राम सिंह अपने काम से घर लौट कर कमरे का ताला खोल ही रहा था कि उस के मोबाइल पर फिल्मी गाने की रिंगटोन बजने लगी. खीझते हुए जींस पैंट की जेब से मोबाइल निकाला. स्क्रीन पर नजर दौड़ाई. भुनभुनाया, "साली... हरामजादी ! इसे जरा भी चैन नहीं है..." और उस ने फोन कट कर दिया. जल्दी से कमरे का ताला खोला और तालेचाबी के साथ मोबाइल भी बिजली स्विच बोर्ड के नीचे रखे स्टूल पर रख दिया. यह काल उस की प्रेमिका कमलेश की थी.
कमरे से बाहर निकला और बाथरूम में घुस गया. सीमेंटमिट्टी लगे हाथपैर धो कर दोबारा कमरे में आया तो पाया उस का मोबाइल फिर बज रहा है. स्क्रीन पर नजर गई. पहले वाले की ही काल थी. न चाहते हुए भी उस ने काल रिसीव कर ली और तल्खी से बोला, "बोलो, क्या बात है ? जल्दी बताओ, मुझे जोरों की भूख लगी है... खाना भी पकाना है....."
"इसीलिए तुम को कब से कह रही हूं कि शादी कर लो, अपने घर में रख लो... लेकिन तुम तो अब मेरा फोन ही काट देते हो. देखो तो फोन अपना... मैं ने आज कितनी बार फोन किया है." यह उस की प्रेमिका कमलेश की शिकायत थी.
राम सिंह ने तुरंत उसी लहजे में जवाब दिया, "हांहां किया है ? अपने मतलब के लिए किया है न!"
"इस में तुम्हारा मतलब पूरा नहीं होगा, जो तुम ऐसे बोल रहे हो." कमलेश बोली.
"लेकिन तुम्हें कितनी बार इस के लिए मना किया है. मैं शादीशुदा हूं... गांव में बीवीबच्चे हैं..." राम सिंह ने कहा.
"तो फिर मुझ से प्यार क्यों किया? मेरे साथ मजे क्यों करते हो?"
"मैं अकेले मजे करता हूं, तुम नहीं चाहती क्या?" राम सिंह ने सफाई दी.
"लेकिन यह सब कब तक चलेगा? मैं एक लड़की हूं? मुझे भी घर बसाना है ? तुम पर मैं ने भरोसा किया है..."
कमलेश की यह बात सुन कर कुछ सेकेंड के लिए राम सिंह चुप लगा गया. कुछ देर ठहर कर सहमता हुआ बोला, "अच्छा, छोड़ो वह सब, बताओ तुम ने आज इतनी बार फोन क्यों किया?"
"जरूरी है कुछ. मिलोगे तब बताऊंगी."
"ठीक है, कल मिलना... सब बातें फोन पर नहीं की जाती हैं."
"मेरा रिचार्ज करवा देना, आज खत्म हो जाएगा. अधिक पैसे वाला करवाना. अब वीडियो काल करूंगी."
この記事は Manohar Kahaniyan の December 2024 版に掲載されています。
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