यह सर्वविदित है कि आम के अधिक से अधिक उत्पादन के लिए अधिकाधिक वृक्षों की और वृक्षों को लगाने के लिए अधिक से अधिक भूमि की आवश्यकता होती है। परन्तु 'अति उच्च सघन रोपण' (यूएचडीपी) एक ऐसी नई तकनीक है जिसे अपनाकर कम भूक्षेत्र में भी अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। यह अन्य टिकाऊ कृषि तकनीकियों के साथ मिलकर, परम्परागत कृषि पद्धति की अपेक्षा 200% तक अधिक उपज देने की क्षमता रखती है।
यूएचडीपी तकनीक : भूमि की उपजाऊ क्षमता को प्रभावित किए बिना पेड़ से प्रति इकाई अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए प्रति इकाई क्षेत्र में पौधों को अधिकतम संभव संख्या में स्थापित करना अति उच्च सघन रोपण कहलाता है। यह एक ऐसी पद्धति है जो सभी संसाधनों का इष्टतम उपयोग करती है। इस प्रकार प्रति इकाई क्षेत्रफल में उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसानों के लाभ प्रतिशत में भी वृद्धि करती है।
यूएचडीपी के सिद्धांत :
- प्रति इकाई समय में ऊध्वाधर और क्षैतिज स्थान का सर्वोत्तम उपयोग करना।
- प्रति इकाई क्षेत्र में अधिकतम सौर प्रकाश अवशोषण।
- भूमि उपयोग क्षमता।
- प्रति इकाई आदानों और संसाधनों से अधिकतम संभव लाभ प्राप्त करना।
- पौधों का पर्याप्त वानस्पतिक प्रजनन संतुलन।
यूएचडीपी के घटक :
- बौनी किस्म वाले सायन का उपयोग।
- बौने मूलकाण्ड और अंतर काण्ड का उपयोग।
- कटाई-छंटाई करना।
- वृद्धि नियामकों का उपयोग।
- उचित फसल प्रबंधन तकनीकियों का उपयोग।
एचडीपी रोपण स्थापना में विभिन्न रोपण दूरियां अपनाई जाती हैं और उनका प्रदर्शन विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है। एचडीपी आम के रोपण के लिए उपयुक्त दूरी का चुनाव किसी विशेष स्थान पर विशेष प्रबंधन स्थितियों के तहत पौधों के फैलाव पर निर्भर करता है। पौधरोपण के लिए दूरी का चुनाव निम्न कारकों पर निर्भर करता है :
この記事は Modern Kheti - Hindi の 1st March 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Modern Kheti - Hindi の 1st March 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
सब्जियों की जैविक खेती
सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।
किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।
उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन
दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।
ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय
खुम्बी एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन जैसे पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खुम्बी में वसा की मात्रा कम होने के कारण यह हृदय रोगियों तथा कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा आहार है। खुम्बी एक प्रकार की फफूंद होती है। इसमें क्लोरोफिल नहीं होता और इसको सीधी धूप की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इसे बारिश और धूप से बचाकर किसी मकान या झोंपड़ी की छत के नीचे उगाया जाता है जिसमें हवा का उचित आगमन हो।
वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से प्रयोग करना एवं भविष्य में वित्तीय सुरक्षा को यकीनन बनाने के लिए, प्रत्येक के लिए वित्तीय साक्षरता आवश्यक है। यह यकीनन बनाने के लिए कि आपका वित्त आपके विरुद्ध काम करने की बजाये आपके लिए काम करती है, ज्ञान एवं कुशलता की एक टूलकिट्ट की जरूरत होती है।
मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें
भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए उपजाऊ शक्ति को बनाये रखना बहुत जरूरी है। वर्ष 2025 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए लगभग 45 मिलियन टन उर्वरकों की जरूरत होगी, लेकिन एक अन्दाज के अनुसार वर्ष 2025 में 35 मिलियन टन उर्वरकों का प्रयोग किया जायेगा।
गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ
गेंदा बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला एवं भू-दृश्य के लिए उगाया जाता है।
विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम
अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं वो खरपतवार होते हैं। खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवत्ता पर विपरीत असर डालते हैं।
खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह
उत्तर प्रदेश का एग्रीकल्चर सैक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। इस सैक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है कि देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसी क्रम में हम आपको यूपी के सीतापुर के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लाखों युवा किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।