिए निम्न बातों का खयाल रखें -
क्या संबंध है रामनवमी और नवरात्र में?
सदियों से हम नवरात्र व रामनवमी का पर्व मना रहे हैं दोनों पर्वो का अपना अलग-अलग महत्त्व व कारण है। नवरात्र देवी दुर्गा से संबंध रखता है तो रामनवमी भगवान श्री राम से। दोनों ही भिन्न हैं। फिर इन्हें एक साथ क्यों मनाया जाता है? पर्व विजयदशमी का हो या रामनवमी का, साथ में नवरात्र अवश्य होते हैं। क्यों जानिए इस लेव से।