एकीकृत रोग प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi|15th August 2022
पौधों की बीमारियों को एक महत्वपूर्ण जैविक बाधा माना जाता है, जिससे दुनिया भर में महत्वपूर्ण फसल का नुकसान होता है। एकीकृत रोग प्रबंधन (आईडीएम), जो एक घटक रणनीति का उपयोग करने के बजाये जैविक, सांस्कृतिक, भौतिक और रासायनिक नियंत्रण रणनीतियों को समग्र रूप से जोड़ता है।
प्रीति वशिष्ठ, पंकज यादव, राहुल कुमार, एन. के. यादव 
एकीकृत रोग प्रबंधन

परिचय : एकीकृत पादप रोग प्रबंधन को एक निर्णय-आधारित प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से रोगजनकों के नियंत्रण को अनुकूलित करने के लिए कई युक्तियों का समन्वित उपयोग शामिल है। ज्यादातर मामलों में आईडीएम में रणनीतियों और रणनीति के संयोजन के समय पर आवेदन के साथ स्काउटिंग शामिल है। इनमें साइट चयन और तैयारी, प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग, रोपण प्रथाओं में बदलाव, जल निकासी, सिंचाई, छंटाई, पतलेपन, छायांकन आदि द्वारा पर्यावरण को संशोधित करना और यदि आवश्यक हो तो कीटनाशकों को लागू करना शामिल हो सकता है। लेकिन इन पारंपरिक उपायों के अलावा, प्रबंधन योजना के लिए पर्यावरणीय कारकों (तापमान, नमी, मिट्टी पीएच, पोषक तत्व, आदि) की निगरानी करना, रोग का पूर्वानुमान लगाना और आर्थिक सीमाएं स्थापित करना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक घटक के लाभों को अधिकतम करने के लिए इन उपायों को एक समन्वित एकीकृत और सामंजस्यपूर्ण तरीके से लागू किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, उर्वरक अनुप्रयोगों को सिंचाई प्रथाओं के साथ संतुलित करने से स्वस्थ जोरदार पौधों को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। हालांकि, इसे पूरा करना हमेशा आसान नहीं होता है और 'रोग प्रबंधन' को एक ही उपाय तक कम किया जा सकता है, जैसा कि पहले 'रोग नियंत्रण' कहा जाता था। जो भी उपाय किए जाते हैं, वे फसल के प्रबंधन के लिए आवश्यक सांस्कृतिक प्रथाओं के अनुकूल होने चाहिएं। किसी भी आईडीएम कार्यक्रम का मूल उद्देश्य कम से कम निम्नलिखित प्राप्त करना होना चाहिए :

1. फसल में रोगों के प्रवेश की संभावना को कम करना

2. रोग की स्थापना और प्रसार के लिए उपयुक्त परिस्थितियों का निर्माण करने से बचना

3. कई रोगजनकों का एक साथ प्रबंधन की नियमित निगरानी

4. रोगजनक प्रभाव और उनके प्राकृतिक दुश्मन और विरोधी भी

5. रसायनों को लागू करते समय आर्थिक या उपचार थ्रेसहोल्ड का उपयोग

6. एकाधिक, दमनकारी रणनीति का एकीकृत उपयोग।

この記事は Modern Kheti - Hindi の 15th August 2022 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Modern Kheti - Hindi の 15th August 2022 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

MODERN KHETI - HINDIのその他の記事すべて表示
कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
Modern Kheti - Hindi

कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव

डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।

time-read
1 min  |
1st November 2024
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
Modern Kheti - Hindi

बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती

आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।

time-read
2 分  |
1st November 2024
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
Modern Kheti - Hindi

अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट

भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।

time-read
2 分  |
1st November 2024
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
Modern Kheti - Hindi

मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन

आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।

time-read
1 min  |
1st November 2024
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
Modern Kheti - Hindi

हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित

कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।

time-read
2 分  |
1st November 2024
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
Modern Kheti - Hindi

दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व

विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।

time-read
2 分  |
1st November 2024
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
Modern Kheti - Hindi

क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?

जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।

time-read
3 分  |
1st November 2024
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
Modern Kheti - Hindi

रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।

time-read
1 min  |
1st November 2024
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
Modern Kheti - Hindi

फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि

फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -

time-read
2 分  |
1st November 2024
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
Modern Kheti - Hindi

उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास

अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।

time-read
1 min  |
1st November 2024