नई उमंग और आशाओं से भरपूर दीवाली के पावन पर्व पर हम पूजा-अर्चना करने के साथ ही विशेष व्यंजन और मिठाइयों से त्यौहार का स्वागत बड़ी धूमधाम से करते हैं। जाहिर सी बात है कि दीपावली जैसा बड़ा त्योहार आने से भागदौड़ भी काफी बढ़ जाती है लेकिन ऐसे समय में अपनी सेहत के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे आसान से तरीके जिनसे आप फैस्टिव सीजन में खुद को पूरी तरह से सेहतमंद रखकर उत्सवों का मजा ले सकते हैं।
रहें हाइड्रेट, रहें फिट
अक्सर ऐसा होता ही है कि थोड़ी-सी भागदौड़ हुई नहीं कि सबसे पहले हम पानी पीना भूल जाते हैं और बॉडी में पानी की कमी की वजह से हमारी एनर्जी में बहुत कमी आ जाती है और थकान महसूस होने लगती है। ऐसे में डिहाइड्रेशन हो सकता है। दीपावली की भागदौड़ के दौरान कोशिश करें अधिक से अधिक पानी पियें और साथ ही दूसरे हेल्दी लिक्विड्स जैसे - जूस, नारियल पानी, नींबू पानी आदि पीते रहें।
खानपान पर रखें नियंत्रण
फैस्टिव सीजन के समय अक्सर हमारी लाइफ थोड़ी अस्त-व्यस्त हो जाती है, जिसके चलते डाइट चार्ट भी सही तरह से फॉलो नहीं हो पाता है और इस लापरवाही से काफी सारी एक्स्ट्रा कैलोरीज हमारे शरीर में इकट्ठा होती जाती है। दीपावली के मौके पर ज्यादा मिठाइयां और चॉकलेट सेहत पर बुरा असर डालती है। ऐसे में आपको त्यौहार के समय में भी अपने खानपान पर नियंत्रण रखने की जरूरत है।
प्रोटीन को दें प्राथमिकता
この記事は Sadhana Path の October 2024 版に掲載されています。
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
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