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जिल पडलर
Shaikshanik Sandarbh

जिल पडलर

दक्षिण अफ्रीका की गणित शिक्षा शोधकर्ता

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July - August 2021
शक्तिशाली... सर्वव्यापी... जीवन का आधार, 'फफूंदों का अनोखा संसार
Shaikshanik Sandarbh

शक्तिशाली... सर्वव्यापी... जीवन का आधार, 'फफूंदों का अनोखा संसार

शक्तिशाली... सर्वव्यापी... जीवन नहीं बल्कि फफूंद की बात कर रही हूँ।

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May - June 2021
चिचड़ी (टिक)
Shaikshanik Sandarbh

चिचड़ी (टिक)

"जानवर की याददाश्त होती है, पर कोई यादें नहीं।" हेमन्न स्टाइनथल (Heymann Steinthal)

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July - August 2021
छतरी
Shaikshanik Sandarbh

छतरी

कहानी - छतरी

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May - June 2021
क्यों करें प्रयोग?
Shaikshanik Sandarbh

क्यों करें प्रयोग?

विज्ञान की कक्षा में गतिविधियों के पक्ष में कुछ और कारण

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May - June 2021
बूँद का कमाल
Shaikshanik Sandarbh

बूँद का कमाल

विज्ञान ज्ञान का पीरियड लग चुका था। मास्साब कक्षा में घुसे तो देखा कि बच्चे फ्यूज़ बल्ब में पानी भरकर अवलोकन कर रहे हैं।

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September - October 2021
मूँ तो चल्याँ टीको लगवावाँ, तूं भी चाल
Shaikshanik Sandarbh

मूँ तो चल्याँ टीको लगवावाँ, तूं भी चाल

ज़मीनी अनुभव, कोरोना काल

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September - October 2021
कहानी के आगे एक कक्षा अनुभव
Shaikshanik Sandarbh

कहानी के आगे एक कक्षा अनुभव

शिक्षकों की कलम से

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September - October 2021
सवालीराम
Shaikshanik Sandarbh

सवालीराम

सवाल: पृथ्वी का छोर कहाँ है?

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September - October 2021
और फिर उन्होंने एक गहरी साँस ली!
Shaikshanik Sandarbh

और फिर उन्होंने एक गहरी साँस ली!

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे अलग-अलग तरीकों से अपने आसपास की दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं। थोड़ी समझ उनके अपने अवलोकनों के कारण विकसित होती है, थोड़ी अपने माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों की बातचीत सुनकर, तो थोड़ी लोकप्रिय माध्यमों से मिलने वाले सन्देशों से। शिक्षक और पाठ्यपुस्तकें भी बच्चों के ज्ञान के इस भण्डार में इजाफा करते हैं। बहरहाल, अक्सर बच्चे वास्तविक दुनिया के अनुभवों से जो समझ विकसित करते हैं, वह कक्षा में सीखी गई बातों से भिन्न होती है। स्कूली शिक्षा बिरले ही इस दोहरी, समानान्तर समझ पर कोई काम करती है।

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September - October 2021
प्रकाश का अवलोकन - छायाएँ और प्रतिबिम्ब
Shaikshanik Sandarbh

प्रकाश का अवलोकन - छायाएँ और प्रतिबिम्ब

क्या छायाएँ पूरी तरह से अँधेरी होती हैं? क्या कुछ छायाएँ अन्य छायाओं से ज़्यादा गहरी होती हैं? एक मोबाइल फोन के कैमरे तथा मनुष्य की आँख में क्या चीज़ समान होती है? क्या कोई प्राकृतिक पिन-होल कैमरा होता है? यदि हम चाहते हैं कि हमें अपना दाहिना हाथ वैसा ही दिखाई दे जैसा वह दूसरों को दिखता है, तो हमें कितने दर्पणों की ज़रूरत होती है? इस लेख में लेखक ने ऐसे कई सरल तरीकों का ज़िक्र किया है जिनके द्वारा, छायाओं और प्रतिबिम्बों का उपयोग करते हुए, प्रकाश के शिक्षण में दैनिक जीवन के अवलोकनों को अवधारणाओं से जोड़ा जा सकता है।

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September - October 2021
अब्बू खाँ की बकरी
Shaikshanik Sandarbh

अब्बू खाँ की बकरी

कहानी

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September - October 2021
साये में बैंकिंग
Shaikshanik Sandarbh

साये में बैंकिंग

यदि ठीक से काम करें तो बैंक कमाल के होते हैं और आम तौर पर वे ठीक से काम करते भी हैं। लेकिन नहीं करते तो मानो कयामत आ जाती है, जैसा कि वर्ष 2008 में संयुक्त राज्य अमरीका (यू.एस.ए.) और लगभग सारी दुनिया में हुआ।

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November - December 2021
सामाजिक बदलाव का माध्यम हैं कहानियाँ
Shaikshanik Sandarbh

सामाजिक बदलाव का माध्यम हैं कहानियाँ

कहानी हानी सुनने-सुनाने का अपना एक अलग ही मज़ा है। गम्भीरता, धैर्य, लगन, मानवीकरण, विश्लेषण और समानुभूति जैसे पहलुओं को विकसित करने और फलने-फूलने के जिन मौलिक गुणों की बच्चों या वयस्कों से अपेक्षा की जाती है, कहानी सुनने-सुनाने की प्रक्रिया में वे स्वतः ही फलने-फूलने और विकसित होने लगते हैं।

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November - December 2021
कुछ पिटे हुए अनुभव
Shaikshanik Sandarbh

कुछ पिटे हुए अनुभव

शिक्षक के हाथों हिंसा का शिकार हुए बच्चे अक्सर भावनात्मक और व्यवहारिक समस्याओं से ताउम्र जूझते हैं। मानसिक तनाव उनके संज्ञानात्मक कौशल और अकादमिक प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। स्कूलों में शारीरिक दण्ड और अपमान व्यापक रूप होता आया है, और आज भी यह तमाम नियम-कानूनों के बावजूद भारत समेत कई देशों में स्कूली शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है। लेखक ने इन्हीं मुद्दों पर अपने अनुभव साझा किए हैं जो तीन दशक बाद आज भी उतने ही मौजूं हैं।

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November - December 2021
लौट के बुध्दू घर को आए
Shaikshanik Sandarbh

लौट के बुध्दू घर को आए

कहानी - लौट के बुध्दू अर को आए

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November - December 2021
कोण को मापे कौन?
Shaikshanik Sandarbh

कोण को मापे कौन?

यहाँ कोणों के दो बहुत कम चर्चित पहलुओं की चर्चा की गई है जो दो अलग-अलग क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं। पहला हिस्सा, सीधे ही मापन की समस्याओं में जाता है और दूसरा हिस्सा कोणों को मापने के वैकल्पिक तरीकों की चर्चा करता है। तो पढ़ें इस आलेख को, ताकि आप अपनी कक्षा में कोणों को मापने की ऐतिहासिक ज़रूरत एवं वास्तविक जीवन में उनके उपयोग मात्र से कुछ अधिक की चर्चा कर सकें।

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November - December 2021
एक-सी और अलग-सी चीजें
Shaikshanik Sandarbh

एक-सी और अलग-सी चीजें

बीती रात से जमकर हो रही बरसात थमती दिख रही थी। स्कूल कैम्पस में काफी कीचड़ मच गया था।

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November - December 2021
आश्रमशाला के आदिवासी बच्चों के साथ हाइड्रोपोनिक खेती
Shaikshanik Sandarbh

आश्रमशाला के आदिवासी बच्चों के साथ हाइड्रोपोनिक खेती

बच्चे अपनी असल ज़िन्दगी के अनुभवों और अवलोकनों के साथ कक्षा में आते हैं। क्या इन अनुभवों और अवलोकनों का कक्षा के शिक्षण से कोई सम्बन्ध है? क्या बच्चे विज्ञान सीखने की प्रक्रिया की अगुआई कर सकते हैं? इस प्रक्रिया में शिक्षक की क्या भूमिका हो सकती है?

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November - December 2021
हम और हमारे विज्ञान समझाने के मॉडल
Shaikshanik Sandarbh

हम और हमारे विज्ञान समझाने के मॉडल

अक्सर हम विज्ञान की अमूर्त अवधारणाओं को समझाने के लिए मॉडल या सरलीकृत प्रयोगों का सहारा लेते हैं। अगर उनकी सीमाओं को रेखांकित न किया जाए और उनकी सशक्त तार्किक बुनियाद न हो, तो यह ढाँचा कभी भी ध्वस्त हो सकता है। प्रकाश के मॉड्यूल में दिए गए एक प्रयोग की विस्तृत समीक्षा करते हुए लेखक ने इस समस्या को उजागर करने की कोशिश की है।

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January - February 2022
लौट के बुध्दू घर को आए
Shaikshanik Sandarbh

लौट के बुध्दू घर को आए

कहानी - लौट के बुध्दू घर को आए

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January - February 2022
रूपान्तरण का अद्भुत महारथी एक ऑक्टोपस
Shaikshanik Sandarbh

रूपान्तरण का अद्भुत महारथी एक ऑक्टोपस

दुनिया टनिया भर के तमाम जीव इसी में उनकी वंश वृद्धि कैसे हो।

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January - February 2022
जमावट
Shaikshanik Sandarbh

जमावट

बाग में स्कूल के बच्चों को देखकर, बकरी चरा रहा बच्चा उनकी ओर टकटकी लगाए हुए था।

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January - February 2022
जन्तुओं में जनन संवाद की सम्भावनाएँ
Shaikshanik Sandarbh

जन्तुओं में जनन संवाद की सम्भावनाएँ

धरातलीय वास्तविकता में, अमूमन ‘जन्तुओं में जनन' जैसे अहम विषय पाठ्यचर्या का हिस्सा होते हुए भी, कक्षा में संवाद का हिस्सा नहीं बन पाते। जहाँ एक ओर, शिक्षार्थियों के लिए, इन विषयों को पाठ्यपुस्तक से आगे बढ़कर सामाजिक परिवेशों से जोड़कर समझने की ज़रूरत है, वहीं कक्षा-कक्ष में शिक्षक इन्हें पढ़ाने से भी हिचकते हैं। ऐसे में, कक्षा में संवाद की क्या अहमियत उभरती है? शिक्षक किन कारणों से खुलकर इन विषयों का शिक्षण नहीं कर पाते? ऐसे सवालों और इनसे जुड़े सामाजिक मुद्दों पर रोशनी डालता है यह लेख।

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January - February 2022
कला शिक्षा की बुनियाद
Shaikshanik Sandarbh

कला शिक्षा की बुनियाद

“बच्चे की कला में सबसे सुन्दर उसकी ‘गलतियाँ होती हैं। जितनी अधिक मात्रा में ये गलतियाँ होती हैं, उतना ही आकर्षक उसका काम होता है। जितना ही उसका शिक्षक उन्हें हटाने की कोशिश करता है, उतना ही बच्चे का काम फीका, निर्धन और व्यक्तित्वहीन हो जाता है।" - फ्रांज़ सिज़ेक

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January - February 2022
उच्च प्राथमिक कक्षाओं में हिन्दी शिक्षण कुछ अनुभव
Shaikshanik Sandarbh

उच्च प्राथमिक कक्षाओं में हिन्दी शिक्षण कुछ अनुभव

प्राथमिक कक्षाओं में भाषा पढ़ाने के नज़रिए एवं विधियों के बारे में करीब डेढ़ दशक से काफी चर्चा होती रही है लेकिन उच्च प्राथमिक कक्षाओं में भाषा पर किस नज़रिए से व कैसे काम करें, इस पर विमर्श कम ही दिखाई पड़ता है।

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January - February 2022
CUBE – पाठशाला के छात्रों से जुड़े प्रोजेक्ट आधारित विज्ञान प्रयोग
Shaikshanik Sandarbh

CUBE – पाठशाला के छात्रों से जुड़े प्रोजेक्ट आधारित विज्ञान प्रयोग

होमी भाभ विज्ञान शिक्षा केन्द्र में CUBE (Collaboratively Understanding Biology Education), सहयोग से विज्ञान के प्रयोग करने की एक संस्कृति है।

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March - April 2021
हमारे बीच जाले बुनती और शिकार करती मकड़ियाँ
Shaikshanik Sandarbh

हमारे बीच जाले बुनती और शिकार करती मकड़ियाँ

वे बहुत नन्हीं तो होती हैं लेकिन मकड़ियों का जीवन भी हमारी तरह अत्यन्त नाटकीय होता है। मकड़ियों को यह तय करना होता है कि वे अपने जाले कहाँ बनाएँ और भोजन कहाँ खोजें। कैसे अपने शत्रुओं से बचें, सम्भावित जोड़ीदार को कैसे ढूँदें और कैसे अपने शिशुओं का ख्याल रखें। है न दिलचस्प? आइए, हमारे साथ मकड़ियों के दिलचस्प संसार को खोजिए।

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March - April 2021
अम्ल, क्षार और pH आयनीकरण से लेकर बफर घोल तक
Shaikshanik Sandarbh

अम्ल, क्षार और pH आयनीकरण से लेकर बफर घोल तक

विज्ञान में पढ़ाई जाने वाली कई 'अवधारणाओं के समान उत्तरोत्तर विकास का विचार अम्ल और क्षार की अवधारणा पर भी लागू होता है। इसका मतलब है कि हम एक ही अवधारणा से बार-बार विभिन्न स्तरों पर मुलाकात करते हैं और अपनी समझ को तराशते जाते हैं। स्कूलों में इस विषय को बहुत ही चलताऊ ढंग से पढ़ाया जाता है, उससे सम्बन्धित अवधारणाओं को गहराई से टटोलने की कोशिश करता है यह आलेख। उम्मीद है कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे आयनीकरण pH का निर्धारण करता है और किसी भी जलीय घोल की pH से तय होता है कि वह अम्ल की तरह बर्ताव करेगा या क्षार की तरह।

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March - April 2021
होमो लूडेन्स- खिलन्दड़ मानव
Shaikshanik Sandarbh

होमो लूडेन्स- खिलन्दड़ मानव

यो ज़े दे ब्लोक के साथ हुई अपनी बातचीत के कई दिनों बाद तक मेरा दिमाग इसी सवाल पर बार-बार वापस लौटता रहा: अगर सारा समाज भरोसे पर आधारित होता, तो कैसा होता?

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March - April 2021