अष्टांग योग संपूर्ण उपचार पद्धति

योग एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति, एक रूपांतरण प्रक्रिया है इसमें संदेह नहीं, लेकिन मात्र कुछ आसन या श्वास-प्रक्रियाएं संपूर्ण योग नहीं है। योग के आठ अंग हैं: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। चिकित्सा पद्धति के रूप में अथवा रूपांतरण के लिए योग के इन सभी आठों अंगों का महत्त्व है अतः आवश्यकतानुसार सभी अंगों का अभ्यास अनिवार्य है। एक प्रसिद्ध योगाचार्य अपने नियमित कॉलम में प्रत्येक रोग के उपचार के लिए कुछ योगासन तथा प्राणायाम के अभ्यास बताते हैं। योगाचार्य जी डायबिटीज के उपचार के लिए कुछ आसन, कुछ श्वास के अभ्यास तथा अन्य क्रियाएं सुझाते हैं। क्रियाओं की विधि बतलाने से पूर्व वे कहते हैं कि हर अभ्यास इस भाव से करें कि 'मेरा पेंक्रियाज स्वस्थ हो रहा है तथा मधुमेह एवं मधुमेह के कारण उत्पन्न अन्य रोग भी मिट रहे हैं।' बालों की खूबसूरती के लिए योगाचार्य जी योगासन तथा प्राणायाम के कतिपय अभ्यासों के बाद दोनों हाथों के नाखून रगड़ने का परामर्श भी देते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि नाखून रगड़ते समय मन में ये भाव रखें कि मेरे बालों का पोषण हो रहा है। यहां शारीरिक अभ्यास क्रम के साथ-साथ मानसिक अभ्यास क्रम को भी जोड़ दिया गया है।
अब प्रश्न उठता है कि शारीरिक अभ्यास क्रम महत्त्वपूर्ण है या मानसिक अभ्यास क्रम?
हमारा शरीर तथा हमारा व्यक्तित्व वास्तव में हमारी भाव प्रक्रिया द्वारा निर्मित होता है। जैसा हम लगातार चिंतन करते अथवा सोचते हैं वैसे ही हम हो जाते हैं अत: हमारी विचार प्रक्रिया का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य अथवा रोग पर भी पड़ता है। यही विचार प्रक्रिया या भाव या आत्म-संसूचन अथवा स्वीकारोक्ति या प्रतिज्ञापन (एफर्मेशन) रोग के उपचार में भी सबसे महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है। यानी अपने मन में उठने वाले भाव या विचार से मस्तिष्क को प्रभावित करना है। यहां मन महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
जैसा हम चाहते हैं अथवा अभीप्सा करते हैं वह मन-मस्तिष्क की अल्फा अवस्था या कहें तुरीयावस्था में ही पूरा होना संभव होता है जो 'योगनिद्रा' जैसी ही अवस्था है। योग के अभ्यास क्रम में इसकी भूमिका 'शवासन' जैसी ही है।
この記事は Sadhana Path の September 2023 版に掲載されています。
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सुख समृद्धि पाने के सफल उपाय
हमारे जीवन में कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जो हमारे जीवन से सुख व चैन को विलुप्त कर देती हैं। इस लेख के माध्यम से जानें ज्योतिष के कुछ ऐसे उपायों को जिनके माध्यम से आप विभिन्न समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

स्वप्न की प्रक्रिया और फलादेश
हिंदू धर्म शास्त्रों-अथर्ववेद, योगसूत्र, पुराण, उपनिषदों इत्यादि में स्वप्नों का आध्यात्मिक विश्लेषण मिलता है, जिसके अनुसार स्वप्न की क्रिया मनुष्य की आत्मा से जुड़ी है और आत्मा-परमात्मा से। मन की कल्पना शक्ति असीम है।

घर को जल रिसाव से बचाएं
हमारे प्राचीन वास्तु शास्त्र के अनुसार, जल रिसाव या पानी टपकने के चलते जिंदगी में भारी अनिष्ट हो सकता है जिसके चलते आर्थिक व आध्यात्मिक रूप से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है

क्रोध और चेतना
तुमसे क्रोध तभी होता है, जब तुम्हारी चेतना जाग्रत नहीं होती। अब ऐसा हो गया तो हो गया, बस भूल जाओ अब। बात खत्म। अब, इस समय, इस वर्तमान क्षण में रहो, जाग्रत हो जाओ।

कैसा हो बच्चों का कमरा?
स्वभाविक रूप से बच्चों को सुरक्षा एवं अपनापन महसूस होना चाहिए। बच्चे के कमरे में रुचि एवं प्रयत्न दर्शाकर आप बच्चों के सामने दर्शाते हैं कि आप उनकी जगह का ध्यान रखते हैं और इसीलिए आपके बच्चे, आपके लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

नींद पूरी न होने से रुक सकता है बच्चे का मानसिक विकास
बच्चों को सही पोषण देने के साथ-साथ उनके व्यवहार और उन्हें अच्छे से नींद आए इसका भी माता-पिता को ध्यान रखना बेहद जरूरी है। बच्चे में अनिद्रा की समस्या सोने के समय की आदतों पर निर्भर करता है।

बच्चों में विटामिन डी की कमी पूरी करते हैं ये 5 आहार
बच्चों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन-डी अति आवश्यक है। जन्म के बाद से ही बच्चों में इस विटामिन की एक निश्चित मात्रा होना जरूरी माना जाता है। धूप के अलावा इन खाद्य पदार्थ से भी इस विटामिन की कमी को पूरा किया जा सकता है।

जीवन और मृत्यु का रहस्य
जो व्यक्ति अपने मन को विकास-रहित रखते हैं वे वस्तुतः मृत हैं। जीवन के रहस्य को सुलझाने के लिए आपको प्रतिदिन एक नया जन्म लेना चाहिए। इसका अर्थ है कि आपको किसी न किसी रूप में अपना सुधार करने के लिए प्रतिदिन अवश्य प्रयास करना चाहिए।

शरीर के साथ दिमाग को भी दें अच्छी खुराक
क्या आप अपनी त्वचा के साथ अपने दिमाग को भी दुरुस्त रखना चाहते हैं? ऐसे में सबसे पहले अपना खानपान बदलने का प्रयास कीजिए, क्योंकि शरीर के साथ दिमाग को भी अच्छी खुराक की जरूरत होती है। दरअसल, हमारी डाइट ही यह निर्धारित करती है कि हम कितने स्वस्थ हैं और हमारा दिमाग कितना काम करता है!

कोरोना वायरस से संबंधित 8 मिथ जिनको दूर करना है जरूरी
कोरोना वायरस का कहर अभी तक थमा नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि आप इस वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर दिए जा रहे इलाज पर आंख मूंदकर विश्वास न करें। कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।