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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।
श्रीगणेश नाम रहस्य
हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
कृष्ण चरित के प्रतिनिधि शास्त्र भागवत और महाभारत में राधा का उल्लेख नहीं होने के बावजूद वे लोकमानस में प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक के रूप में बसी हुई हैं। सन्त महात्माओं ने उन्हें कृष्णचरित का अभिन्न अंग माना है। उनकी मान्यता है कि प्रेम और भक्ति की जैसे कोई सीमा नहीं है, उसी तरह राधा का चरित, उनकी लीला और स्वरूप भी प्रेमाभक्ति का चरमोत्कर्ष है।
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
राजस्थान के देवी-देवताओं में बाबा रामदेव का नाम काफी विख्यात है। इनके अनुयायी राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और सिन्ध (पाकिस्तान) आदि में बड़ी संख्या में हैं।
जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव
जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।
अपनों के दिए जख्मों का बोझ
ये इल्जाम उसकी पत्नी उस पर लगा रही थी । इस तरह पहली पत्नी से विनोद का तलाक हो गया और फिर एक वर्ष बाद उसने दूसरी शादी की और उस शादी को भी 20 माह खींचने की कोशिश की।
विघ्नविनाशक श्रीगणेश
अपनी तपस्या भंग होते देखकर वे कुपित हो गए और तुलसी को शाप दिया कि उसका विवाह किसी असुर से होगा। साथ ही, मेरी पूजा में तुम्हें कभी भी सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
गाणपत्य सम्प्रदाय एक विहंगम दृष्टि!
हिन्दू धर्म परम्परा में पंच प्रधान देवों की उपासना हिन्दूधर्माधारित मुख्यत: पाँच सम्प्रदाय हुए हैं; ये हैं : शैव, शाक्त, वैष्णव, गाणपत्य एवं सौर। ये सम्प्रदाय दीर्घकाल तक और विस्तृत क्षेत्र में प्रचलित होने के कारण प्रधानता रखते हैं। प्रत्येक सम्प्रदाय अपने आराध्य को परब्रह्म के रूप में उपासित करता हुआ अभिव्यक्त करता है और उसी से ही सृष्टि एवं अन्य देवी-देवताओं की उत्पत्ति मानता है।
क्यों चर्चा में है केदारनाथ धाम?
दिल्ली में केदारनाथ धाम!
अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव-2024 डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस कितनी सम्भावना है जीतने की?
योग एवं दशाओं की दृष्टि से देखें, तो कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की अच्छी उम्मीदवार साबित होंगी और वे न केवल ट्रम्प को कड़ी चुनौती दे पाएँगी, वरन् उनके जीतने की भी सम्भावना है।
हस्तरेखाओं से कुछ विशेष उपलब्धिकारक सूत्र
बृहदारण्यकोपनिषद् (1–45) में कहते हैं— 'आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः श्रोतव्यो मन्तव्यो निदिध्यासितव्यः।' अर्थात् अरे ! यह आत्मा ही देखने और जानने योग्य है, सुनने योग्य है, मनन करने योग्य है तथा ध्यान करने योग्य है। यानि आत्मा के सम्बन्ध में पहले सुनना होगा, उसके बाद मनन अर्थात् चिन्तन करना होगा। उसके बाद लगातार ध्यान करना होगा।
हँसी के बिना जीवन नहीं!
कुछ मत सोचिएगा, बस हँसिएगा। तब तक हँसते रहिएगा, जब तक आपके शरीर का प्रत्येक अंग हँसने नहीं लगे। हँसता हुआ ध्यान कीजिए, खिलखिलाता हुआ ध्यान।
व्यावसायिक बिल्डिंग में अग्निकोण का पानी स्रोत बन्द कर देगा कारोबार!
किसी भी कॉमर्शियल भवन अथवा बिल्डिंग के अग्निकोण में स्थित गड्ढ़ा या फिर पानी होने से व्यापार पूरी तरह से ठण्डा हो जाता है, क्योंकि पानी का काम ही होता है, गर्मी अथवा ताप को शान्त करना, तो ऐसे में यह बहुत ही जरूरी हो जाता है, कि जब भी आप किसी फैक्ट्री, मॉल, कारखाना, इण्डस्ट्री, होटल, स्कूल, कॉलेज, शोरूम, सरकारी भवनों का निर्माण प्रारम्भ करते हैं, तो इनके अग्निकोण में किसी भी प्रकार का गड्ढ़ा अथवा कोई पानी का स्रोत नहीं होना चाहिए अन्यथा निर्माण के दौरान से लेकर निर्माण होने तक कई प्रकार की रुकावटें आती हैं।
भगवान् विष्णु का अन्तिम अवतार कल्कि
वर्तमान में श्रावण शुक्ल षष्ठी का ही कल्कि जयन्ती के रूप में प्रचलन है। इस दिन भगवान् कल्कि के मन्दिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और भक्तगण उनकी स्तुति, मन्त्रजप, सहस्रनाम मन्त्र पाठ इत्यादि के द्वारा उन्हें प्रसन्न करते हैं।
भारतीय खगोलशास्त्री वराहमिहिर
वराहमिहिर ईसा की पाँचवी-छठी शताब्दी में हुए थे। वे खगोलशास्त्री के साथ गणितज्ञ भी थे। वे मगध सम्राट् चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक थे। मान्यता है कि वराहमिहिर का जन्म 505 ई. में हुआ था और उनकी मृत्यु 587 ई. में हुई थी। वे अवन्तिका (उज्जैन) के निवासी थे। वे 'पंच सिद्धान्तिका' के लेखक थे। वराहमिहिर को ज्योतिष विद्या का भी अच्छा ज्ञान प्राप्त था।
भगवान् शिव और श्रावण मास
सभी 12 महीनों का नाम 12 नक्षत्रों पर आधारित हैं और जिस तरह ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियाँ होती हैं, उसी तरह एक साल में 12 महीने भी होते हैं। श्रावण मास का नाम श्रवण नक्षत्र पर आधारित है। जब भी श्रावण मास अथवा श्रवण नक्षत्र का नाम आता है, तब श्रवण कुमार की निःस्वार्थ माता-पिता की भक्ति याद आ जाती है। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्रदेव और देवता भगवान् विष्णु हैं। जब भगवान् विष्णु ने वामन अवतार में राजा बलि से तीन पग धरती माँगी थी, उस समय श्रवण नक्षत्र था।
भारतीय संस्कृति का मूलाधार श्रीकृष्ण
भीतर की जन्माष्टमी कौन मना पाएगा? वही जिसके भीतर कृष्ण रूपी चेतना का जन्म हो। कृष्ण चेतना का जन्म किसके भीतर होगा...?
कुण्डली में बिजनेस में सफलता-संघर्ष के योग
जातक की जन्मपत्रिका में एकादश भाव, सप्तम भाव और बुध का कमजोर होना बिजनेस की सफलता में बाधक बनता है।
कर्मक्षेत्र में उन्नति दिलाने वाला जया योग
जया योग एक शुभ योग है और इस योग से यह निश्चित होता है कि जातक जीवन के सभी पहलुओं में अपने विरोधियों या प्रतिस्पर्धियों द्वारा निर्धारित किसी भी बाधा पर विजय प्राप्त करने में सक्षम रहेगा।
धार्मिक आस्था का पर्व नागपंचमी
समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला उसे पीने को कोई तैयार नहीं था। अन्तत: भगवान् शंकर ने उसे पी लिया। भगवान् शिव जब विष पी रहे थे, तभी उनके मुख से विष की कुछ बूँदें नीचे गिरीं और सर्प के मुख में समा गयीं। इसके बाद ही सर्प जाति विषैली हो गई।
रुद्राक्ष धारण का पर्व है श्रावणमास
हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए श्रावण मास का विशेष महत्त्व है। सम्पूर्ण देश के शिवालयों में इस माह अपार भीड़ रहती है। शिवलिंग पर जलाभिषेक और बिल्वपत्र की धूम मची रहती है। कावड़ियों के जत्थे के जत्थे दूर-दूर स्थित जलाशयों से अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए मीलों पैदल चलकर जल लाते हैं और शिव का जलाभिषेक करते हैं।
19 को है रक्षाबन्धन जानें कब बँधेगी राखी?
रक्षाबन्धन का मुहूर्त
ग्रह योग महान् खिलाड़ी बनने का संकेत दे रहे हैं!
विम्बलडन-2024 विजेता कार्लोस अल्कारेज
जानलेवा हमले के बाद क्या कहते हैं ट्रम्प के सितारे?
डोनाल्ड ट्रम्प - 13 जुलाई, 2024 को सायं लगभग 06:00 बजे अमेरिका के पेनसिल्वेनिया राज्य के बटलर नामक स्थान पर एक चुनावी रैली में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जब भाषण दे रहे थे, तो उन पर थॉमस मैथ्य क्रूक्स ने गोली चलाई, जो उनके दायें कान को जख्मी करती हुई निकल गई।
जेल से रिहा हुए जूलियन असांज! क्या कहती है, असांज की कुण्डली?
असांज ने अपनी संस्था 'विकीलीक्स' के माध्यम से दुनिया के कई देशों के गोपनीय दस्तावेजों को जब जनता के समक्ष रखा, तो उन देशों की सरकारें एक प्रकार से उनकी दुश्मन बन गयीं।