फसलों के अनुसार खुद को ढाल रही हैं टिड्डिया
Modern Kheti - Hindi|15th July 2024
टिड्डियां गंध की मदद से फसलों को पहले से बेहतर तरीके से पहचान रही हैं तथा उनके अनुसार अपने आपको ढाल रही हैं। इस काम को वे अरबों से ज्यादा जीवों के झुंड में आसानी से कर सकती हैं। इस चिंताजनक बात का खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ कोंस्टांज के क्लस्टर ऑफ एक्सीलेंस कलेक्टिव बिहेवियर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
फसलों के अनुसार खुद को ढाल रही हैं टिड्डिया

शोध के मुताबिक, चार साल पहले जब केन्या में टिड्डियों का प्रकोप फैला था, टिड्डियों ने कुछ इलाकों में फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। टिड्डियों के वहां से चले जाने के बाद केवल जहरीले पौधे ही बच पाए थे।

शोधकर्ताओं ने इस प्रकोप के दौरान क्षेत्र से आंकड़े एकत्र किए और उनके आधार पर प्रयोगों और मॉडलों की योजना बनाई। उनका उद्देश्य टिड्डियों के रहस्यों को उजागर करना था, जो एक वैश्विक खतरा है। इसके कारण धरती पर 10 में से एक व्यक्ति प्रभावित होता है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) का अनुमान है कि एक अब टिड्डियों का झुंड एक दिन में लगभग 1,500 टन भोजन चट कर जाता है, जो 2,500 लोगों की रोजमर्रा के भोजन के बराबर है। ये चौंका देने वाले आंकड़े उनके शोध की तात्कालिकता और महत्व को उजागर करते हैं। अकेले और झुंड में रहने वाले जानवरों के बीच काफी अंतर टिड्डे हमेशा झुंड में नहीं रहते हैं।

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