कथाएं चार, सबक़ अपार
Aha Zindagi|December 2024
कथाएं केवल मनोरंजन नहीं करतीं, वे ऐसी मूल्यवान सीखें भी देती हैं जो न सिर्फ़ मन, बल्कि पूरा जीवन बदल देने का माद्दा रखती हैं - बशर्ते उन सीखों को आत्मसात किया जाए!
स्वाति-शैलेश लोढ़ा
कथाएं चार, सबक़ अपार

अहंकार का अंकुर जब दिखे उखाड़ दें

एक राजा था। उसने एक बड़ा सुंदर बाग़ीचा बनाया। उसमें उसने सत्य, प्रेम, ईमानदारी और सच्चाई, भक्ति, ज्ञान इत्यादि के पौधे लगाए। इन पौधों की राजा स्वयं देखभाल करता। उनमें खाद-पानी देता। पौधे बड़े होने लगे। उन पर फूल खिले। उन फूलों में ऐसी महक थी कि सारा नगर, राज्य महक उठा। चारों ओर राजा की बड़ाई होने लगी। उसकी जय-जयकार होने लगी। राजा फूलकर कुप्पा हो गया।

कुछ ही दिनों में राजा ने देखा कि एक नन्हा सा पौधा अपने आप उग आया है। बड़े-बड़े पौधों के बीच उस पौधे का क्या मूल्य हो सकता था! राजा ने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब वह पौधा तेज़ी से बढ़ने लगा तो राजा ने उसे उखाड़ने की कोशिश नहीं की। सोचा- कोई बात नहीं, पड़ा रहने दो। थोड़े दिन बीते कि उसने वृक्ष का रूप धारण कर लिया। उस पर फूल खिले। फूल इतने सुंदर थे कि जो भी देखता, देखता रह जाता, लेकिन उनमें इतनी भयंकर दुर्गंध थी कि लोगों को सहन करना कठिन था। वे नाक बंद कर लेते। राजा हैरान था कि यह वृक्ष कौनसा है कि जिसके फूल तो इतने सुंदर हैं पर जिसकी गंध इतनी असहनीय है।

この記事は Aha Zindagi の December 2024 版に掲載されています。

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कथाएं चार, सबक़ अपार
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कथाएं चार, सबक़ अपार

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3 分  |
December 2024
मनोरम तिर्रेमनोरमा
Aha Zindagi

मनोरम तिर्रेमनोरमा

अपने प्राकृतिक स्वरूप, ऋषि-मुनियों के आश्रम, सरोवर और सुप्रसिद्ध मेले को लेकर चर्चित गोंडा ज़िले के तीर्थस्थल तिर्रेमनोरमा की बात ही निराली है।

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3 分  |
December 2024
चाकरी नहीं उत्तम है खेती...
Aha Zindagi

चाकरी नहीं उत्तम है खेती...

राजेंद्र सिंह के घर पर किसी ने खेती नहीं की। लेकिन रेलवे की नौकरी करते हुए ऐसी धुन लगी कि असरावद बुजुर्ग में हर कोई उन्हें रेलवे वाले वीरजी, जैविक खेती वाले वीरजी, सोलर वाले वीरजी के नाम से जानता है। उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी।

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3 分  |
December 2024
उसी से ग़म उसी से दम
Aha Zindagi

उसी से ग़म उसी से दम

जीवन में हमारे साथ क्या होता है उससे अधिक महत्वपूर्ण है कि हम उस पर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं। इसी पर निर्भर करता है कि हमें ग़म मिलेगा या दम। यह बात जीवन की हर छोटी-बड़ी घटना पर लागू होती है।

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4 分  |
December 2024
एक कप ज़िंदगी के नाम
Aha Zindagi

एक कप ज़िंदगी के नाम

सिडनी का 'द गैप' नामक इलाक़ा सुसाइड पॉइंट के नाम से जाना जाता है। लेकिन इस स्थान से जुड़ी एक कहानी ऐसी है, जिसने कई जिंदगियां बचाईं। यह कहानी उस व्यक्ति की है, जिसने अपनी साधारण-सी एक पहल से अंधेरे में डूबे हुए लोगों को एक नई उम्मीद की किरण से रूबरू कराया।

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4 分  |
December 2024
कौन हो तुम सप्तपर्णी?
Aha Zindagi

कौन हो तुम सप्तपर्णी?

प्रकृति की एक अनोखी देन है सप्तपर्णी। इसके सात पर्ण मानो किसी अदृश्य शक्ति के सात स्वरूपों का प्रतीक हैं और एक पुष्प के साथ मिलकर अष्टदल कमल की भांति हो जाते हैं। हर रात खिलने वाले इसके छोटे-छोटे फूल और उनकी सुगंध किसी सुवासित मधुर गीत तरह मन को आनंद विभोर कर देती है। सप्तपर्णी का वृक्ष न केवल प्रकृति के निकट लाता है, बल्कि उसके रहस्यमय सौंदर्य की अनुभूति भी कराता है।

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7 分  |
December 2024
धम्मक-धम्मक आत्ता हाथी...
Aha Zindagi

धम्मक-धम्मक आत्ता हाथी...

बाल गीतों में दादा कहकर संबोधित किया जाने वाला हाथी सचमुच इतना शक्तिशाली होता है कि बाघ और बब्बर शेर तक उससे घबराते हैं। बावजूद इसके यह किसी पर भी यूं ही आक्रमण नहीं कर देता, बल्कि अपनी देहभाषा के ज़रिए उसे दूर रहने की चेतावनी देता है। जानिए, संस्कृत में हस्ती कहलाने वाले इस अलबेले पशु की अनूठी हस्ती के बारे में।

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7 分  |
December 2024
यह विदा करने का महीना है...
Aha Zindagi

यह विदा करने का महीना है...

साल समाप्त होने को है, किंतु उसकी स्मृतियां संचित हो गई हैं। अवचेतन में ऐसे न जाने कितने वर्ष पड़े हुए हैं। विगत के इस बोझ तले वर्तमान में जीवन रह ही नहीं गया है। वर्ष की विदाई के साथ अब वक़्त उस बोझ को अलविदा कह देने का है।

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4 分  |
December 2024
सर्दी में क्यों तपे धरतीं?
Aha Zindagi

सर्दी में क्यों तपे धरतीं?

सर्दियों में हमें गुनगुनी गर्माहट की ज़रूरत तो होती है, परंतु इसके लिए कृत्रिम साधनों के प्रयोग के चलते धरती का ताप भी बढ़ने लगता है। यह अंतत: इंसानों और पेड़-पौधों सहित सभी जीवों के लिए घातक है। अब विकल्प हमें चुनना है: जीवन ज़्यादा ज़रूरी है या फ़ैशन और बटन दबाते ही मिलने वाली सुविधाएं?

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6 分  |
December 2024
उज्ज्वल निर्मल रतन
Aha Zindagi

उज्ज्वल निर्मल रतन

रतन टाटा देशवासियों के लिए क्या थे इसकी एक झलक मिली सोशल मीडिया पर, जब अक्टूबर में उनके निधन के बाद हर ख़ास और आम उन्हें बराबर आत्मीयता से याद कर रहा था। रतन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं और महज़ दो माह पहले ही उनके बारे में काफ़ी कुछ लिखा भी गया। बावजूद इसके बहुत कुछ लिखा जाना रह गया, और जो लिखा गया वह भी बार-बार पढ़ने योग्य है। इसलिए उनके जयंती माह में पढ़िए उनकी ज़िंदगी की प्रेरक किताब। रतन टाटा के समूचे जीवन को चार मूल्यवान शब्दों की कहानी में पिरो सकते हैं: परिवार, पुरुषार्थ, प्यार और प्रेरणा। उन्हें नमन करते हुए, आइए, उनकी बड़ी-सी ज़िंदगी को इस छोटी-सी किताब में गुनते हैं।

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10+ 分  |
December 2024