CATEGORIES

दुधारू पशुओं में ब्रुसीलोसिस-एक चिंताजनक रोग
Modern Kheti - Hindi

दुधारू पशुओं में ब्रुसीलोसिस-एक चिंताजनक रोग

ब्रुसीलोसिस बीमारी को मनुष्यों में माल्टा फीवर/अनडूलैंट फीवर या बैंग बीमारी के नाम से जाना जाता है। कुछ जगह इस बीमारी को साईप्रस फीवर या रोक फीवर भी कहा जाता है। मनुष्य में यह बीमारी मुंह के द्वारा, सांस के द्वारा तथा बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने से होती है। इसलिए पशुपालक तथा वेटनरी स्टाफ इस बीमारी के लिए संवेदनशील है, क्योंकि वह सीधे रूप से पशुओं के संपर्क में रहते हैं।

time-read
1 min  |
15th September 2021
दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग
Modern Kheti - Hindi

दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग

जैव उर्वरक क्या होते हैं जैव उर्वरक मुख्य रूप से एक जीवित सूक्ष्म जीवों का कृत्रिम कल्चर होता हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के लाभदायक सूक्ष्म जीव होते है जोकि वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन को स्थिरीकरण करने में, अघुलनशील फास्फोर्स को घुलनशील, स्थिर फास्फोर्स को मृदा में गतिशील बनाने में, मृदा की उर्वरता को बढ़ाने के साथ-2 मृदा की जैविक क्रियाओं और मृदा में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि करने के लिये महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।

time-read
1 min  |
15th September 2021
खरपतवार नियंत्रण कर पैदावार बढ़ायें
Modern Kheti - Hindi

खरपतवार नियंत्रण कर पैदावार बढ़ायें

खरपतवार नियंत्रण मुख्य रूप से निकाई-गुड़ाई एवं खरपतवारनाशक दवाओं के प्रयोग से किया जाता है। खरपतवारों पर नियंत्रण के लिये खरपतवारनाशी रसायनों के प्रयोग में कम समय व कम श्रमिक लगते हैं और उनका प्रयोग भी आसान है। विभिन्न प्रकार के खरपतवारनाशियों द्वारा खरपतवारों को नष्ट करने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है।

time-read
1 min  |
15th September 2021
उचित स्प्रे टैक्नॉलोजी की आवश्यकता
Modern Kheti - Hindi

उचित स्प्रे टैक्नॉलोजी की आवश्यकता

किसान फसलों के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए अधिक से अधिक स्प्रे कर रहे हैं। परन्तु कीट व रोगों पर फिर भी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो रहा बल्कि स्प्रों की संख्या बढ़ने से उनकी लागतों में वृद्धि अवश्य हो रही है।

time-read
1 min  |
15th September 2021
आलू कीट और रोग प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

आलू कीट और रोग प्रबंधन

आलू सब्जियों की फसलों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सब्जियों के अतिरिक्त आलू से निर्मित विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ जैसे चिप्स, पापड़, नमकीन इत्यादि अत्यंत लोकप्रिय हैं।

time-read
1 min  |
15th September 2021
भूमि सुपोषण महत्व व उपयोगी घटक
Modern Kheti - Hindi

भूमि सुपोषण महत्व व उपयोगी घटक

प्रस्तावना : भूमि, कृषि का मूल आधार स्तंभ है जिसके बिना खेती की परिकल्पना नहीं की सकती है। बदलते समय के साथ हमारे देश की भूमि की गुणवत्ता में कमी आई है, जोकि एक चिंता का विषय है।

time-read
1 min  |
15th September 2021
जैविक सब्जी उत्पादन : आज की आवश्यकता
Modern Kheti - Hindi

जैविक सब्जी उत्पादन : आज की आवश्यकता

आज के दौर में उपभोक्ताओं में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ रही है अत: जैविक (कार्बनिक) गुणवत्ता वाले उत्पादों की मांग हो रही है।

time-read
1 min  |
1st September 2021
जलवायु परिवर्तन का खेतीबाड़ी, खाद्य सुरक्षा एवं पशुपालन पर प्रभाव
Modern Kheti - Hindi

जलवायु परिवर्तन का खेतीबाड़ी, खाद्य सुरक्षा एवं पशुपालन पर प्रभाव

जलवायु परिवर्तन ने हमारे देश को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है जिसकी अनेकों चिन्ताजनक स्थितियां हैं जैसे अनियमित मानसून, कृषिमण्डल का पलायन, महामारी जैसे रोगों में वृद्धि, समुद्र तल का ऊपर उठना, स्वच्छ जल उपलब्धता में बदलाव, सूखा, गर्म हवायें, ओला, तूफान, बाढ़ इत्यादि।

time-read
1 min  |
1st September 2021
खरपतवारनाशी क्या है तथा उनके प्रयोग करते समय सावधानियां
Modern Kheti - Hindi

खरपतवारनाशी क्या है तथा उनके प्रयोग करते समय सावधानियां

खरपतवार खेती के लिए हानिकारक होती है। फसल के साथ बढ़ती है और मृदा की उर्वरकता को कम करती है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए खरपतवारनाशी का उपयोग किया जाता है। जिस प्रकार कीट को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है।

time-read
1 min  |
1st September 2021
केंचुआ खाद एक लाभकारी व्यवसाय
Modern Kheti - Hindi

केंचुआ खाद एक लाभकारी व्यवसाय

बरसात के दिनों में केंचुआ खाद ऊँचे स्थान पर बनानी चाहिए व जल के निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, निचले स्थान पर पानी भरने से केंचुएं दूर चले जाते है व खाद बनाने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

time-read
1 min  |
1st September 2021
मौजूदा कृषि संकट से कैसे निकला जाए?
Modern Kheti - Hindi

मौजूदा कृषि संकट से कैसे निकला जाए?

फसलों एवं सब्जियों के उत्पादन के लिए एवं फूलों व सब्जियों के बीज उत्पादन के लिए हमारे पास अनुकूल प्राकृतिक पर्यावरण है, हमें विकसित देशों की तरह फसल को ग्रीन हाऊस, पॉलीहाऊस एवं तुपका सिंचाई की सुविधा देने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस तरह हम खेती में प्रयास एवं लागतें कम करके अच्छी क्वालिटी की कृषि फसलों की पैदावार कर सकते हैं।

time-read
1 min  |
1st September 2021
पोषक तत्व से भरपूर हैं सब्जियां
Modern Kheti - Hindi

पोषक तत्व से भरपूर हैं सब्जियां

यदि आप शाकाहारी भोजन का पालन करते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके आहार में प्रोटीन युक्त सब्जियां हों। जब आप अपने भोजन में सही सब्जियां लेंगे, तो आपको पर्याप्त मात्रा में एमिनो एसिड मिलेगा जो स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है।

time-read
1 min  |
15th August 2021
धान की फसल में समेकित खरपतवार प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

धान की फसल में समेकित खरपतवार प्रबंधन

धान के पौधों और मुख्य खरपतवार जैसे जंगली धान तथा संवा के पौधों में पुष्यावस्था के पहले काफी समानता पायी जाती है, इसलिये पहले साधारण किसान निराई-गुड़ाई के समय आसानी से इनको पहचान नहीं पाता है।

time-read
1 min  |
15th August 2021
खेती के अवशेष जलाने की बजाए ऑर्गेनिक खाद बनाएं
Modern Kheti - Hindi

खेती के अवशेष जलाने की बजाए ऑर्गेनिक खाद बनाएं

खेत में पड़े गेहूं के अवशेषों को जलाने के बजाए उनको ऑर्गेनिक खाद के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए। इससे न केवल वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है बल्कि पैसे की भी बचत होगी। बाजार में उपलब्ध डीएपी व यूरिया की तुलना में लागत भी काफी कम आती है।

time-read
1 min  |
15th August 2021
खीरे की उन्नत खेती
Modern Kheti - Hindi

खीरे की उन्नत खेती

खीरा गर्म मौसम की फसल है। खीरे का उत्पत्ति स्थान इंडिया हैं तथा कद्दू वर्गीय सब्जियों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।

time-read
1 min  |
15th August 2021
आत्मा स्कीम एवं कृषि विकास
Modern Kheti - Hindi

आत्मा स्कीम एवं कृषि विकास

आत्मा स्कीम नीचे से ऊपर की ओर पहुँच के सिद्धांत पर बनाई गई है जिससे भारत की कृषि, मौसम, रहन-सहन एवं सभ्याचार की विभिन्नता को मद्देनजर रखते हुए किसान हितैषी खोजें की जा सकें और इसी आधार पर सरकारी स्कीमें एवं नीतियां बनाई जा सकें।

time-read
1 min  |
15th August 2021
कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.)
Modern Kheti - Hindi

कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.)

लघु, सीमांत और भूमिहीन किसान इसके शेयर धारक होते हैं जिसका उद्देश्य कृषि से संबंधित समस्याओं के लिए समाधान प्रदान करना एवं उनके उत्थान के लिए अग्रसर रहना है। इससे उपलब्ध सीमित संसाधनों के उपयोग से उत्पादन में वृद्धि कर कृषकों की आय एवं लाभ में वृद्धि करना है। किसान उत्पादक संगठन का प्रमुख उद्देश्य अपने सदस्यों की प्राथमिक उत्पाद को क्रय, विक्रय, एकत्रित करना, श्रेणीकरण करना, विपणन करना व निर्यात करना।

time-read
1 min  |
15th August 2021
मृदा सुधारक के रूप में प्रेसमड का कृषि में महत्व
Modern Kheti - Hindi

मृदा सुधारक के रूप में प्रेसमड का कृषि में महत्व

परिचय : भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी आधी आबादी गाँवों में रहती है एवं अपने जीवन यापन के लिए कृषि एवं उससे सम्बंधित कार्यों पर रहती है। हरित क्रांति के परिणामस्वरुप फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का भारी मात्रा में प्रयोग किया गया, जिससे मृदा गुणवत्ता का ह्रास हुआ है, इसके साथ ही अन्न की गुणवत्ता में गिरावट एवं हमारा पर्यावरण प्रदूषित हुआ है। अतः इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग कम करके जैविक खादों का प्रयोग कर सकते हैं। इस दृष्टि से प्रेसमड एक विकल्प हो सकता है। इस जैविक उर्वरक को लगाने से रासायनिक कीटनाशकों के निरंतर और अत्यधिक उपयोग के कारण प्रभावित मिट्टी को नियंत्रण में लाया जाता है।

time-read
1 min  |
15th August 2021
फसलों की खेती के प्रारूप में बदलाव में
Modern Kheti - Hindi

फसलों की खेती के प्रारूप में बदलाव में

कोविङ-19 महामारी ने हमें इस बात का अनुभव कराया है कि विकास के आयामों में जीवन-यापन के लक्ष्यों के साथ स्थायित्व और स्वास्थ्य के ध्येय का भी समावेश होना चाहिए।

time-read
1 min  |
1st August 2021
भण्डारण के दौरान प्याज व लहसुन में लगने वाली बीमारियां
Modern Kheti - Hindi

भण्डारण के दौरान प्याज व लहसुन में लगने वाली बीमारियां

प्याज एवं लहसुन में भण्डारण के समय अनेक रोग लगते हैं एवं अच्छी गुणवत्ता वाली उच्च विपणन योग्य कन्द उपज पाने के लिए उचित तरीकों से कीट और रोग प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है।

time-read
1 min  |
1st August 2021
आलू में झुलसा रोग का पता लगाएगी ये तकनीक
Modern Kheti - Hindi

आलू में झुलसा रोग का पता लगाएगी ये तकनीक

कृषि क्षेत्र में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी (IIT Mandi) द्वारा एक शानदार तकनीक का आविष्कार किया गया है। इसकी मदद से आलू की फसल में लगने वाले रोगों का पता लगाया जाएगा। दरअसल, संस्थान के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के जरिए आलू के पौधों की पत्तियों की तस्वीर की मदद से रोगों का पता लगाया जाएगा।

time-read
1 min  |
1st August 2021
तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत
Modern Kheti - Hindi

तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत

विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों ने विभिन्न कृषिगत मुद्दों के संदर्भ में भारत पर सवाल उठाया, जिसमें दालों के आयात पर निरंतर प्रतिबंध, गेहूं का भंडारण, अल्पकालिक फसल ऋण, निर्यात सब्सिडी या विभिन्न फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि शामिल हैं। हालांकि नवीनतम मुद्दा घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर सामने आया है। हाल के निर्देशों के अनुसार, सरकार ने वनस्पति तेल (ताड़, सोयाबीन एवं सूरजमुखी के तेल) के आयात पर निर्भरता कम करने के लिये लगभग 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है।

time-read
1 min  |
1st August 2021
कृषि विकास का केन्द्र किसान सोसायटियां
Modern Kheti - Hindi

कृषि विकास का केन्द्र किसान सोसायटियां

सरकारों की ओर से किसान समूहों और सेल्फ हेल्प ग्रुपों के द्वारा कई योजनाओं में अनेक सुविधाओं की तजवीज़ की हुई है ताकि मिलकर कृषि व्यवसाय करके किसान अपने खर्च कम कर सकें और अपनी आमदनी में विस्तार कर सकें।

time-read
1 min  |
1st August 2021
हरी खाद फसलों की विशेषताएं और मिट्टी पर प्रभाव
Modern Kheti - Hindi

हरी खाद फसलों की विशेषताएं और मिट्टी पर प्रभाव

वर्तमान समय में भारत ने रियायती कीमतों के साथ उर्वरक के उपयोग में वृद्धि करके खाद्य पर्याप्तता का स्तर हासिल किया है। अकार्बनिक उर्वरक अधिक महंगे होते जा रहे हैं, इसलिए, अकार्बनिक उर्वरकों के पूरक के वैकल्पिक स्रोतों पर विचार आवश्यक है।

time-read
1 min  |
1st August 2021
दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग
Modern Kheti - Hindi

दलहनी फसलों में राइजोबियम जैव उर्वरक का प्रयोग

राइजोबियम कल्चर का ज्यादातर प्रयोग फसल के बीजों पर किया जाता है अर्थात बीज शोधन द्वारा राइजोबियम कल्चर का प्रयोग करना चाहिए। राइजोबियम कल्चर का प्रयोग सभी दलहन वर्गीय फसलों में किया जाता है।

time-read
1 min  |
15th July 2021
लिलियम की खेती कर किसान लें लाभ
Modern Kheti - Hindi

लिलियम की खेती कर किसान लें लाभ

ताजे कटे पुष्पों को पुष्परक्षक घोल में रखकर उनको काफी समय तक ताजा बनाए रखने के लिए प्रयोग किया जाता है। पुष्परक्षक घोल का प्रयोग पुष्प कली खुलने व गुलदान अवधि बढ़ाने में सहायक होते है।

time-read
1 min  |
15th July 2021
आओ बनें आत्मनिर्भर लघु फूड प्रोसैस्सिंग योजना
Modern Kheti - Hindi

आओ बनें आत्मनिर्भर लघु फूड प्रोसैस्सिंग योजना

देश में असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगभग 25 लाख खाद्य प्रसंस्करण उद्यम हैं जो गैर-पंजीकृत और अनौपचारिक हैं। प्लांट और मशीनरी में केवल 7% निवेश और 3% बकाया क्रेडिट के साथ असंगठित उद्यम खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रोजगार में 74% (एक तिहाई महिलाएं), आऊटपुट में 12% और मूल्यवर्धन में 27% का योगदान करता है। इनमें से लगभग 66% यूनिटें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और उनमें से लगभग 80% परिवार आधारित उद्यम हैं। इनमें से अधिकांश यूनिटें प्लांट और मशीनरी में अपने निवेश और टर्नओवर के अनुसार सूक्ष्म निर्माण उद्योगों की श्रेणी में आती है।

time-read
1 min  |
15th July 2021
किसान भाई-उन्नत विधि अपनायें चावल की उत्पादकता बढ़ायें
Modern Kheti - Hindi

किसान भाई-उन्नत विधि अपनायें चावल की उत्पादकता बढ़ायें

पिछले अंक का शेष....

time-read
1 min  |
15th July 2021
मित्र कीट करेंगे धान की रक्षा
Modern Kheti - Hindi

मित्र कीट करेंगे धान की रक्षा

हमारी नासमझी और अन्धाधुन्ध, रसायनों ने इस सन्तुलन को बिगाड़ दिया है। प्राकृतिक जैविक रोकथाम में सक्षम प्राणी-समूह की पूरी हिफाजत पर्यावरण को प्रदुषण से बचाने के लिए जरूरी है। इसलिए किसान भाई छिड़काव करने से पहले मित्र कीटों का जरूर मूल्यांकन कर ले तथा उनकी संख्या खेत में पर्याप्त हो तो किसी भी रसायन के छिड़काव की आवश्यकता नहीं है।

time-read
1 min  |
15th July 2021
स्वस्थ पौध उत्पादन तकनीक आय वृद्धि का अच्छा स्त्रोत
Modern Kheti - Hindi

स्वस्थ पौध उत्पादन तकनीक आय वृद्धि का अच्छा स्त्रोत

सब्जियों के बीजों के अंकुरण के साथ ही उनके आस-पास विभिन्न प्रकार के खरपतवार भी उग आते है जो कि पौध के साथ पोषक तत्वों, स्थान, नमी, वायु आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते रहते है। अतः स्वस्थ पौध उत्पादन हेतु इनको समय पर निकालना आवश्यक होता है। पौधशाला यदि कम जगह में ही है तो यह कार्य हाथों द्वारा कर लेना चाहिए।

time-read
1 min  |
15th July 2021